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Chhath Puja 2024 Arghya Sunset: डूबते सूर्य को दिया गया अर्घ्य, जानें छठ पूजा में इसका महत्व

Chhath Puja 2024 Arghya Sunset: छठ पर्व के तीसरे दिन आज डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया गया, जानें इसका कारण

Chhath Puja 2024 Arghya Sunset: लोक आस्था का प्रमुख पर्व छठ धूमधाम और उत्साह के साथ मनाया जा रहा है. आज डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया गया. इस अवसर पर सूर्य देव और छठी मैया की पूजा की जाती है. यह व्रत संतान की लंबी उम्र और परिवार की समृद्धि के लिए किया जाता है. व्रती 36 घंटे तक निर्जला उपवास रखते हैं और डूबते तथा उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते हैं. छठ महापर्व के तीसरे दिन, अर्थात् 07 नवंबर को, डूबते सूर्य को अर्घ्य प्रदान किया जाने वाला है. 08 नवंबर को, छठ के चौथे दिन उगते सूर्य को दूसरा अर्घ्य अर्पित किया गया.

डूबते सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया गया

छठ पूजा के तीसरे दिन, जो कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि होती है, डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया जाता है. इस अवसर पर, भक्तगण शाम के समय किसी जलाशय या नदी के किनारे खड़े होकर सूर्य देव को अर्घ्य प्रदान करते हैं. इसके पीछे की मान्यता यह है कि सूर्य देव अपनी दूसरी पत्नी प्रत्यूषा के साथ होते हैं, और इस समय अर्घ्य अर्पित करने से जीवन की सभी समस्याएँ समाप्त होती हैं और इच्छाएं पूर्ण होती हैं. ऐसा करने से जीवन में सुख और समृद्धि का आगमन होता है.

डूबते सूर्य को अर्घ्य देने का कारण

डूबते सूर्य को अर्घ्य देने का एक प्रमुख कारण यह भी है कि सूर्य का अस्त होना उस समय का प्रतीक है जब व्यक्ति की मेहनत और तपस्या का फल मिलने का समय होता है. मान्यता है कि डूबते सूर्य को अर्घ्य देने से जीवन में संतुलन, शक्ति और ऊर्जा का संचार होता है.

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