Chandra Grahan 2025: हिंदू धर्म में ग्रहण काल को अशुभ समय माना जाता है. इस अवधि में कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य नहीं किया जाता है. इसके अलावा, जब भी सूर्य या चंद्र ग्रहण होता है, तब मंदिर के दरवाजे भी बंद कर दिए जाते हैं. हिंदू परिवारों में ग्रहण के समय भोजन करना भी वर्जित होता है. इस दौरान देवी-देवताओं के मंत्रों का जाप करना चाहिए, क्योंकि ऐसा करने से ग्रहण के नकारात्मक प्रभाव को कम किया जा सकता है. आपको बता दें साल 2025 का पहला ग्रहण एक अहम त्योहार के दिन लगने जा रहा है. यहां से जानें वर्ष 2025 में पहला ग्रहण कब लगने जा रहा है.
मार्च माह में लगेगा साल 2025 का पहला चंद्रग्रहण
साल 2025 में पहला चंद्र ग्रहण मार्च महीने में होली के अवसर पर होगा. यह चंद्र ग्रहण फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि पर, जो 14 मार्च, शुक्रवार को है, घटित होगा. इसी दिन होलिका दहन का आयोजन भी किया जाएगा. यह एक खग्रास चंद्र ग्रहण होगा.
चंद्रग्रहण से जुड़ी खबरें पढ़ें यहां
क्या भारत में होगा इस चंद्रग्रहण का असर
चूंकि यह चंद्र ग्रहण भारत में दृष्टिगोचर नहीं होगा, इसलिए यहां इसका सूतक आदि का कोई महत्व नहीं होगा. इसके साथ ही, होलिका पूजन और दहन पर भी इसका कोई प्रभाव नहीं माना जाएगा. चंद्रग्रहण का सूतक काल ग्रहण के आरंभ होने से 6 घंटे पूर्व से प्रारंभ होगा, जो केवल उन स्थानों पर मान्य होगा, जहां यह दिखाई देगा.
Makar Sankranti 2025: इस दिन मनाई जाएगी मकर संक्रांति, जानें सही तारीख, मुहूर्त और महत्व
साल 2025 का पहला चंद्रग्रहण कहां दिखाई देगा
दक्षिण अमेरिका, उत्तरी अमेरिका, प्रशांत महासागर, एशिया के कुछ हिस्से, दक्षिणी उत्तरी ध्रुव, ऑस्ट्रेलिया, अटलांटिक महासागर और यूरोप में नजर आएगा.
गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती पर यहां से अपनों को भेजें प्रेरणादायक विचार