Grahan 2020: ग्रहण का पड़ेगा मानव जीवन पर असर, जानिए कैसे ग्रहों से मिल रहे नकारात्मक परिणाम होगा दूर
lunar eclipse 2020: इस समय पूरी दुनिया कोरोना संकट से जूझ रही है, वहीं, मानव जीवन के समक्ष गंभीर समस्या है कि इस संकट की घड़ी से कैसे बचा जा सकें और इसका उपाय क्या है. वहीं, अगले महीने जून और जुलाई में तीन बड़े ग्रहण लग रहे है, इसके साथ ही कुछ ही दिनों में 06 ग्रह उल्टी चाल चलेंगे. फिलहाल शनि, शुक्र, गुरु और बुध उल्टी चाल चल रहे है. इन ग्रहों के उल्टी चाल चलने से मानव जीवन पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.
इस समय पूरी दुनिया कोरोना संकट से जूझ रही है, वहीं, मानव जीवन के समक्ष गंभीर समस्या है कि इस संकट की घड़ी से कैसे बचा जा सकें और इसका उपाय क्या है. वहीं, अगले महीने जून और जुलाई में तीन बड़े ग्रहण लग रहे है, इसके साथ ही कुछ ही दिनों में 06 ग्रह उल्टी चाल चलेंगे. फिलहाल शनि, शुक्र, गुरु और बुध उल्टी चाल चल रहे है. इन ग्रहों के उल्टी चाल चलने से मानव जीवन पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. ज्योतिष के अनुसार जून और जुलाई में मानव जीवन के समक्ष गंभीर संकट आने वाला है. इधर, लगातार तीन बड़े ग्रहण और 06 ग्रहों के उल्टी चाल चलने से बहुत बड़ा संकट का संकेत मिल रहा है.
सनातन धर्म के अनुसार दान करना बेहद महत्वपूर्ण माना गया है. दान करना रिवाज नहीं है, बल्कि दान करने के पीछे विभिन्न धार्मिक उद्देश्य बताए गए हैं. हिन्दू धार्मिक ग्रंथों के अनुसार दान से इंद्रिय भोगों के प्रति आसक्ति छूटती है. वहीं दान करने से मन की ग्रंथियां खुलती है, जिससे मृत्युकाल में किया गया दान का लाभ मिलता है. वहीं, व्यक्ति को किसी ग्रह से मिल रहे नकारात्मक परिणाम को कम करने के लिए किया जाता है. ज्योतिष के अनुसार अपनी कुंडली के ग्रहों को साधने और ग्रहों से सकारात्मक परिणाम के लिए बताए गए उपायों में से दान भी शामिल है. जब आप धर्म और परोपकार की दृष्टि से सहायतार्थ दान करते हैं तो उसमें कोई नियम या दिन विशेष का बंधन नहीं होता है. लेकिन ज्योतिषीय दृष्टि से किसी ग्रह के लिए कराया गया दान निश्चित दिन और मात्रा के नियम में होता है. ज्योतिषीय उपाय के तौर पर कराया गया दान भी परोपकार और सहायता की दृष्टि से ही होता है. दान देते समय आपकी भावना और श्रद्धा जितनी शुद्ध होगी उसके परिणाम भी उतने ही अच्छे आएंगे.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार दान तभी कराया जाता है जब कुंडली में चल रही किसी ग्रह की दशा आपको बुरे परिणाम देखर संघर्ष बढ़ा रही हो, या फिर वर्तमान गोचर में कोई ग्रह आपके लिए नकारात्मक हो. जैसे मारकेश ग्रहों की दशा, कुंडली के अकारक ग्रहों की दशा, पीड़ित ग्रहों की दशा. जब जीवन में बाधाएं बढ़ती हैं या साढ़ेसाती, ढैय्या और वर्तमान नकारात्मक गोचर ग्रहों के दुष्प्रभाव से बचने के लिए भी उस समय में विशेष ग्रह का दान किया जाता है. हिन्दू धर्म में आज भी विभिन्न वस्तुओं को दान करने के संस्कार का पालन किया जाता है. आजकल अमूमन दान कर्म ज्योतिषीय उपायों को मद्देनजर रख कर किए जाते हैं.
दान कर्म
आपने यह तो सुना होगा कि जन्म कुण्डली के विभिन्न ग्रहों को शांत करने के लिए लोगों द्वारा दान कर्म किए जाते हैं. जैसा हमें ज्योतिषी बताते हैं हम उसी अनुसार वस्तुओं का दान करते हैं. लेकिन क्या कभी किसी ज्योतिषी ने आपको बताया है कि किस समय कैसा दान करना चाहिए. अगर नहीं तो जानिए ग्रहों के अनुसार दान करने की बस्तुए.
सूर्य: गेहूं, ताम्बे के बर्तन. गुड़, लाल वस्त्र.
चन्द्रमा: दूध, चावल, सफेद वस्त्र.
मंगल: लाल मसूर, गुड़, लाल वस्त्र, ताम्बे के बर्तन.
बुध: साबुत मूंग, हरी सब्जियां, कांसे के बर्तन.
बृहस्पति: चने की दाल, बेसन के लड्डू, पीले वस्त्र, गाय का घी.
शुक्र: चावल, सफेद मिठाई, सफेद वस्त्र.
शनि: साबुत उड़द, सरसों का तेल, लोहे का सामान.
राहु: सतनाजा, साबुत उड़द, नारियल, साबुत बादाम.
केतु: कम्बल, साबुत उड़द और चावल का मिश्रण, सतनाजा.