Chhath 2021 : लोक आस्था का महापर्व छठ 8 नवंबर से, जानें नहाय खाय, खरना का महत्व, विधि और तिथि

छठ पर्व चतुर्थी से आरंभ होकर सप्तमी तिथि को प्रातः सूर्योदय के समय अर्घ्य देने के बाद संपन्न होता है. यह व्रत संतान की लंबी उम्र, उज्जवल भविष्य और सुखमय जीवन की कामना के साथ रखा जाता है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 8, 2021 5:33 PM

कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को लोक आस्था का महापर्व छठ मनाया जाता है. यह व्रत महिलाओं- पुरूषों सभी रखते हैं. इस व्रत को अत्यंत कठिन माना गया है क्योंकि इस व्रत में 24 घंटों से अधिक समय तक निर्जला उपवास रखा जाता है.

आठ नवंबर दिन सोमवार को नहाय-खाय से शुरू होगा छठ

छठ महापर्व 8 नवंबर, सोमवार को नहाय-खाय से शुरू होगा है, 9 नवंबर, दिन मंगलवार को पूरे दिन उपवास के बाद व्रती शाम को खरना के पश्चात निर्जला व्रत शुरू करेंगे. 10 नवंबर दिन बुधवार को छठ व्रत का पहला अर्घ्य संध्या में दिया जाएगा. इसके अगले दिन सप्तमी 11 नवंबर दिन गुरूवार को प्रातः सूर्योदय के समय जल देकर छठ व्रत का पारण किया जाएगा.

नहाय- खाय का महत्व

कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को छठ पर्व का प्रथम दिन होता है. इस दिन व्रती प्रातः काल जल्दी उठकर साफ-सफाई करते हैं और स्नानादि करने के पश्चात छठ पर्व का आरंभ माना जाता है. नहाय खाय के दिन व्रती चने की दाल, कद्दृ की सब्जी और चावल खाते हैं. इसे भी छठ व्रत शुरू होने के प्रसाद के तौर पर ग्रहण किया जाता है. विभिन्न जगहों पर नहाय-खाय वाले दिन को कद्दू भात वाला दिन भी कहा जाता है. वर्ष 2021 कार्तिक मास, शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 8 नवंबर दिन सोमवार को है.

खरना का महत्व

कार्तिकमासमेंशुक्लपक्षकीपंचमीतिथिकोछठव्रतकादूसरादिनहोताहै. इसदिनकोखरनाकहते हैं. इस दिन व्रती दिन भर निर्जला उपवास रखते हैँ.मिट्टीकेचूल्हेपरआमकीलकड़ीसेआगजलाकरचावल, दूधऔरगुड़कीखीरबनाईजातीहै.बिहार के नालंदा, पटना जैसे जिलों में इस दिन अरवा चावल, चने की दाल, चावल का पीठा, घी वाली रोटी और खीर बनाने का भी चलन है. संध्याकेसमयस्नान केबाद सूर्य देव को भोग लगाने के बाद व्रती इस प्रसाद को ग्रहण करते हैं और फिरछठकाकठिन निर्जलाव्रतआरंभहोजाताहै. वर्ष 2021 कार्तिक मास शुक्ल पक्ष, पंचमीतिथि, 9 नवंबर दिन मंगलवार को है.

षष्ठी तिथि संध्या अर्घ्य

षष्ठी तिथि को छठ पर्व का तीसरा दिन होता है. इस दिन व्रती पूरे दिन कठिन निर्जला उपवास करते हैं. शाम के समय नदी या पोखर में जाकर कमर तक पानी में खड़े होकर सूर्य को अर्घ्य देते हैं. वर्ष 2021 कार्तिक मास शुक्ल पक्ष, षष्ठी तिथि, 10 नवंबर दिन बुधवार को है.

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सप्तमी तिथि सूर्योदय अर्घ्य

षष्ठी के अगले दिन सप्तमी को प्रात. नदी या पोखर जाकर व्रती फिर से उगते सूर्य को जल से अर्घ्य देते हैं. धूप-दीप के बाद छठ पर्व का समापन प्रसाद ग्रहण करके पारण के साथ किया जाता है. वर्ष 2021 कार्तिक मास शुक्ल पक्ष, सप्तमी तिथि, 11 नवंबर दिन गुरुवार को है.

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