Chhath Puja 2020 Time: छठ पूजा की शुरुआत हो चुकी है. यह चार दिनों का पर्व होता है. इस पूजा का आज दूसरा दिन खरना है. छठ पर्व पर सूर्य देव की पूजा का विशेष महत्व होता है. इस दिन डूबते सूर्य देव को अर्घ्य देते है. वहीं, दूसरे दिन सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. आइए आपको बताते है कि छठ पूजा में सूर्य को अर्घ्य क्यों देते हैं और जानिए सूर्य को अर्घ्य देने के फायदे…
01- छठ पर्व चार दिन का होता है. कार्तिक शुक्ल चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी और सप्तमी तिथि तक छठ का पर्व मनाया जाता है. षष्ठी के दिन शाम को सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. यह एकमात्र ऐसा पर्व है जिसमें शाम को सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है, जिसे संध्या अर्घ्य कहते हैं. मान्यता है कि इस समय सूर्य अपनी पत्नी प्रत्यूषा के साथ रहते हैं. इसीलिए प्रत्यूषा को अर्घ्य देने का लाभ मिलता है. कहा जाता हैं कि शाम के समय सूर्य की आराधना से जीवन में सुख-समृद्धि आती है.
02- षष्ठी के दूसरे दिन सप्तमी को उषाकाल में सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का समापन किया जाता है. जिसे पारण कहते हैं. अंतिम दिन सूर्य को वरुण वेला में अर्घ्य दिया जाता है. यह सूर्य की पत्नी उषा को दिया जाता है. इससे सभी तरह की मनोकामना पूर्ण होती है.
03- मान्यता है कि उषाकाल के सूर्य की उपासना करने से मुकदमें में फंसे लोग निकल जाते हैं. आंखों की रोशनी बढ़ता है, अटके काम सलट जाते हैं. पेट की समस्या समाप्त हो जाती है. परीक्षा में लाभ मिलता है.
04- सूर्य की किरणें से विटामिन डी मिलती है. सुबह के सूर्य की आराधना से शरीर में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ता है. जिससे शरीर के रोग मिटते हैं, दोपहर की सूर्य आराधना से नाम और यश बढ़ता है और शाम के समय की आराधना से जीवन में संपन्नता आती है.
05- जिन लोगों की कुंडली में सूर्य कमजोर होता है कहते हैं कि उनमें आत्मविश्वास की कमी होती है और वे निराशावादी हो जाते हैं. सुबह सूर्य देव के दर्शन से शरीर में स्फूर्ति आती है और यदि शरीर अच्छा महसूस करेगा तो मन भी सकारात्मक होकर निराशावाद को भगाकर आत्मविश्वास बढ़ाता है.
06- माना जाता है कि सुबह के समय सूर्य को जल चढ़ाते समय इन किरणों के प्रभाव से रंग संतुलित हो जाते हैं और साथ ही साथ शरीर में प्रतिरोधात्मक शक्ति बढ़ती है.
07- सुबह-सुबह जल की धारा में से उगते सूरज को देखना चाहिए. इससे धातु और सूर्य कि किरणों का असर आपकी दृष्टि के साथ-साथ आपके मन पर भी पड़ेगा और आपको सकारात्मक उर्जा का आभास होता रहेगा.
08- जिस तरह पौधों के लिए जल के अलावा सूर्य के प्रकाश की भी जरूरत होती है उसी तरह मनुष्य के जीवन के लिए भी सूर्य के प्रकाश की अत्यंत ही आवश्यकता होती है.
09- सूर्य प्रकाश का सबसे बड़ा स्रोत है और प्रकाश को सनातन धर्म में सकारात्मक भावों का प्रतीक माना गया है.
10- ज्योतिषविद्या के अनुसार हर दिन सूर्य को अर्घ्य देने से व्यक्ति की कुंडली में यदि शनि की बुरी दृष्टि हो तो उसका प्रभाव भी कम होता है. इससे करियर में भी लाभ मिलता है.
11- सूर्य को प्रतिदिन अर्घ्य देने से व्यक्ति कुंडली में सूर्य की स्थिति भी मजबूत होती है. छठ पर्व को विधिवत मनाने से मिट जाता है सभी तरह का सूर्य दोष समाप्त हो जाता है.
12- धार्मिक दृष्टिकोण से देखें तो सूर्यदेव को आत्मा का कारक माना गया है. ऐसा भी माना जाता है कि सूर्य देव को अर्घ्य देने से वे बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं. और अपने भक्त के जीवन को अंधकार से निकालकर प्रकाश (ज्ञान) की ओर लेकर जाते हैं.
13- मान्यता है कि सूर्य को अर्घ्य देने से घर-परिवार में मान-सम्मान बढ़ता है.
14- सूर्य प्रकाश का सबसे बड़ा स्रोत है और प्रकाश को सनातन धर्म में भगवान माना गया है. इस प्रकार सूर्य में सभी तरह के रोग और शोक को मिटाने के क्षमता है. प्रतिदिन सुबह सूर्य के समक्ष कुछ देर खड़े रहने से सभी तरह के पौषक तत्व और विटामिन की पूर्ति होने की संभावन बढ़ जाती है.
News posted by : Radheshyam kushwaha