Hartalika Teej 2020: हरितालिका तीज कल, ड्यूटी के साथ तीज व्रत के लिए तैयार हैं कोरोना वरियर्स
Hartalika Teej 2020: Date, puja timings, significance - Everything you need to know: हरितालिका तीज 2020: कर्तव्य के साथ परंपरा निभाने वाली सुहागिनों की कहानी, शुक्रवार (21 अगस्त, 2020) को हरितालिका तीज व्रत है. ऐसे में सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए यह व्रत पूरी निष्ठा और नियम के साथ करती हैं. इस व्रत को करने के लिए महिलाएं 24 घंटे का निर्जला उपवास रखती हैं. ऐसे में यह व्रत हर सुहागिन महिलाओं के लिए करना थोड़ा कठिन होता है.
रांची : शुक्रवार (21 अगस्त, 2020) को हरितालिका तीज व्रत है. ऐसे में सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए यह व्रत पूरी निष्ठा और नियम के साथ करती हैं. इस व्रत को करने के लिए महिलाएं 24 घंटे का निर्जला उपवास रखती हैं. ऐसे में यह व्रत हर सुहागिन महिलाओं के लिए करना थोड़ा कठिन होता है.
गृहिणी महिला हों या नौकरीपेशा महिला, हर किसी के लिए यह व्रत महत्व रखता है. नौकरीपेशा महिलाएं अपने कर्तव्य के साथ इस परंपरा को निष्ठा और नियम के साथ निभाती आ रही हैं. ऐसे ही कुछ नौकरीपेशा महिलाओं से हरितालिका तीज पर बात की, जो कर्तव्य के साथ परंपरा भी निभा रही हैं.
डॉ मुक्ता अग्रवाल सदर अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट हैं. वह आठ वर्षों से इस क्षेत्र में कार्यरत हैं. इसके बावजूद कभी भी तीज व्रत पर छुट्टी नहीं ली़ वह बताती हैं : शादी के करीब 20 साल हो गये. 20 सालों से लगातार तीज का व्रत कर रही हूं. पढ़ाई के समय भी हमेशा बाहर रहीं, लेकिन उपवास नहीं छोड़ा. अब तो जॉब के साथ व्रत करने की आदत हो गयी है. मैंने सब प्लानिंग करके ही अपने काम और व्रत को पूरा किया है. इसलिए कभी कोई दिक्कत नहीं हुई. हमेशा कोशिश करती हूं कि खुशी के साथ दोनों निभा सकूं. इसलिए ड्यूटी से आने के बाद अपने व्रत की तैयारी दो दिन पहले से ही थोड़ी-थोड़ी करनी शुरू कर देती हूं ताकि पूजा के दिन ज्यादा परेशानी या दिक्कत ना आये. इसमें हमेशा परिवार का भी सहयोग रहा है.
कर्तव्य के साथ परंपरा को निभाना भी जरूरी : डॉ आभा प्रसाद, रांची वीमेंस कॉलेजइटकी रोड की रहने वाली डॉ आभा प्रसाद रांची वीमेंस कॉलेज में प्रोफेसर हैं. साथ ही अपनी परंपरा को लेकर भी कभी सजग दिखती हैं. वह 1998 से हरितालिका तीज का व्रत कर रही हैं. जबकि 1982 से एजुकेशन के क्षेत्र से जुड़ी हैं. डॉ आभा कहती हैं : पर्व-त्योहार जीवन का एक अहम हिस्सा हैं. इसे सभी को अपने निष्ठा के साथ निभाने की आवश्यकता होती है. इसी बीच अपने कर्तव्य को भी निभाना आवश्यक है. हालांकि यह पर्व हम बचपन से देखते आये हैं, इसलिए इसका महत्व अच्छे से समझते हैं. लेकिन अपने काम को भी निभाना आवश्यक है. वह कहती हैं : कई बार तीज पर एग्जामिनेशन ड्यूटी या आवश्यक ड्यूटी होने पर जाना पड़ता है, तो जरूर जाती हूं. क्योंकि तीज की तैयारी तो पहले से ही कर ली जाती है. तीज की पूजा हमेशा शाम में शुरू होती है. यह पर्व सुहागिन महिलाओं के लिए काफी महत्व रखता है. इसलिए अपने कर्तव्य और परंपरा को अपने हिसाब से निभाती हैं.
