शरद पूर्णिमा पर बन रहा गजकेसरी समेत 4 अद्भुत संयोग, जानें ग्रहण काल में आसमान के नीचे कब रख सकेंगे खीर

Radheshyam Kushwaha

आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को शरद पूर्णिमा का त्योहार मनाया जाता है. इस साल शरद पूर्णिमा 28 अक्टूबर को है. शरद पूर्णिमा का त्योहार खीर के बिना अधूरा माना जाता है.

शरद पूर्णिमा का महत्व | सोशल मीडिया

शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा की किरणें अमृत के समान होती हैं, इसी के चलते लोग प्रसाद के तौर पर खीर बनाकर खुले आसमान के नीचे रखते हैं. मान्यता है कि खीर भी अमृत बन जाती है.

Sharad Purnima 2023 | सोशल मीडिया

28 अक्टूबर दिन शनिवार की रात को चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है और इस दिन शरद पूर्णिमा भी है. यह चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई देगा और रात 01 बजकर 44 मिनट पर शुरू होगा और देर रात 2 बजकर 24 मिनट पर समाप्त होगा.

Chandra Grahan 2023 | सोशल मीडिया

शरद पूर्णिमा पर कई अद्भुत संयोग बन रहे हैं, जिससे इस दिन का महत्व काफी बढ़ गया है. यह चंद्र ग्रहण तुला राशि और स्वाति नक्षत्र में लग रहा है और इस दिन चंद्रमा मेष राशि में रहेंगे, जहां पहले से ही गुरु ग्रह विराजमान हैं.

Chandra Grahan 2023 | सोशल मीडिया

इस तरह चंद्रमा और गुरु की युति से गजकेसरी योग बन रहा है. गजकेसरी योग के साथ इस दिन रवि योग, बुधादित्य योग, शश योग और सिद्धि योग भी लगने जा रहा है.

Chandra Grahan 2023 | सोशल मीडिया

शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा बेहद शक्तिशाली होता है. इस दिन रात में आसमान के नीचे खीर रखने का विधान है. इस बार शरद पूर्णिमा की रात चंद्र ग्रहण लगेगा.

Chandra Grahan 2023 | सोशल मीडिया

ग्रहण काल में खीर रखने पर दूषित हो जाएगी. ऐसे में चंद्र ग्रहण समाप्त होने के बाद ही स्नान कर खीर बनाकर ही आसमान के नीचे रखने पर शुभ रहेगा.

खीर | सोशल मीडिया