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Dhanteras Shubh Muhurat Live: आज पूरे दिन है सोना खरीदने का शुभ मुहूर्त, पूरी डिटेल यहां पढ़ें

Dhanteras 2022 Shubh Muhurat: धनतेरस के साथ ही दिवाली उत्सव की शुरुआत हो जाती है. मान्यता है इस दिन विधि विधान से की गई पूजा अर्चना से घर परिवार में सदैव सुख-समृद्धि का वास बना रहता है. जानिए धनतेरस की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, कथा, आरती, महत्व जानें.

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Dhanteras 2022: धनतेरस पर क्या खरीदें

श्रीगणेश और लक्ष्मी की चांदी या मिट्टी की मूर्तियां. मूर्ति की जगह चांदी का सिक्का भी खरीद सकते हैं जिस पर गणेश-लक्ष्मी चित्रित हों. इन पर केसर का तिलक करके पूजन करें और लाल या पीले कपड़े पर रख दें. दीपावली पूजन में भी इन सिक्कों या मूर्तियों का पूजन करें और फिर इन्हें अपनी तिजोरी में रख दें.

Dhanteras 2022: सोना खरीदने का शुभ मुहूर्त

धनतेरस के दिन सोना-चांदी खरीदना शुभ माना जाता है. हर साल की तरह इस साल भी लोग धनतेरस को खास बनाने के लिए सोना-चांदी खरीदने की तैयारी कर रहे हैं. अगर आप भी धनतेरस के दिन सोना-चांदी खरीदने की योजना बना रहे हैं तो इस खास मुहूर्त को जान लें. 23 अक्टूबर यानी रविवार को आने वाले धनतेरस पर सोना-चांदी खरीदने का शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 44 मिनट से 6 बजकर 5 मिनट तक बन रहा है. कुल समय 21 मिनट का है. इस शुभ मुहूर्त में सोना-चांदी खरीदना शुभ रहेगा. इसके साथ ही प्रदोष काल का समय रविवार को शाम 5 बजकर 44 मिनट से 8 बजकर 16 मिनट तक चलेगा.

Dhanteras 2022: कुबेरजी का 35 अक्षरों वाले मंत्रों का जप

धनतेस पर कुबेर महाराज के इस 35 अक्षरों वाले मंत्रों का जप करें. इससे धन्य धान की कभी कोई कमी नहीं होगी.

ओम् यक्षाय कुबेराय वैश्रवणायधनधान्याधिपतये, धनधान्यसमृद्धि मे देहि दापय स्वाहा..

Dhanteras 2022 Mantra: सुख-प्राप्त करने का मंत्र

जीवन में भोग-विलासिता की चीजों का सुख प्राप्त करने के लिए धनतेरस के दिन 'ॐ वैश्रवणाय स्वाहा:' मंत्र का जाप जरूर करना चाहिए.

Dhanteras 2022: आरोग्य प्राप्ति के लिए मंत्र

भगवान धन्वंतरी के 10 शब्दों के इस मंत्र के जप से आपको आरोग्य की प्राप्ति होगी. ओम् नमो भगवत महासुदर्शनाय वासुदेवाय धन्वंतराये:

Dhanteras 2022: करें इन दो मंत्रों का जाप

धनतेरस पर भगवान धन्वंतरि की पूजा के बाद इन दो मंत्रों का जाप जरूर करें. - श्री धन्वंतरी स्वरूप श्री श्री श्री औषधचक्र नारायण नम:..- ओम् शंखं जलौका दधदमृघटं चारूदोर्भिश्चतुर्मि:.

Dhanteras 2022: धनतेरस के दिन है मासिक शिवरात्रि का पावन व्रत

धनतेरस के दिन मासिक शिवरात्रि का पावन व्रत भी है. आज के दिन माता दुर्गा जी को प्रसन्न करने के लिए सिद्धिकुंजिकास्तोत्र व माता के 32 नामों का जप करें.

धनतेरस पर बना शुभ योग

दिवाली से दो दिन पहले धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है. धनतेरस पर माता लक्ष्मी, भगवान गणेश,मां सरस्वती और अपने कुल देवता का मूर्ति को बाजार से खरीदा जाता है फिर दिवाली के दिन लक्ष्मी-गणेश की पूजा होती है. इसके अलावा धनतेरस पर सोना,चांदी, जमीन, मकान, बर्तन और अन्य तरह की चीजों की खरीदारी होती है. इस बार धनतेरस पर पुष्य नक्षत्र के साथ कई तरह के अन्य योग भी बना रहा है जिसके कारण धनतेरस खास होगा. इस बार धनतेरस पर इंद्र योग, त्रिपुष्कर योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग बन रहा है.

