Devdi Temple: यहां 16 भुजी मां की 700 साल पुरानी मूर्ति की होती है पूजा, एमएस धोनी भी टेकते हैं अपना माथा
Devdi Temple: झारखंड की राजधानी रांची और उसके आस पास के क्षेत्र में कई ऐसे धार्मिक स्थल हैं, जो काफी विख्यात हैं. ऐसा ही एक मंदिर रांची के पास स्थित है, जिसका गहरा नाता पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्ताह महेंद्र सिंह धोनी से भी है.
Devdi Temple: झारखंड की विशेषता इसके घने जंगल और ऊंचे पहाड़ हैं.यहां चारों ओर प्रकृति की सुंदरता और मनमोहक वादियां फैली हुई हैं, जो किसी को भी आकर्षित कर सकती हैं.इस राज्य की आदिवासी संस्कृति और लोक कला इसे और भी अद्वितीय बनाती हैं.इसके साथ ही, यहां हिन्दू धर्म से संबंधित कई महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल भी स्थित हैं, जिनमें कई प्राचीन मंदिर शामिल हैं जिनका ऐतिहासिक महत्व है. आज हम आपको यहां बताने जा रहे हैं मां देवड़ी मंदिर के बारे में.
रांची से 60 किलोमीटर दूर स्थित देवड़ी मंदिर है प्रमुख धार्मिक स्थल
मां दिउड़ी मंदिर, रांची में श्रद्धा का एक प्रमुख स्थल है.यह मंदिर रांची से लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित तमाड़ में स्थित है.इस मंदिर का मुख्य आकर्षण 16 भुजाओं वाली मां की 700 वर्ष पुरानी प्रतिमा है. रांची आने वाले सभी श्रद्धालु मां दिउड़ी के चरणों में श्रद्धा पूर्वक नतमस्तक होते हैं.भारत के पूर्व क्रिकेट कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का भी इस मंदिर के प्रति विशेष लगाव है.यहां आने वाले लोग एक गहरा संबंध और शांति का अनुभव करते हैं.मां दिउड़ी अपने भक्तों के दुखों को दूर कर, उन पर अपनी कृपा बरसाती हैं.
Maa Dewri Mandir: आस्था और विश्वास का केंद्र
दिउड़ी मंदिर का इतिहास
मां दिउड़ी के मंदिर में देवी काली की मूर्ति लगभग साढ़े तीन फुट ऊंची है और देवी के पास 16 भुजाएं हैं. यह कहा जाता है कि इस मंदिर की मूर्ति ओडिशा की मूर्ति कला पर आधारित है.मान्यता है कि इस मंदिर की स्थापना पूर्व मध्यकाल में लगभग 1300 ई. में सिंहभूम के मुंडा राजा केरा ने की थी, जब वह युद्ध में पराजित होकर लौट रहे थे.पौराणिक कथाओं के अनुसार, मंदिर की स्थापना के तुरंत बाद राजा को उनका खोया हुआ राज्य और सिंहासन पुनः प्राप्त हुआ था.
महेंद्र सिंह धोनी अक्सर पहुंचते हैं मां के दरबार में
क्रिकेट के दुनिया के सबसे चमकते सितारे ‘माही’ यानी महेंद्र सिंह धोनी के रांची जाने पर यह माना जाता है कि वह मां देउड़ी के दर्शन अवश्य करते हैं.इसके अलावा, जब भी वह किसी क्रिकेट सीरीज के लिए निकलते थे, तो सोलहभुजी देवी मां के दरबार में अपनी हाजिरी लगाना नहीं भूलते थे.वर्ष 2011 में जब धोनी ने भारत को वर्ल्ड कप जितवाया, तब उन्होंने खेलने से पहले मां के दरबार में प्रार्थना की थी.जीतने के बाद जब वह रांची लौटे, तो सबसे पहले मां के दरबार में जाकर सिर झुकाया.