Dev Uthani Ekadashi 2024 Date: इस दिन है देवउठनी एकादशी, जानिए कब से होगी शुभ कार्यों की शुरुआत

Dev Uthani Ekadashi 2024 Date: देवउठनी एकादशी को विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है. यह दिन भगवान विष्णु की आराधना के लिए समर्पित है. वैदिक पंचांग के अनुसार, एकादशी हर महीने के शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष के 11वें दिन मनाई जाती है. ऐसा माना जाता है कि इस व्रत को करने से व्यक्ति को सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है.

By Shaurya Punj | October 29, 2024 1:14 PM

Dev Uthani Ekadashi 2024: देवउठनी एकादशी को प्रबोधिनी एकादशी और देवुत्थान एकादशी भी कहते हैं. हिंदू पंचांग के मुताबिक, यह एकादशी कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष में आती है. इस साल 2024 में यह एकादशी 12 नवंबर, मंगलवार को मनाई जाएगी. मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु चार महीनों की योग निद्रा से जागते हैं और ब्रह्मांड की देखरेख का कार्य फिर से संभालते हैं. इस दिन से चातुर्मास का समापन होता है और शुभ कार्यों जैसे विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश आदि की शुरुआत होती है.

देवउठनी एकादशी 2024 की तारीख और शुभ मुहूर्त

एकादशी तिथि प्रारंभ: 11 नवंबर को शाम 6:46 बजे से
एकादशी तिथि समाप्त: 12 नवंबर को शाम 4:04 बजे तक
व्रत का दिन: 12 नवंबर, मंगलवार (उदयातिथि के अनुसार)

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देवउठनी एकादशी 2024 के खास योग

इस बार की देवउठनी एकादशी दो शुभ योगों में पड़ रही है


रवि योग: सुबह 6:42 बजे से 7:52 बजे तक
सर्वार्थ सिद्धि योग: 7:52 बजे से अगले दिन सुबह 5:40 बजे तक साथ ही,
हर्षण योग सुबह से शाम 7:10 बजे तक रहेगा और इसके बाद वज्र योग बनेगा.

देवउठनी एकादशी का पूजा मुहूर्त

देवउठनी एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा का शुभ समय 12 नवंबर को सुबह 6:42 बजे से शुरू हो जाएगा.7:52 बजे से सर्वार्थ सिद्धि योग में पूजा करना बहुत शुभ माना गया है.

ब्रह्म मुहूर्त: 4:56 am से 5:49 am तक
अभिजीत मुहूर्त: 11:44 am से 12:27 pm तक

व्रत पारण का समय

व्रत का पारण 13 नवंबर को सुबह 6:42 बजे से लेकर 8:51 बजे के बीच करना चाहिए. इस समय के बाद द्वादशी तिथि दोपहर 1:01 बजे समाप्त होगी.

देवउठनी एकादशी का महत्व

कहा जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु योग निद्रा से जागकर सभी शुभ कार्यों की रोक को हटा देते हैं. उनकी पूजा से सभी पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है.इस दिन से विवाह, सगाई, गृह प्रवेश जैसे कार्यों के लिए मुहूर्त देखे जाने लगते हैं.

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ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
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