Chaturmas 2021, Precautions, Significance: 20 जुलाई, मंगलवार यानी देवशयनी एकादशी से चातुर्मास आरंभ हो रहा है. जो 14 नवंबर, रविवार तक चलेगा. हिंदू धर्म में चातुर्मास का विशेष महत्व होता है. मान्यता है कि इस दौरान भगवान विष्णु व अन्य देवतागन निद्रा में चले जाते हैं, सृष्टि का संचालन शिव जी करते हैं.
दरअसल, चातुर्मास का अर्थ चार महीने से होता है. अर्थात श्रावण, भाद्रपद, अश्विन और कार्तिक माह से. आपको बता दें कि चातुर्मास आषाढ़ मास की शुरूआत शुक्ल पक्ष की एकादशी से हो जाती है और कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि तक समाप्त होती है.
-
इस दौरान सृष्टि का संचांलन भगवान शिव करते हैं.
-
इस दौरान शिवजी का पूजन विधि पूर्वक करना चाहिए.
-
भगवान विष्णु समेत सभी देवता गण श्रावण, भाद्रपद, अश्विन और कार्तिक माह तक विश्राम करने पाताल लोक चले जाते है.
-
श्रावण माह से शिव जी सक्रिय मुद्रा में रहते है ऐसे में उनकी पूजा करना से जातक को विशेष लाभ होता है.
-
आषाढ़ माह के देवशयनी एकादशी से कार्तिक शुक्ल पक्ष की देवोत्थान एकादशी तक मांगलिक कार्यों की मनाही होती है.
-
इस दौरान विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश समेत अन्य मांगलिक कार्य करना वर्जित माना गया है.
-
साधना के लिए यह समय श्रेष्ठ माना जाता है.
-
इस दौरान भागवत कथा का पाठ करना चाहिए.
-
साथ ही साथ दान, पुण्य करते रहना चाहिए.
Also Read: Mangal Rashi Parivartan 2021: कल मंगल का सिंह में गोचर, मेष, कन्या, मकर, मीन वाले दुर्घटनाओं से रहें सावधान
-
सावन, भादो, अश्विन और कार्तिक माह में खानपान को लेकर विशेष सावधानी बरतनी चाहिए.
-
इस दौरान विधि पूर्वक व्रत करना चाहिए और शिव जी की अराधना करनी चाहिए.
-
विज्ञान और धर्म दोनों में ऐसी मान्यता है कि इन चार महीनों व्यक्ति का पाचन तंत्र बेहद कमजोर होता है.
-
इस दौरान बीमारियां फैलाने वाले बैक्टीरिया, भोजन और जल में ज्यादा मात्रा में पाए जाते हैं.
-
ऐसे में पानी भी पी रहे हैं तो उबालकर पीना चाहिए
-
और बैक्टीरिया पनपने वाले फूड्स का सेवन कम करना चाहिए.
Also Read: Raksha Bandhan 2021: इस साल रक्षा बंधन कब है, भद्रकाल समेत इन मुहूर्तों में क्यों नहीं बंधवानी चाहिए राखी
Also Read: Horoscope Today 20 July 2021: आज देवशयनी एकादशी से चार्तुमास का आरंभ, देखें सभी राशियों पर क्या पड़ेगा असर
Posted By: Sumit Kumar Verma