धनतेरस पर लक्ष्मी मां की कमल पर बैठी तस्वीर लगाएं

धनतेरस पर अपने घर या दुकान की तिजोरी या गल्ले पर लक्ष्मीजी का ऐसा चित्र लगाना चाहिए, जिसमें मां लक्ष्मी कमल पर धनवर्षा की मुद्रा में बैठी हुईं हो और दो हाथी सूंड उठाए नजर आ रहे हों.ऐसा करने पर हमेशा तिजोरी में मां लक्ष्मी का वास होता है.

धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त

पूजा मुहूर्त - शाम 7 बजकर 10 - रात 08 बजकर 24 (22 अक्टूबर 2022)

प्रदोष काल: शाम 5.52 - रात 8.24 (22 अक्टूबर 2022)

वृषभ काल: शाम 7.10 - रात 09.06 (22 अक्टूबर 2022)

जानें सोना-चांदी खरीदने का मुहूर्त

धनतेरस के दिन सोना-चांदी खरीदना शुभ माना जाता है. हर साल की तरह इस साल भी लोग धनतेरस को खास बनाने के लिए सोना-चांदी खरीदने की तैयारी कर रहे हैं. अगर आप भी धनतेरस के दिन सोना-चांदी खरीदने की योजना बना रहे हैं तो इस खास मुहूर्त को जान लें. 23 अक्टूबर यानी रविवार को आने वाले धनतेरस पर सोना-चांदी खरीदने का शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 44 मिनट से 6 बजकर 5 मिनट तक बन रहा है. कुल समय 21 मिनट का है. इस शुभ मुहूर्त में सोना-चांदी खरीदना शुभ रहेगा. इसके साथ ही प्रदोष काल का समय रविवार को शाम 5 बजकर 44 मिनट से 8 बजकर 16 मिनट तक चलेगा.

धनतेरस की रात यहां जलाएं दीपक 

धनतेरस की रात्रि में कुएं की पाल पर आटे के सात दीपक बनाकर प्रज्वलित करने से कुबेर और विष्णु की कृपा प्राप्त होती है.

धनतेरस पर  पूजा कक्ष में दीपक जलाना शुभ

धनतेरस का पर्व सुख-समृद्धि का पर्व माना जाता है. इस दिन पूजा कक्ष में दीपक जलाना बहुत शुभ माना जाता है. इस दिन मंदिर में दीपक जलाने से वास्तु दोष दूर होता है और घर में आर्थिक समृद्धि आती है.

धनतेरस पर क्या खरीदें

श्रीगणेश और लक्ष्मी की चांदी या मिट्टी की मूर्तियां. मूर्ति की जगह चांदी का सिक्का भी खरीद सकते हैं जिस पर गणेश-लक्ष्मी चित्रित हों. इन पर केसर का तिलक करके पूजन करें और लाल या पीले कपड़े पर रख दें. दीपावली पूजन में भी इन सिक्कों या मूर्तियों का पूजन करें और फिर इन्हें अपनी तिजोरी में रख दें.

धनतेरस 2022 पर शुभ योग

त्रिपुष्कर योग: आज दोपहर 01:50 बजे से शाम 06:02 बजे तक

ब्रह्म योग: आज सुबह से शाम 05:13 बजे तक

इंद्र योग: आज शाम 05:13 बजे से कल शाम 04:07 बजे तक

अभिजित मुहूर्त: सुबह 11:43 बजे से दोपहर 12:28 बजे तक

विजय मुहूर्त: दोपहर 01:58 बजे से दोपहर 02:44 बजे तक

धनतेरस 2022 रात का शुभ चौघड़िया मुहूर्त

लाभ-उन्नति: शाम 05:45 बजे से शाम 07:20 बजे तक

शुभ-उत्तम: रात 08:55 बजे से रात 10:30 बजे तक

अमृत-सर्वोत्तम: रात 10:30 बजे रात 12:06 बजे तक

चर-सामान्य: रात 12:06 बजे से देर रात 01:41 बजे तक

लाभ-उन्नति: अगली सुबह 04:51 बजे से सुबह 06:27 बजे तक

धनतेरस 2022 पर शुभ योग

त्रिपुष्कर योग: आज दोपहर 01:50 बजे से शाम 06:02 बजे तक

ब्रह्म योग: आज सुबह से शाम 05:13 बजे तक

इंद्र योग: आज शाम 05:13 बजे से कल शाम 04:07 बजे तक

अभिजित मुहूर्त: सुबह 11:43 बजे से दोपहर 12:28 बजे तक

विजय मुहूर्त: दोपहर 01:58 बजे से दोपहर 02:44 बजे तक

धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त

पूजा मुहूर्त - शाम 7 बजकर 10 - रात 08 बजकर 24 (22 अक्टूबर 2022)

