चाणक्य नीति: माता-पिता को नहीं करनी चाहिए ऐसी गलतियां, जानिए बच्चों पर होने वाले दुष्प्रभाव

Chanakya Niti In Hindi: आचार्य चाणक्य ने बताया है कि बच्चों को अच्छे संस्कार माता-पिता से ही मिलते है. चााणक्य ने लोगों के हर एक पहलू से संबंधित कई तरह की बातें बतायी है, जिनका पालन करके आप अपनी लाइफ को बेहतर बना सकते हैं. चाणक्य ने कहा है कि बच्चों की सफलता में माता-पिता का अहम योगदान होता है. बच्चे अपने माता-पिता से बहुत कुछ सीखते हैं.

By Radheshyam Kushwaha | May 18, 2020 9:50 AM
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Chanakya Niti In Hindi: आचार्य चाणक्य ने बताया है कि बच्चों को अच्छे संस्कार माता-पिता से ही मिलते है. चााणक्य ने लोगों के हर एक पहलू से संबंधित कई तरह की बातें बतायी है, जिनका पालन करके आप अपनी लाइफ को बेहतर बना सकते हैं. चाणक्य ने कहा है कि बच्चों की सफलता में माता-पिता का अहम योगदान होता है. बच्चे अपने माता-पिता से बहुत कुछ सीखते हैं. हर माता पिता अपने बच्चों को अच्छे ही संस्कार देते है. चाणक्य कहते हैं कि माता-पिता का व्यवहार बच्चों को बहुत जल्दी प्रभावित करता है, ऐसे में उन्हें हमेशा ही बच्चों के सामने सौम्य व आदर्श आचरण प्रस्तुत करना चाहिए.

चाणक्य समाजशास्त्री और अर्थशास्त्री होने के साथ ही एक योग्य शिक्षक भी थे. उन्होंने अपने ग्रंथ चाणक्य नीति में माता-पिता को बच्चों के समक्ष किस तरह पेश आना चाहिए. इसका भी जिक्र किया है. आचार्य चाणक्य के अनुसार जीवन के पहले गुरु माता-पिता ही होते हैं. बच्चों की सफलता में माता-पिता का अहम योगदान होता है. बच्चे अपने माता-पिता से बहुत कुछ सीखते हैं. हर माता-पिता अपने बच्चों को अच्छे संस्कार ही देते हैं. परंतु कभी-कभी जाने अनजाने में हमसे कुछ ऐसी गलतियां हो जाती हैं, जिसका सीधा असर हमारे बच्चों के संस्कारों पर पड़ता है.

बच्चों के सामने माता-पिता को नहीं करना चाहिए दिखावा

माता-पिता को बच्चों से प्यार से बातें करनी चाहिए. ऐसा करने से वे भी प्यार से बात करना सीखते हैं. आचार्य चाणक्य की नीतियों के अनुसार जैसा हम आचरण करते हैं वैसे ही हमारे बच्चे भी करते हैं. आचार्य चाणक्य ने कहा है कि अगर आप किसी बड़े पद पर आसीन हैं, तो इस चीज का दिखावा अपने बच्चों के सामने नहीं करना चाहिए. बच्चों के सामने दिखावा करने पर उसका बुरा प्रभाव पड़ता है. बच्चों को सौम्य बनाने के लिए जरूरी है कि आप भी उनके सामने जमीन से जुड़े रहें. इस तरह से बच्चों में कभी भी अहंकार की भावना नहीं आएगी. आचार्य चाणक्य की नीतियों के अनुसार माता-पिता को अपने बच्चों के सामने दिखावा नहीं करना चाहिए. ऐसा करने से बच्चों के मन में गलत धारणाएं बैठने लगती हैं.

बच्चों के सामने हमेशा एक दूसरे को सम्मान करना चाहिए

बच्चों के सामने पति-पत्नी को हमेशा ही एक दूसरे का सम्मान करना चाहिए. वहीं, माता-पिता को हमेशा अच्छी भाषा का प्रयोग करना चाहिए. माता-पिता बनने के बाद बच्चों के समक्ष एक-दूसरे के प्रति अधिक आदर दिखाएं. अगर आप घर में गलत भाषा का प्रयोग करेंगे तो आपके बच्चे भी उसी भाषा का प्रयोग करेंगे. आचार्य चाणक्य की नीतियों के अनुसार अगर आपके बच्चे गलत भाषा का प्रयोग करना सीख गए तो आपको उनकी वजह से समाज में शर्मिंदा होना पड़ सकता है. जिन घरों में माता-पिता के बीच आपसी सामंजस्य अच्छा नहीं होता, वहां बच्चे जल्दी ही नकारात्मकता के शिकार हो जाते हैं. आर्चाय चाणक्य की नीतियों के अनुसार अगर आप अपने बच्चों के सामने एक दूसरे का अपमान करेंगे तो बच्चे भी ऐसा ही करेंगे और किसी का भी सम्मान नहीं करेंगे.

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