Chhath Puja 2024 Nahay Khaaye Shubh Muhurat: छठ पर्व की शुरुआत कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि से होती है. इस अवसर पर सूर्य देव और छठी मैया की पूजा की जाती है. महिलाएं इस व्रत को अपनी संतान की सुरक्षा और उज्ज्वल भविष्य की कामना के लिए करती हैं. छठ पर्व के पहले दिन ‘नहाए खाय’ का आयोजन किया जाता है, जो इस पर्व को मनाने वालों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है.
नहाय खाय का शुभ मुहूर्त
नहाय खाय के दिन सूर्योदय सुबह 6:39 बजे और सूर्यास्त शाम 5:41 बजे होगा. इस दिन छठ पूजा करने वाले पुरुष और महिलाएं गंगा नदी में स्नान और ध्यान के बाद सूर्य देव की आराधना करते हैं. इसके पश्चात घर में कद्दू और चने की दाल से भोजन तैयार किया जाता है.
Chhath Puja 2024 Nahay Khaaye: नहाए खाए के साथ आज से छठ महापर्व शुरू, रखें इन बातों का ध्यान
नहाय खाय का महत्व
नहाय खाय का अर्थ है स्नान के बाद भोजन करना. इस दिन व्रत रखने वाली महिलाएं नदी या तालाब में स्नान करती हैं. इसके बाद वे भात, चना दाल और कद्दू या लौकी का प्रसाद बनाकर ग्रहण करती हैं. यह माना जाता है कि नहाय खाय का यह भोजन साधक में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है. साथ ही, यह भी मान्यता है कि इस दिन व्रत करने वाले साधक इस सात्विक आहार के माध्यम से खुद को पवित्र कर छठ पूजा के लिए तैयार होते हैं.
छठ पर्व का महत्व
छठ पूजा, जिसे डाला छठ के नाम से भी जाना जाता है, एक चार दिवसीय त्योहार है जो मुख्य रूप से बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है. वर्तमान में, यह पर्व देश और विदेश में भी बड़े धूमधाम से मनाया जाने लगा है. छठ पूजा के अवसर पर घाटों पर विशेष चहल-पहल होती है. अनेक लोग पवित्र नदियों के किनारे और अपने घरों में इस पर्व को मनाते हैं. यह पूजा दिवाली के बाद कार्तिक मास के छठे दिन से प्रारंभ होती है और यह सूर्य देवता को समर्पित एक पवित्र उत्सव है, जिसमें उनकी विशेष आराधना की जाती है. इस दौरान भक्त अपने प्रियजनों की समृद्धि, सुख और दीर्घायु के लिए प्रार्थना करते हैं.