प्रदोष काल: शाम 5.52 - रात 8.24 (22 अक्टूबर 2022)

वृषभ काल: शाम 7.10 - रात 09.06 (22 अक्टूबर 2022)

धनवंतरी पूजा विधि

  • धनतेरस के दिन घर की सफाई कर सुबह स्नान आदि करके स्वच्छ वस्त्र पहन लें.

  • इसके बाद षोडशोपचार विधि से देवता धनवंतरी देव की पूजा करें. साथ ही, माता लक्ष्मी की पूजा करें.

  • इसके बाद भगवान धनवंतरी और मां लक्ष्मी की आरती करें और प्रसाद सभी में बांटें.

  • शाम के समय घर के मुख्य द्वार पर दीये जलाना न भूलें.

Dhanteras 2022: धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त

पूजा मुहूर्त - शाम 7 बजकर 10 - रात 08 बजकर 24 (22 अक्टूबर 2022)

प्रदोष काल: शाम 5.52 - रात 8.24 (22 अक्टूबर 2022)

वृषभ काल: शाम 7.10 - रात 09.06 (22 अक्टूबर 2022)

Dhanteras 2022: धनतेरस पर इनकी होती है पूजा

कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस का पर्व मनाया जाता है. इस दिन को धन्वंतरि देव की जयंती के रूप में भी मनाते हैं. धनतेरस 2022 पर धनवंतिर देव की पूजा के साथ कुबेर, लक्ष्मी, गणेश और यम की भी पूजा की जाती है.

Dhanteras 2022: धनतेरस पर क्या खरीदें क्या नहीं

धनतेरस के दिन खरीदारी का विशेष महत्व होता है. इस दिन सोना, चांदी, पीतल की चीजें और झाड़ू खरीदना शुभ माना जाता है. हालांकि धनतेरस पर काले रंग की वस्तुएं, कांच, एल्युमीनियम और लोहे से बनी चीजें बिल्कुल नहीं खरीदनी चाहिए.

Dhanteras 2022: धनतेरस पर इन चीजों की होती है खरीदारी

धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतिर के अलावा भगवान कुबेर और माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की जाती है. मान्यता है कि धनतेरस के दिन खरीदारी करना बहुत ही शुभ होता है. इस कारण से वर्षों से धनतेरस के मौके पर सोना-चांदी के अभूषण, बर्तन, घरों में प्रयोग की जाने वाली वस्तुएं, कार, मोटर साइकिल और जमीन-मकान के सौदे होते हैं.

Dhanteras 2022: भगवान धन्वंतरि की आरती

जय धन्वंतरि देवा, जय धन्वंतरि जी देवा।

जरा-रोग से पीड़ित, जन-जन सुख देवा।।जय धन्वं.।।

तुम समुद्र से निकले, अमृत कलश लिए।

देवासुर के संकट आकर दूर किए।।जय धन्वं.।।

आयुर्वेद बनाया, जग में फैलाया।

सदा स्वस्थ रहने का, साधन बतलाया।।जय धन्वं.।।

भुजा चार अति सुंदर, शंख सुधा धारी।

आयुर्वेद वनस्पति से शोभा भारी।।जय धन्वं.।।

तुम को जो नित ध्यावे, रोग नहीं आवे।

असाध्य रोग भी उसका, निश्चय मिट जावे।।जय धन्वं.।।

हाथ जोड़कर प्रभुजी, दास खड़ा तेरा।

वैद्य-समाज तुम्हारे चरणों का घेरा।।जय धन्वं.।।

धन्वंतरिजी की आरती जो कोई नर गावे।

रोग-शोक न आए, सुख-समृद्धि पावे।।जय धन्वं.।।

धनतेरस पूजा विधि

  • धनतेरस के दिन घर की सफाई कर सुबह स्नान आदि करके स्वच्छ वस्त्र पहन लें.

  • इसके बाद षोडशोपचार विधि से देवता धनवंतरी देव की पूजा करें. साथ ही, माता लक्ष्मी की पूजा करें.

