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Chhath 2020: दिवाली के छह दिन बाद आस्था का महापर्व छठ, यहां पढ़िए सूर्य देव की आराधना कब करें?

Chhath 2020 Timing: रोशनी के त्योहार दिवाली (Diwali) से छह दिन बाद छठ महापर्व है. इस महापर्व को आस्था और सूर्य उपासना का प्रतीक माना जाता है. बिहार में छठ की छटा सबसे निराली होती है. बिहार (Bihar) के अलावा उत्तरप्रदेश (Uttar Pradesh), झारखंड (Jharkhand), दिल्ली (Delhi), महाराष्ट्र (Maharashtra) समेत कई राज्यों में छठ पूजा की जाती है.

Chhath 2020: रोशनी के त्योहार दिवाली से छह दिन बाद छठ महापर्व है. इस महापर्व को आस्था और सूर्य उपासना का प्रतीक माना जाता है. बिहार में छठ की छटा सबसे निराली होती है. बिहार के अलावा उत्तरप्रदेश, झारखंड, दिल्ली, महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में छठ पूजा की जाती है. बड़ी बात यह है कि छठ पर विदेशों से भी लोग अपने-अपने घर पहुंचते हैं. छठ को लेकर तैयारियां पहले से होने लगती है.

इस बार छठ महापर्व कब है?

20 नवंबर से छठ महापर्व की शुरुआत

चार दिनों तक छठ महापर्व का आयोजन

(कार्तिक शुक्ल चतुर्थी से शुरू होकर कार्तिक शुक्ल सप्तमी तक छठ पूजा)

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छठ पर्व पर अर्ध्य का शुभ मुहूर्त 

20 नवंबर – शाम को अर्ध्य (5.25 बजे)

21 नवंबर – सुबह को अर्ध्य (6.48 बजे)

छठ महापर्व का क्या है महत्व?

छठ महापर्व सूर्य देव को समर्पित है. सूर्य संसार के सभी जीवों को प्रकाश देते हैं. पौराणिक कथाओं के मुताबिक छठ माता (छठी मैया) संतानों की रक्षा करती हैं. उन्हें लंबी उम्र, आरोग्य प्रदान करती हैं. हिंदू धर्म में षष्ठी देवी को ब्रह्मा की मानस पुत्री माना गया है. उन्हें मां कात्यायनी भी कहा जाता है. उनकी नवरात्रि की षष्ठी तिथि पर पूजा होती है. बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश में षष्ठी देवी को छठी मैया भी कहते हैं.

Posted : Abhishek.

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