Chandra Darshan 2022: चंद्र दर्शन हिंदू धार्मिक परंपरा में अपना विशेष महत्व रखता आया है. धार्मिक शास्त्रों के अनुसार अमावस्या तिथि के बीतने के बाद जब शुक्ल पक्ष की पहली तिथि को चंद्र उदय होता है तो इसे देखना अत्यंत शुभ होता है. इस दिन चंद्रमा की विशेष पूजा की जाती है और अर्घ्य दिया जाता है. इस दिन व्रत रखने का भी विशेष महत्व होता है. जानें चंद्र दर्शन के शुभ मुहूर्त और पूजा विधि.
चंद्र दर्शन को लेकर ऐसी मान्यता है कि जो व्यक्ति किसी तरह की मानसिक परेशानी, तनाव से जूझ रहा है तो उसे अमावस्या के बाद निकलने वाले चांद के दर्शन और पूजन करना चाहिए. इससे व्यक्ति की समस्याओं का निदान होता है. चंद्रमा को मन और ऐश्वर्य का प्रतीक माना गया है किसी भी व्यक्ति की कुंडली में चंद्रमा की अच्छी स्थिति सुख और सौभाग्य का कारक होता है. अमावस्या के बाद निकले चांद के दर्शन से कुंडली में चंद्र की स्थिति अच्छी बनती है. 2022 में पहले मासिक चंद्र दर्शन के क्या मुहूर्त जानें.
चंद्र दर्शन की तिथि: 04 जनवरी, दिन – मंगलवार
चंद्रोदय : 04 जनवरी, सुबह 08:47 बजे, दर्शन- शाम 5:15 के बाद
चंद्र अस्त: जनवरी 4, 07:20 अपराह्न
हिन्दू धर्म के अनुसार चन्द्रमा का नौ ग्रहों में विशेष स्थान है. ज्योतिष के अनुसार चन्द्रमा का हमारे जीवन पर काफी प्रभाव होता है. ऐसे में बहुत से लोगों को जिनकी कुंडली में चंद्र की स्थिति मजबूत नहीं होती उन्हें चन्द्रमा की विधिवत पूजा-व्रत करने की सलाह दी जाती है. मान्यता है कि चन्द्रमा की पूजा और व्रत करने से जीवन के सभी नकारात्मक विचार दूर होते हैं और इंसान के जीवन में सकारात्मकता का संचार होता है.
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मंगलवार यानी 4 जनवरी को शाम के समय चंद्रमा की विधिवत पूजा करें.
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चंद्र देव को रोली, फल और फूल चढ़ा कर उन्हे नमन करें.
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चंद्रमा को अर्घ्य देकर अपना व्रत खोलें.