Chardham Yatra 2020: एक जुलाई से चारधाम यात्रा शुरू की जाएगी. इसके लिए आज गाइडलाइन जारी की जा सकती है. भक्तों को दर्शन करने के दौरान गाइडलाइन के तहत जारी नियमों का पालन करना होगा. लंबे असमंजस के बाद आखिरकार सरकार एक जुलाई से चारधाम यात्रा शुरू करने को तैयार हो गई है.
चारधाम के दर्शन करने के लिए भक्तों को सीमित संख्या में अनुमति दी जाएगी. अभी चारधाम दर्शन करने के लिए राज्य के भीतर के लोगों को ही मंजूरी दी जा रही है. इसके लिए लोगों को सम्बन्धित धाम के जिला प्रशासन से मंजूरी लेनी होगी. सोमवार तक तीनों जिला प्रशासन वेबसाइट जारी कर देगा. स्थानीय प्रशासन से यात्रा पास जारी होने के बाद ही लोग यात्रा कर सकेंगे.
अभी तक धामों से जुड़े जिलों उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली के भीतर के ही स्थानीय लोगों को ही मंजूरी दी गई थी. वहीं, बदरीनाथ धाम में तो पूरे जिले को भी मंजूरी नहीं थी. एक जुलाई से बदरीनाथ धाम की यात्रा पूरे प्रदेश के लिए खोलने पर धाम के धर्माधिकारी ने सहमति दे दी है. उनका कहना है कि पांडुकेश्वर और हनुमान चट्टी में एक गेट होगा, जहां चेकअप हो और बुखार, खांसी वालों को तुरंत वापस भेजा जाए.
अभी राज्य के कंटेनमेंट जोन वाले क्षेत्र के लोगों को धामों में दर्शन की अनुमति नहीं मिलेगी. राज्य के लोगों को अपने स्थानीय निवासी का प्रमाण के रूप में आईडी दिखानी होगी. क्वारंटाइन किए गए लोगों को भी धाम में जाने की मंजूरी नहीं दी जाएगी. राज्य से बाहर के लोगों को किसी भी तरह की मंजूरी नहीं मिलेगी.
अभी यात्रा को सिर्फ राज्य के भीतर के लोगों के लिए ही शुरू किया जा रहा है. तीर्थ पुरोहितों में भी एक वर्ग यात्रा संचालन को तैयार है. अभी बेहद सीमित संख्या में लोगों को अनुमति दी जा रही है. उस संख्या के अनुरूप तैयारियां पूरी हैं. आज इसकी गाइड लाइन जारी कर दी जाएगी. चारधाम में लोगों को बेहद सीमित संख्या में प्रवेश दिया जाएगा.
बदरीनाथ धाम में 1200, केदारनाथ 800, गंगोत्री 600, यमुनोत्री में 400 लोगों को ही प्रवेश दिया जाएगा. अभी भी जिलों के भीतर स्थानीय लोगों के दर्शन करने की संख्या बहुत कम रही है. नौ जून से अभी केदारनाथ धाम पहुंचने वालों की संख्या 57, बदरीनाथ धाम में 213 लोग ही दर्शन को पहुंचे जबकि गंगोत्री व यमनोत्री तो कोई पहुंचा ही नहीं.