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बेहद शुभ संयोग में शुरू हो रहा छठ महापर्व
छठ महापर्व की शुरुआत आज से हो रही है. संतान प्राप्ति और बच्चे के सुखद भविष्य, दीर्धायु के लिए रखा जाने वाला छठ का व्रत इस साल बेहद शुभ संयोग में आरंभ हो रहा है. छठ पूजा में व्रती को चार दिन तक हर परंपरा में पवित्रता का विशेष ध्यान रखना होता है.
नहाय खाय के दिन कद्दू भात का विशेष महत्व
नहाय खाय के दिन व्रती कद्दूऔर चना का दाल बनाती है. जिसे सबसे पहले व्रती खाती हैं. फिर घर के सदस्यों को अन्य लोगों के बीच प्रसाद के रूप में इसे बांटा जाता है और ग्रहण किया जाता है. इस दिन भक्त घर और आसपास के परिसर की सफाई करते हैं. इस दिन व्रती केवल एक बार भोजन करते हैं.
नहाए-खाए के दिन क्यों खाते हैं कद्दू भात
नहाए खाए के साथ छठ की शुरुआत होती है. पहले दिन गंगा स्नान करने के बाद कद्दू भात और साग खाया जाता है. बिहार-झारखंड की अगर बात करें तो बिहार में लौकी का प्रचलन है. छठ व्रती नहाय खाए कि दिन कद्दु का सेवन करते हैं. ऐसे में बाजारों में इसे लेकर कद्दू की डिमांड बढ़ जाती है. ऐसी मान्यता है सरसो का साग चावल और कद्दू खाकर छठ महापर्व की शुरूआत होती है. इसलिए व्रत के पहले दिन को नहाए खाए कहते हैं. इन दोनों सब्जियां पूरी तरह से सात्विक माना जाता है. इसमें सकारात्मक ऊर्जा का संचार करने की क्षमता बढ़ती है. साथ ही वैज्ञानिक दृष्टिकोण से अगर देखें तो कद्दू आसानी से पचने वाली सब्जी है.
छठ महापर्व की शुरुआत आज से
छठमहापर्व की शुरुआत आज से हो रही है. संतान प्राप्ति और बच्चे के सुखद भविष्य, दीर्धायु के लिए रखा जाने वाला छठ का व्रत इस साल बेहद शुभ संयोग में आरंभ हो रहा है. छठ पूजा में व्रती को चार दिन तक हर परंपरा में पवित्रता का विशेष ध्यान रखना होता है.
नहाय खाय के दिन कद्दू भात खाने का है विशेष महत्व
नहाय खाय के दिन व्रती कद्दूऔर चना का दाल बनाती है. जिसे सबसे पहले व्रती खाती हैं. फिर घर के सदस्यों को अन्य लोगों के बीच प्रसाद के रूप में इसे बांटा जाता है और ग्रहण किया जाता है. इस दिन भक्त घर और आसपास के परिसर की सफाई करते हैं. इस दिन व्रती केवल एक बार भोजन करते हैं.
नहाय खाय के दिन तालाब में नहाते हैं व्रती
आज छठ पूजा का पहला दिन है, जिस दिन व्रती / भक्त नदी, तालाब, या किसी अन्य जल निकाय में स्नान करते हैं, खासकर गंगा नदी में वे गंगा का पानी घर लाते हैं और इस पानी से वे प्रसाद पकाते हैं.
नहाय खाय पर बन रहा शुभ योग
सर्वार्थ सिद्धि योग - सुबह 06.34 - सुबह 10.42
शोभन योग - 28 अक्टूबर 2022, सुबह 04.33 - 29 अक्टूबर 2022, सुबह 01.30
रवि योग - 28 अक्टूबर 2022, सुबह 10.42 - 29 अक्टूबर 2022, सुबह 06.34
नहाय खाय के दिन इस वजह से खाते हैं कद्दू भात
नहाए खाए के साथ छठ की शुरुआत होती है. पहले दिन गंगा स्नान करने के बाद कद्दू भात और साग खाया जाता है. बिहार-झारखंड की अगर बात करें तो बिहार में लौकी का प्रचलन है. छठ व्रती नहाय खाए कि दिन कद्दु का सेवन करते हैं. ऐसे में बाजारों में इसे लेकर कद्दू की डिमांड बढ़ जाती है. ऐसी मान्यता है सरसो का साग चावल और कद्दू खाकर छठ महापर्व की शुरूआत होती है. इसलिए व्रत के पहले दिन को नहाए खाए कहते हैं. इन दोनों सब्जियां पूरी तरह से सात्विक माना जाता है. इसमें सकारात्मक ऊर्जा का संचार करने की क्षमता बढ़ती है. साथ ही वैज्ञानिक दृष्टिकोण से अगर देखें तो कद्दू आसानी से पचने वाली सब्जी है.
नहाय खाय के दिन करें इन नियमों का पालन
छठ पूजा में इस पर्व में शुद्धता का विशेष महत्व है इसलिए नहाए खाय के दिन पूरे घर की सफाई करें.
व्रति को पवित्र नदी या तालाब में स्नान करना चाहिए.
चार दिन के पर्व में तामसिक भोजन गलती से भी ग्रहण न करें.
सिर्फ सात्विक भोजन ही करें.
ब्रह्मचर्य का पालन करें.
व्रती चार दिन तक जमीन पर सोयें.
पूजा का प्रसाद मिट्टी के नये चूल्हे पर ही बनाएं क्योंकि मिट्टी का चूल्हा शुद्ध माना जाता है.
