Chandra Grahan 2024: पितृपक्ष के साए में दो-दो अशुभ ग्रहण, पड़ेगा ये असर

Chandra Grahan 2024: आज साल का आखिरी चंद्रग्रहण है. ज्योतिषविदों की मानें तो पितृपक्ष पर ग्रहण का यह अशुभ प्रभाव चिंताजनक है.

By Shaurya Punj | September 18, 2024 2:04 PM

Chandra Grahan 2024: आज 18 सितंबर से पितृपक्ष की शुरुआत हो गई है और आज ही साल का दूसरा और अंतिम चंद्र ग्रहण भी लग चुका है. इस बार पितृ पक्ष 2 अक्टूबर को समाप्त होगा. पितरों की आत्मा को शांति पहुंचाने और मोक्ष की प्राप्ति के लिए पितृपक्ष में लोग तर्पण, पिंडदान, श्राद्ध आदि कर्म करते हैं. मोक्ष की नगरी में यह सब पूरे 15 दिनों तक चलेगा. ऐसी मान्यता है कि पितृ पक्ष में पिंडदान करने से पितर प्रसन्न होते हैं. पितृ पक्ष की शुरुआत आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होती है.

पितृपक्ष पर चंद्र और सूर्य ग्रहण का साया

इस बार पितृपक्ष के शुरुआत और समापन के दिन 2 अक्टूबर को ग्रहण का साया रहेगा. चूंकि, आज चंद्र ग्रहण भी लगने वाला है और साल का दूसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण 2 अक्टूबर को लगेगा. ऐसे में बहुत से लोगों के मन में ये सवाल या चिंता होगी कि कहीं कोई अशुभ संकेत तो नहीं? कुछ बुरा तो नहीं होगा उनके इन सवालों के जवाब में ज्योतिषाचार्य कहते हैं कि जो श्राद्ध आज से शुरू हुआ है, उसमें किसी प्रकार के कोई भी ग्रहण का नकारात्मक असर नहीं होगा. चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण दोनों ही इस बार भारत में दिखाई नहीं देंगे. इनका सूतक काल भी देश में मान्य नहीं होगा.

पितृपक्ष का पहला श्राद्ध आज

ग्रहण का भारत में जब कोई असर नहीं है तो इससे परेशान होने या चिंता करने की कोई बात नहीं. आप पितृपक्ष में श्राद्ध कर्म बेफिक्र होकर विधिवत तरीके से कर सकते हैं. जिन-जिन तिथियों में श्राद्ध, तर्पण, पिंडदान करना है, उसे आप उन तिथियों और समयानुसार कर सकते हैं. पितृपक्ष का पहला श्राद्ध आज (18 सितंबर) है. आज प्रतिपदा तिथि का श्राद्ध और 2 अक्टूबर को सर्वपितृ अमावस्या का श्राद्ध होगा. इस ग्रहण का कोई भी नेगेटिव असर पिंडदान, तर्पण, श्राद्ध कर्म पर नहीं होगा. ना ही पितर नाराज होंगे. आपके मन में फिर भी आशंका है तो आप श्राद्ध कर्म ग्रहण के समय के दौरान नहीं भी कर सकते हैं. उसके बाद ये कर्म कर लें.

चंद्र ग्रहण आज सुबह 6 बजकर बारह मिनट से लगेगा और समाप्त 10 बजकर 17 मिनट पर संभवत: समाप्त हो जाएगा. वहीं, सूर्य ग्रहण 2 अक्टूबर को रात्रि में 9 बजकर तेरह मिनट से लगेगा जो कि अगले दिन सुबह में 3 बजकर 17 मिनट पर समाप्त होगा. सूर्य ग्रहण रात में लग रहा है और श्राद्ध कर्म रात में नहीं बल्कि दिन में ही किया जाता है. ऐसे में आप किसी भी तरह की चिंता ना करें.

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ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
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