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Dhanteras 2024 Kab Hai: किस दिन है धनतेरस, यहां से जानें शुभ मुहूर्त और महत्व

Dhanteras 2024 Kab Hai: दीपोत्सव की शुरुआत धनतेरस से होती है, जो छोटी दिवाली से एक दिन पूर्व मनाया जाता है. सनातन शास्त्रों में धनतेरस का पर्व अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है. आइए जानें इस साल धनतेरस किस दिन मनाया जाएगा.

By Shaurya Punj | October 22, 2024 9:49 AM
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Dhanteras 2024 Kab Hai: धनतेरस, जिसे धनत्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है, दिवाली के उत्सव की शुरुआत का प्रतीक है और यह भारत में मनाए जाने वाले प्रमुख त्योहारों में से एक है. यहां से जानें किस दिन मनाया जाएगा धनतेरस, साथ ही जानें शुभ मुहूर्त और इस त्योहार का महत्व

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किस दिन है धनतेरस ?

कुछ व्यक्तियों का कहना है कि यह त्योहार इस वर्ष 29 अक्टूबर को होगा, जबकि अन्य का मानना है कि यह पर्व 30 अक्टूबर को मनाया जाएगा. आइए, आपके संदेह को स्पष्ट करते हैं.

हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास की त्रयोदशी तिथि पर धनतेरस का उत्सव मनाया जाता है. इस वर्ष त्रयोदशी तिथि का आरंभ 29 अक्टूबर को सुबह 10:31 बजे से होगा और इसका समापन 30 अक्टूबर को सुबह 01:15 बजे होगा. इसलिए, धनतेरस का पर्व मंगलवार, 29 अक्टूबर 2024 को मनाया जाएगा.

धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त

29 अक्टूबर को गोधूलि काल का आरंभ शाम 6 बजकर 31 मिनट से होगा और यह रात 8 बजकर 31 मिनट तक चलेगा. धनतेरस की पूजा के लिए आपको 1 घंटा 42 मिनट का अवसर प्राप्त होगा.

खरीदारी के लिए शुभ मुहूर्त

ऋषिकेश पंचांग के अनुसार धनतेरस के दिन तीन विशेष शुभ मुहूर्त निर्धारित किए गए हैं, जिनमें जातक सोना, चांदी, आभूषण, बर्तन, भूमि आदि की खरीदारी कर सकते हैं.


पहला शुभ मुहूर्त सुबह 07:50 से 10:00 बजे तक है. यह समय वृश्चिक लग्न का है, जिसे स्थिर और अत्यंत शुभ माना जाता है.


दूसरा शुभ मुहूर्त कुंभ लग्न का है, जो दोपहर 02:00 से 03:30 बजे तक रहेगा. यह भी स्थिर और शुभ माना जाता है.


तीसरा शुभ मुहूर्त प्रदोष काल का है, जो संध्या 06:36 से 08:32 बजे तक रहेगा. इनमें से यह मुहूर्त सबसे उत्तम और शुभ माना जाता है. शुभ मुहूर्त में खरीदारी करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है.

धनतेरस का महत्व

धनतेरस का दिन धन, समृद्धि और स्वास्थ्य के महत्व को दर्शाता है. इस पर्व का संबंध चिकित्सा के देवता भगवान धन्वंतरि और धन की देवी देवी लक्ष्मी की पूजा से गहराई से जुड़ा हुआ है.धनतेरस के अवसर पर, लोग श्रद्धा, दान और त्यौहारी खरीदारी में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं, क्योंकि इसे भाग्य और आशीर्वाद लाने वाला दिन माना जाता है.

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