Nahay Khay 2022 shubh yoga: नहाय खाय 2022 शुभ योग
सर्वार्थ सिद्धि योग - सुबह 06.34 - सुबह 10.42
शोभन योग - 28 अक्टूबर 2022, सुबह 04.33 - 29 अक्टूबर 2022, सुबह 01.30
रवि योग - 28 अक्टूबर 2022, सुबह 10.42 - 29 अक्टूबर 2022, सुबह 06.34
नहाय खाय सूर्यास्त- शाम 05 बजकर 39 (28 अक्टूबर 2022)
ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04:52- सुबह 05:43
अभिजित मुहूर्त - सुबह 11:48- दोपहर12:33
गोधूलि मुहूर्त - शाम 05:47 - शाम 06:13
Nahay Khay 2022 Muhurat: छठ नहाय खाय 2022 मुहूर्त
सूर्योदय- सुबह 06 बजकर 30 (28 अक्टूबर 2022)
Chhath Puja Nahay Khay 2022: बेहद शुभ संयोग में हो रही छठ व्रत की शुरुआत
छठमहापर्व की शुरुआत आज से हो रही है. संतान प्राप्ति और बच्चे के सुखद भविष्य, दीर्धायु के लिए रखा जाने वाला छठ का व्रत इस साल बेहद शुभ संयोग में आरंभ हो रहा है. छठ पूजा में व्रती को चार दिन तक हर परंपरा में पवित्रता का विशेष ध्यान रखना होता है.
Chhath Puja Nahay Khay 2022: आर्थिक समस्या दूर करने के लिए छठी मैया से करें प्रार्थना
जिन लोगों को किसी भी तरह की आर्थिक समस्या है वो छठी मैया के भजन और लोकगीतों को गुनगुनाने के साथ ही सूर्य देवता के इस विशेष मंत्र 'ऊं घृणिः सूर्याय नमः' का जाप करें तो श्रद्धालुओं को आर्थिक संकट से छुटकारा मिल सकता है.
Chhath Puja Nahay Khay 2022: छठ व्रत संतान के लिए की जाता है
जो लोग संतान प्राप्ति करना चाहते हैं वो लोग छठ के दिन 108 बार इस मंत्र का जाप करें 'ऊं ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नम:'. संतान की सुख समृद्धि के लिए इस दिन भगवान सूर्य को अर्घ्य जरूर दें
Chhath Puja Nahay Khay 2022: व्रती करें इन नियमों का पालन
नहाय-खाय के दिन से व्रती को साफ और नए कपड़े पहनने चाहिए.
साफ-सफाई का विशेष ध्यान देना जरूरी होता है. पूजा की वस्तु का गंदा होना अच्छा नहीं माना जाता.
नहाय खाए से छठ का समापन होने तक व्रती को जमीन पर ही सोती है. व्रती जमीन पर चटाई या चादर बिछाकर सो सकते हैं.
घर में तामसिक और मांसाहार वर्जित है. इसलिए इस दिन से पहले ही घर पर मौजूद ऐसी चीजों को बाहर कर देना चाहिए और घर को साफ-सुथरा कर देना चाहिए.
मदिरा पान, धुम्रपान आदि न करें. किसी भी तरह की बुरी आदतों को करने से बचें.
Chhath Puja Nahay Khay 2022: नहाय खाय के दिन कद्दू भात खाने का महत्व
नहाए खाए के साथ छठ की शुरुआत होती है. पहले दिन गंगा स्नान करने के बाद कद्दू भात और साग खाया जाता है. बिहार-झारखंड की अगर बात करें तो बिहार में लौकी का प्रचलन है. छठ व्रती नहाय खाए कि दिन कद्दु का सेवन करते हैं. ऐसे में बाजारों में इसे लेकर कद्दू की डिमांड बढ़ जाती है. ऐसी मान्यता है सरसो का साग चावल और कद्दू खाकर छठ महापर्व की शुरूआत होती है. इसलिए व्रत के पहले दिन को नहाए खाए कहते हैं. इन दोनों सब्जियां पूरी तरह से सात्विक माना जाता है. इसमें सकारात्मक ऊर्जा का संचार करने की क्षमता बढ़ती है. साथ ही वैज्ञानिक दृष्टिकोण से अगर देखें तो कद्दू आसानी से पचने वाली सब्जी है.
Chhath Puja Nahay Khay 2022: व्रत का संकल्प लेने के बाद व्रती कद्दू, भात और चना दाल ग्रहण करते हैं
नहाय खाय के दिन व्रती कद्दूऔर चना का दाल बनाती है. जिसे सबसे पहले व्रती खाती हैं. फिर घर के सदस्यों को अन्य लोगों के बीच प्रसाद के रूप में इसे बांटा जाता है और ग्रहण किया जाता है. इस दिन भक्त घर और आसपास के परिसर की सफाई करते हैं. इस दिन व्रती केवल एक बार भोजन करते हैं.
Chhath Puja Nahay Khay 2022: जलाशय में स्नान करते हैं व्रती
आज छठ पूजा का पहला दिन है, जिस दिन व्रती / भक्त नदी, तालाब, या किसी अन्य जल निकाय में स्नान करते हैं, खासकर गंगा नदी में वे गंगा का पानी घर लाते हैं और इस पानी से वे प्रसाद पकाते हैं.
Chhath Puja Nahay Khay 2022: नहाय खाय आज
लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा (Chhath Puja) की शुरुआत आज नहाय-खाय (Nahay Khay) के साथ हो रही है. यह पर्व चार दिनों तक चलता है. यह महापर्व हिंदू पंचांग (Hindu Panchang) के मुताबिक छठ पूजा कार्तिक माह (Kartik Month) की षष्ठी से शुरू हो जाती है.