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पहली बार रामनवमी पर कोरोना के चलते अयोध्या सूनी, बॉर्डर होंगे सील, बिना निगेटिव रिपोर्ट के मंदिर में नहीं मिलेगी एंट्री

कोरोना के बेकाबू संक्रमण ने रामनवमी के उत्साह पर पानी फेर दिया है. पिछले 24 घंटे में अयोध्या में कुल 200 संक्रमित मरीज मिले है. कुछ दिन पहले तक सरकार से लेकर साधु-संत धूमधाम से रामनवमी का त्योहार मनाने के लिए जुटे थे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 20, 2021 12:15 PM

कोरोना के बेकाबू संक्रमण ने रामनवमी के उत्साह पर पानी फेर दिया है. पिछले 24 घंटे में अयोध्या में कुल 200 संक्रमित मरीज मिले है. कुछ दिन पहले तक सरकार से लेकर साधु-संत धूमधाम से रामनवमी का त्योहार मनाने के लिए जुटे थे, लेकिन सभी तरह के आयोजनों पर रोक लग गई है. अब प्रशासन ने निर्देश दिया है कि कोरोना संक्रमण के कारण इस बार राम नवमी के दिन बिना श्रद्धालुओं के मंदिर में पूजा अर्चना की जाएगी. पिछले साल 2020 में भी लॉकडाउन के चलते राम नवमी के आयोजन नहीं हुए थे. यह लगातार दूसरा साल होगा, जब अयोध्या में राम नवमी का मेला नहीं लगेगा.

श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से सोमवार को रामजन्मभूमि में स्थानीय व बाहरी भक्तों के प्रवेश पर रोक लगाए जाने का निर्देश जारी किया गया है. हालांकि रामलला के दरबार में प्रभु राम की सेवा व नित्य की पूजा-अर्चना, आरती होती रहेगी. राम मंदिर के पुजारी के अनुसार इस बार बहुत सीमित संख्या में लोग रामलला के दर्शन करने पहुंच रहे हैं और उनको 5-5 के बैच में ही प्रवेश दिया जा रहा है. सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क लगाना अनिवार्य है.

छपी खबर के अनुसार मंदिर में केवल उन्हीं लोगों को प्रवेश दिया जाएगा जो कोविड-19 की निगेटिव रिपोर्ट लेकर आएंगे. प्रशासन द्वारा लगातार चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है. वहीं, अयोध्या की सीमाएं सील कर दी गयी है. राम मंदिर निर्माण शुरू होने के बाद अयोध्या को पर्यटन के नक्शे पर लाने के लिए सरकार ने कई योजनाएं शुरू की थीं, लेकिन कोरोना के चलते वे सभी प्रभावित हैं.

सादगी से मनेगा रामजन्मोत्सव

इस बार सादगी से राम जन्मोत्सव मनेगा. रामनवमी को श्रीराम का भव्य जन्मोत्सव कोविड प्रोटोकाल के बीच मनाया जाएगा. इस दिन रामलला के गर्भगृह में दसों दिशाओं में रामलला के मंदिर की सुरक्षा के लिए दिग्पालों के विग्रह की विशेष पूजा होगी. इसके बाद दसों दिग्पालों को मई माह में विधिवत स्थापित किया जाएगा. मान्यता है कि दस दिशाओं के देवता अपनी-अपनी दिशाओं की रक्षा करते हैं. रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास भगवान श्रीरामलला के जन्मस्थान पर विशेष पूजन कराएंगे.

Posted by: Radheshyam Kushwaha

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