  • इसके बाद भगवान धनवंतरी और मां लक्ष्मी की आरती करें और प्रसाद सभी में बांटें.

  • शाम के समय घर के मुख्य द्वार पर दीये जलाना न भूलें.

कैसे करें सोने की पहचान

सोने की किसी भी ज्वैलरी को खरीदने से पहले एक बार हॉलमार्क नंबर जरूर देख लें. दरअसल, हर कैरेट के सोने के लिए हॉलमार्क नंबर लिखे किए जाते हैं. अगर आप 22 कैरेट के सोने की खरीद करते हैं तो उस पर 916 नंबर का इस्तेमाल किया जाता है तो वहीं 18 कैरेट के लिए 750 नंबर का इस्तेमाल करते हैं जबकि 14 कैरेट के लिए 585 नंबर का उपयोग किया जाता है.

धन्वंतरि आराधना का महत्व

धनतेरस के दिन आरोग्य की प्राप्ति के लिए भगवान धनवंतरि की पूजन करते हैं. धनवंतरि को आयुर्वेद का प्रवर्तक और देवताओं का वैद्य माना गया है. पारंपरिक मान्यता के अनुसार पृथ्वी लोक में धनवंतरि का अवतरण समुद्र मंथन से हुआ था. शरद पूर्णिमा को चंद्रमा, कार्तिक द्वादशी को कामधेनु गाय, त्रयोदशी को धनवंतरि, चतुर्दशी को काली माता, अमावस्या को भगवती लक्ष्मी का सागर से प्रादुर्भाव हुआ. इसी कारण दीपावली के दो दिन पूर्व त्रयोदशी को भगवान धनवंतरि की पूजा की जाती है. भगवान धनवंतरि को हर तरह के रोगों से मुक्ति दिलाने वाला देव माना गया है.

Dhanteras 2022: धनतेरस मंत्र

- मृत्युना पाशहस्तेन कालेन भार्यया सह।

- त्रयोदश्यां दीपदानात्सूर्यज: प्रीयतामिति।।

मंत्र का अर्थ - यमुना यमराज की बहन हैं. इसलिए धनतेरस के दिन यमुना-स्नान का विशेष महत्व है.

धन्वंतरि पूजा का है महत्व

धनतेरस के दिन आरोग्य की प्राप्ति के लिए भगवान धन्वंतरि की पूजन करते हैं. धनवंतरि को आयुर्वेद का प्रवर्तक और देवताओं का वैद्य माना गया है. पारंपरिक मान्यता के अनुसार पृथ्वी लोक में धनवंतरि का अवतरण समुद्र मंथन से हुआ था. शरद पूर्णिमा को चंद्रमा, कार्तिक द्वादशी को कामधेनु गाय, त्रयोदशी को धनवंतरि, चतुर्दशी को काली माता, अमावस्या को भगवती लक्ष्मी का सागर से प्रादुर्भाव हुआ. इसी कारण दीपावली के दो दिन पूर्व त्रयोदशी को भगवान धनवंतरि की पूजा की जाती है. भगवान धनवंतरि को हर तरह के रोगों से मुक्ति दिलाने वाला देव माना गया है.

धनतेरस के साथ 5 दिवसीय दीपावली उत्सव की होती है शुरुआत

धनतेरस के साथ ही पांच दिवसीय दीपावली उत्सव की शुरुआत हो जाती है. इस 5 दिवसीय उत्सव में पहले धनतेरस, दूसरा नरक चतुर्दशी, तीसरा दीपावली, चौथा गोवर्धन पूजा और पांचवां भैया दूज का त्योहार मनाया जाता है. इन पांच दिनों के उत्सव में हर दिन अपना अलग महत्व है.

Dhanteras 2022: धनतेरस के दिन यम दीप जलाने की है परंपरा

धनतेरस के दिन यम के नाम से दीपदान की परंपरा पुरातन काल से चली आ रही है और इस दिन यमराज के लिए आटे का चौमुख दीपक बनाकर उसे घर के मुख्य द्वारा पर रखा जाता है. घर की महिलाएं रात के समय इस दीपक में तेल डालकर चार बत्तियां जलाती हैं. इस दीपक का मुख दक्षिण दिशा की ओर होता है. दीपक जलाते समय दक्षिण दिशा की ओर मुख करके ‘मृत्युनां दण्डपाशाभ्यां कालेन श्यामया सह। त्रयोदश्यां दीपदानात् सूर्यजः प्रीयतां मम्’ मंत्र का जाप किया जाता है.

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