Dattatreya Jayanti 2024: दत्तात्रेय जयंती पर आज ऐसे करें पूजा, इन मंत्रों का जाप भी जरूरी
Dattatreya Jayanti 2024: दत्तात्रेय जयन्ती भगवान दत्तात्रेय के जन्मदिन के रूप में मनाई जाती है. भगवान दत्तात्रेय को त्रिमूर्ति, अर्थात् ब्रह्मा, विष्णु और महेश का अवतार माना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान दत्तात्रेय का जन्म मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा के दिन हुआ था, और कहा जाता है कि इस दिन उन्होंने त्रिदेवों को अपने भीतर समाहित कर लिया था.
Dattatreya Jayanti 2024: हिंदू धर्म में दत्तात्रेय जयंती का अत्यधिक महत्व है. इसे भगवान दत्तात्रेय के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है. भगवान दत्तात्रेय को त्रिदेवों, अर्थात् ब्रह्मा, विष्णु और शिव का अवतार माना जाता है. इस दिन भगवान दत्तात्रेय की पूजा और व्रत करने की परंपरा है.
दत्तात्रेय जयंती 2024 का शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, दत्तात्रेय जयंती हर वर्ष मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है. इस वर्ष, यह तिथि 14 दिसंबर, 2024 को शाम 4 बजकर 58 मिनट से प्रारंभ होकर 15 दिसंबर, 2024 को दोपहर 2 बजकर 31 मिनट तक रहेगी. इस प्रकार, दत्तात्रेय जयंती इस वर्ष 14 दिसंबर 2024 को मनाई जाएगी.
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भगवान दत्तात्रेय की पूजा की विधि
दत्तात्रेय जयंती के दिन प्रातःकाल जल्दी उठकर स्नान करें और व्रत का संकल्प लें.
संध्या के समय एक स्वच्छ स्थान पर पटिया रखकर उस पर लाल वस्त्र बिछाएं.
अब इस लाल वस्त्र पर भगवान दत्तात्रेय की मूर्ति स्थापित करें.
इसके बाद भगवान को कुमकुम से तिलक करें और फलफूल अर्पित करें.
अब शुद्ध घी का दीपक जलाएं और हाथ में फूल लेकर मुट्ठी बांध लें.
इसके बाद नीचे दिए मंत्र का जाप करें
“ऊं अस्य श्री दत्तात्रेय स्तोत्र मंत्रस्य भगवान नारद ऋषि: अनुष्टुप छन्द:, श्री दत्त परमात्मा देवता:, श्री दत्त प्रीत्यर्थे जपे विनोयोग:.”
भगवान दत्तात्रेय की पूजा के समापन पर गुलाल, अबीर, चंदन और अन्य पूजा सामग्री अर्पित करें. अपनी इच्छानुसार भगवान को भोग अर्पित करें. इसके बाद आरती करें और “ऊं द्रां दत्तात्रेयाय नम:” मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें. मंत्र जाप के लिए रुद्राक्ष की माला का उपयोग करना आवश्यक होगा.