Chhath Puja 2021: छठ पूजा में सूप का है विशेष महत्व, जानें इसके पीछे क्या है कारण
Chhath Puja 2021: इस साल छठ पर्व 10 नवम्बर को है.इस पर्व को पूरे बिहार सहित झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में बड़े ही हर्षों उल्लास के साथ मनाया जाता है. इस त्योहार में कई चीजों की खरीदारी होती है, खासकर सूप का इस महापर्व में खास महत्व है. आइए जानते हैं इसके बारे में
आज नहाए खाए के साथ छठ पूजा की शुरुआत हो चुकी है. घर से लेकर बाजार तक छठ पूजा की तैयारियों से सजे हुए हैं. इस त्योहार में कई चीजों की खरीदारी होती है, खासकर सूप का इस महापर्व में खास महत्व है. आइए जानते हैं इसके बारे में
क्या है बांस के सूप का महत्व
आपको बता दें धरती पर पाई जाने वाली इकलौती ऐसी घास है जो सबसे तेजी से बढ़ती है. जब भी कभी सुख में वृद्धि की कामना की जाती है तो कहा जाता है कि बांस की तरह दिन दोगुनी, रात चौगुनी बढ़ोतरी हो. ऐसा होता भी है. दरअसल बांस सिर्फ 8 हफ्तों में 60 फीट ऊंचे हो जाता है. कई बार तो एक दिन में ये घास एक मीटर तक बढ़ जाती है. इसी बांस की खपच्चियों से बनी सुपली से जब छठ व्रत का अनुष्ठान किया जाता है तो यह मान्यता होती है कि वंशबेल में इसी तरह की वृ़द्धि होती रहे और जैसे बांस तेजी से निर्बाध गति से बढ़ जाता है.
पीत्तल के सूप की भी हुई शुरुआत
वैसे तो आजकल पीतल से बने सूप भी प्रयोग में शुरू हो गए हैं लेकिन फिर भी छठ में बांस के सूप की डिमांड इस दौरान बढ़ जाती है. सूप में फल व प्रसाद को सजाकर घाट ले जाया जाता है और इसी से सूर्यदेव को अर्घ्य दिया जाता है.
छठ पूजा की हो चुकी है शुरुआत
छठ पूजा में विशेष प्रकार का प्रसाद चढ़ाया जाता है. जैसे गन्ना, ठेकुआ और फल चढ़ाया जाता है. इस व्रत में साफ सफाई का खास ध्यान रखना होता है. छठ पूजा दिवाली के छह दिन बाद मनाई जाती है.आपको बता दें कि छठ में सूर्य देवता के साथ ही छठी मईया की पूजा की जाती है. वैसे बता दें कि पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, छठ का व्रत करने से संतान की प्राप्ति होती है. छठ पूजा में व्रती महिलाओं को पानी में खड़ा होकर ही सूर्य को अर्घ्य देना होता है.
-
08 नवंबर (सोमवार) – नहाय खाय
-
09 नवंबर (मंगलवार)- खरना
-
10 नवंबर (बुधवार)- छठ पूजा (डूबते सूर्य को अर्घ्य देना)
-
11 नवंबर (गुरुवार)- पारण (सुबह के समय उगते सूर्य को अर्घ्य देना)
Posted By: Shaurya Punj