Dhanteras 2021: हिंदू धर्म में धनतेरस (Dhanteras) का विषेश महत्व है. कहते हैं कि 5 दिवसीय दिवाली का त्योहार धनतेरस के दिन से ही शुरू होता है. मान्यता के अनुसार इस दिन खरीदारी करने और पूजा करने से सुख-समृद्धि और आरोग्य प्राप्त होता है. धनतेरस पर इस बार खरीदारी और पूजा-अर्चना के लिए कई शुभ और पूजा-अर्चना के लिए कई शुभ और विशेष फल देने वाले मुहूर्त बन रहे हैं.
बना त्रिपुष्कर योग
धन त्रयोदशी के दिन त्रिपुष्कर योग बन रहा है. इसलिए इस दिन खरीदी गई संपत्ति, आभूषण आदि में तीन गुना वृद्धि होगी. यह त्रिपुष्कर योग तिथि, वार और नक्षत्र के संयोग से बना है. प्रात:काल द्वादशी तिथि, मंगलवार और उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र से मिलकर त्रिपुष्कर योग बना है. इस योग में किया गया कार्य तीन गुना फल देता है.
3 ग्रह आ रहे साथ
धनतेरस के दिन सूर्य, मंगल और बुध ग्रह तुला राशि में गोचर करने जा रहे हैं. बुध और मंगल की युति धन योग का निर्माण करती है। तो वहीं सूर्य-बुध की युति से बुधादित्य योग का निर्माण होगा. इस योग को राजयोग की श्रेणी में भी रखा गया है. तुला राशि के लिए राज योग बन रहा है, जो व्यापार की कारक राशि मानी जाती है. इसलिए कारोबारी इस दिन निवेश करेंगे तो काफी लाभ होगा.
धनतेरस पूजन मुहूर्त-
सायं 6.32 से रात्रि 8.21 बजे तक
अवधि 1 घंटा 49 मिनट
प्रदोष काल : सायं 5.48 से रात्रि 8.21 बजे तक
वृषभ लग्न : सायं 6.32 से रात्रि 8.30 बजे तक
लाभ : सायं 7.24 से 8.59 बजे तक
त्रयोदशी तिथि प्रारंभ
2 नवंबर को प्रात: 11.32 बजे से
समाप्त 3 नवंबर को प्रात: 9.32 बजे तक