काम पूरा कर ही ऑफिस से घर आती हूं : स्वाति सिंह, बैंककर्मीबैंक कर्मी स्वाति सिंह 2011 से तीज का व्रत करते आ रही हैं. हालांकि उनको जॉब करते हुए 11 वर्ष हो चुके हैं. जॉब के साथ-साथ हरितालिका तीज व्रत की परंपरा भी पूरी निष्ठा के साथ निभाती आ रही हैं. वह कहती हैं : बैंक का काम काफी मुश्किल होता है. इसलिए तीज पर्व पर आज तक कभी भी छुट्टी पर नहीं रही़ हमेशा तीज के दिन भी ऑफिस समय पर पहुंच जाती हूं. हालांकि उस दिन कोशिश होती है कि जल्दी ही काम को निपटा सकूं, ताकि अच्छे से घर में पूजा कर सकूं. स्वाति सिंह कहती हैं : हिंदू धर्म में इस पर्व का बहुत ही महत्व है. इसे पूरे नियमों का पालन करना पड़ता है. कई बार ऐसा भी हुआ है कि तीज के दिन वर्क लोड ज्यादा होने के बावजूद पूरा काम खत्म करने के बाद ही घर गयी हूं. बैंक का समय निश्चित नहीं होता़ फिर भी अपने काम और परंपरा को हमेशा निष्ठा के साथ निभाते आ रही हूं.
त्योहार के दिन भी उठानी पड़ जाती है राइफल : विभा कुमारी, झारखंड पुलिसरांची जिला पुलिस में कार्यरत विभा कुमारी कहती हैं कि कर्तव्य के साथ पति की लंबी आयु के वर्त रखना एक परंपरा भी है और उसके साथ एक उत्साह भी रहता है. ड्यूटी तो सबसे पहले है, लेकिन पति की लंबी आयु के लिए तीज जैसा वर्त भी सुहागिनों के लिए काफी जरूरी है. मूल रूप से पलामू के हैदरनगर निवासी विभा 2005 से झारखंड पुलिस से जुड़ी हुई हैं. वह बताती हैं : 2008 से तीज व्रत कर रही हूं. ड्यूटी में व्रत से कोई फर्क नहीं पड़ता. अभी पुलिस लाइन की सेवा पुस्तिका शाखा में सेवा दे रही विभा कहती हैं कि आवश्कता पड़ती है तो पर्व-त्योहार के दिन भी राइफल उठानी पड़ती है. फिर भी काफी अच्छा लगता है, क्योंकि हमें देश की सेवा करने का मौका मिला है. यह एक बड़ी बात है. पति वीरेंद्र भी झारखंड पुलिस में हैं.
तीज के दिन कर चुकी हूं डबल ड्यूटी : राजश्री मिश्रा, प्रभारी प्राचार्यएसआरडीएवी पुंदाग की प्रभारी प्राचार्या राजश्री मिश्रा 1986 से हरितालिका तीज व्रत करती आ रही है. वह कहती हैं कि कई बार तीज के दिन ही डबल ड्यूटी भी करनी पड़ी है. जैसे एग्जाम या कॉपी चेक करने के समय ज्यादा समय भी लग जाता था, लेकिन फिर भी मैंने अपने काम को प्राथमिकता देते हुए परंपरा को भी निभाया है. ड्यूटी खत्म करके ही पूजा के लिए जाती़ वह 1990 से एजुकेशन के क्षेत्र में कार्य कर रही हैं. राजश्री मिश्रा कहती हैं : भुवनेश्वर, हैदराबाद सहित विभिन्न जगहों पर गयी हूं, हर जगह इस पर्व की महत्ता दिखायी देती है़ नौकरी पेशा हों या गृहिणी सभी सुहागिन महिलाएं इस व्रत को पूरी विधि विधान से करती हैं. मेरी ज्यादातर कोशिश होती है कि घर में ही सारी व्यवस्था करके बालू से शिव जी की प्रतिमा बनाऊं. दूसरे दिन गणपति पूजा के बाद ही उपवास तोड़ती हूं. खुशी होती है कि अपने काम के साथ परंपरा को भी पूरी निष्ठा के साथ निभाती आ रही हूं.
Posted By : Mithilesh Jha