Dhan yog in Kundali: जाने आपके कुंडली में कैसे बनता है धन योग

Dhan yog in Kundali: कुछ ग्रह के प्रभाव से व्यक्ति धनवान बनता है. आइए जानें किसी के कुंडली में कैसे धन योग बनता है

By Shaurya Punj | May 5, 2024 1:23 PM
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Dhan yog in Kundali: ज्योतिषशास्त्र के अनुसार व्यक्ति के जन्मकुंडलीमें कुछ ऐसे योग बने होते है, जो व्यक्ति के लिए बहुत ही लाभकारी होता है. कुछ ऐसे योग बनते है जो व्यक्ति को धन से परिपूर्ण कर देता है. ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा के अनुसार व्यक्ति के जन्मकुंडली कभी -कभी किसी के जन्मकुंडली में ऐसा दिखाई देता है व्यक्ति कम समय में अपना करियर ऊंचाई पर लेकर जाते है और धन से परिपूर्ण हो जाते है, क्योंकि ऐसे लोगो के जन्मकुंडली में धन योग बना रहता है. ऐसे लोग कही भी किसी तरह से कार्य करेंगे चाहे छोटा हो बड़ा सभी कार्य में इसको उपलब्धि मिलती है. जिसे इनका धन का स्थिति ठीक रहता है. ज्योतिषशास्त्र में धन योग का निर्माण आपके ग्रह तथा नक्षत्र की चल की प्रभाव से धन योग का निर्माण बनता है. वैदिक शास्त्र में कुल 32 योग बनते है जिसमे कई राजयोग प्रदान करते है वही कई ऐसे ग्रह मिलकर मारक भी बना देते है. इसमें से कुछ ग्रह के प्रभाव से व्यक्ति धनवान बनता है कभी -कभी महादशा या अंतर्दशा के प्रभाव में व्यक्ति धनवान बन जाता है.आइए जानते है व्यक्ति के कुंडली में कैसे धन योग बनता है.

महालक्ष्मी योग

इस योग में व्यक्ति को अपार धन की प्राप्ति होती है व्यक्ति मालेमाल हो जाते है इस योग में जन्मे व्यक्ति को भाग्य खूब साथ देता है आपके जन्मकुंडली के नवम भाव के स्वामी अगर पांचवे भाव के स्वामी के साथ युति बन रहा हो तभी लक्ष्मी योग बनता है या जन्मकुंडली में चंद्रमा और मंगल एक साथ रहे तब यह योग बनता है लेकिन यह योग आपके जन्म कुंडली के दुसरे भाव,नवम भाव,एकादश भाव में इन दोनों ग्रहों का युति हो व्यक्ति मालेमाल होता है जिसे व्यक्ति को अच्छे फल देता है ऐसे योग में माता लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है.

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लक्ष्मी योग

इस योग का निर्माण आपके जन्मकुंडली में नवम भाव के स्वामी लगन में हो क्योंकि जन्मकुंडली में नवम भाव को लक्ष्मी का स्थान माना जाता है नवम भाव के स्वामी अपने मित्र राशि के साथ हो स्वराशि में हो या उच्य या मूल त्रिकोण राशि में हो तब लक्ष्मी योग का निर्माण होता है ,इस योग से व्यक्ति को धन का लाभ मिलता है तथा व्यक्ति को यश,धन वैभव की प्राप्ति होती है .

गजकेसरी योग

गजकेसरी योग इस योग में चंद्रमा और वृहस्पति दोनों मिलकर इस योग का निर्माण करते है.यह योग जन्मकुंडली में बहुत ही प्रभावित करता है इस योग के कारण व्यक्ति ऊंचे पद प्रतिष्ठा पर पहुचता है धन का लाभ होता है यह योग जन्मकुंडली के पहला भाव चौथा भाव सातवा भाव तथा दशम भाव में हो आपको उत्तम लाभ मिलता है क्योंकि धन के स्वामी वृहस्पति है और मन के कारक चंद्रमा इन दोनों ग्रहों के मिलने से भौतिक संपदा तथा अध्यात्मिक ज्ञान की प्राप्ति होती है साथ ही धन और यश की प्राप्ति होती है.लेकिन आपको इस बात का ध्यान रखना पड़ेगा शनि और राहु का प्रभाव नहीं पड़े.

विष्णु योग

विष्णु योग बनने पर व्यक्ति धार्मिक हो जाता है उनके ऊपर धर्म का प्रभाव भरपूर बना रहता है जिसे व्यक्ति समृद्धिशाली बनता है साथ चतुर होते है.जन्मकुंडली में नवम भाव,दशम भाव,दुसरे भाव में बैठे हो या आपके नवमांश कुंडली में नवमेश दुसरे भाव में स्थिति हो या शुक्र लगन में हो देवगुरु वृहस्पति दशम भाव में हो सूर्य और मंगल 11 भाव में हो या दुसरे भाव में शुभ ग्रह होने के कारण विष्णु योग का निर्माण होता है .

महाधन योग

महाधन योग इस योग में दशम भाव तथा एकादश भाव के स्वामी दोनों ग्रह का एकादश भाव में युति बना हो व्यक्ति बहुत ही धनवान बन जाता है.ऐसे योग में व्यक्ति बहुत ही धनवान बनता है इस योग से पत्नी से लाभ मिलता है . जन्मकुंडली से सम्बंधित किसी भी तरह से जानकारी प्राप्त करने हेतु दिए गए नंबर पर फोन करके जानकारी प्राप्त कर सकते है .

ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
8080426594/9545290847

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