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Diwali 2021: बड़ी दिवाली के दिन सुबह से रात तक करें ये प्रमुख काम, घर में हमेशा रहेगी देवी लक्ष्मी की कृपा

धनतेरस, नरक चतुर्दशी, महालक्ष्मी पूजन, गोवर्धन पूजा और भाईदूज इन 5 पर्वों का खास मिलन है दीपावली. ये दिन मंगलकारी होते हैं. ऐसे में देवी लक्ष्मी आपके घर स्थाई निवास करें इसके लिए दीपावली या बड़ी दिवाली के दिन सुबह से रात तक कुछ ऐसे काम करें.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 4, 2021 6:49 AM
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Diwali 2021: आज दीपावली है. मान्यता के अनुसार दिवाली के दिन आधी रात को महालक्ष्मी घरों में घूमने आती हैं. इस दिन घर-बाहर हर जगह साफ – सफाई कर खूब सजाया जाता है. दीप, रौशनी से घर को प्रकाशमान किया जाता है. ब्रह्मपुराण के अनुसार दिवाली के दिन व्यक्ति यदि सच्चे मन से लक्ष्मी का स्वागत करता है तो देवी लक्ष्मी प्रसन्न होकर उसके घर में स्थायी रूप से वास करती हैं.

दिवाली के दिन सुबह से रात तक कुछ ऐसे काम करें

: सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और संकल्प लेकर उपवास रखें.

मम सर्वापच्छांतिपूर्वकदीर्घायुष्यबलपुष्टिनैरुज्यादि-सकलशुभफल प्राप्त्यर्थं

गजतुरगरथराज्यैश्वर्यादिसकलसम्पदामुत्तरोत्तराभिवृद्ध्‌यर्थं इंद्रकुबेरसहितश्रीलक्ष्मीपूजनं करिष्ये

: बड़ों का पैर छू कर आशीर्वाद लें.

: शाम को दोबारा नहाकर देवी लक्ष्मीजी की पूजा की विशेष तैयार करें.

: पूजा स्थ्ल पर देवी लक्ष्मी के सामने चौकी पर मौली बांधें, गणेश की मूर्ति भी रखें.

: चौकी पर छह चौमुखे और 26 छोटे दीपक रखें, इनमें तेल-बत्ती डाल कर प्रज्वलित करें.

: मौली, चावल, फल, गुड़, अबीर, गुलाल, धूप और जल आदि से सच्चे मन से पूजा करें.

: पूजा के बाद अपने घर के हर कोने में जले हुए दीपक रखें.

: एक छोटा, एक चौमुखा दीपक रखकर नीचे दिए गए मंत्र से देवी लक्ष्मी की पूजा करें.

नमस्ते सर्वदेवानां वरदासि हरेः प्रिया।

या गतिस्त्वत्प्रपन्नानां सा मे भूयात्वदर्चनात॥

इस मंत्र से इंद्र का ध्यान करें

ऐरावतसमारूढो वज्रहस्तो महाबलः।

शतयज्ञाधिपो देवस्तमा इंद्राय ते नमः॥

इस मंत्र से कुबेर का ध्यान करें

धनदाय नमस्तुभ्यं निधिपद्माधिपाय च।

भवंतु त्वत्प्रसादान्मे धनधान्यादिसम्पदः॥

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: तिजोरी में मूर्ति रखकर पूजा करें.

: लक्ष्मी पूजन के लिए रात बारह बजे पाट पर लाल कपड़ा बिछाकर लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति रखें.

: अब वहां पर सौ रुपए, सवा सेर चावल, गुड़, चार केले, मूली, हरी ग्वार फली और पांच लड्डू रखकर लक्ष्मी-गणेश की पूजा करें.

: दीपक पर बने काजल घर के सभी लोग अपनी आंखों में लगाएं, रात्रि जागरण करते समय गोपाल सहस्रनाम पाठ करें.

: रात बारह बजे दीपावली पूजन के बाद चूने या गेरू में रुई भिगोकर चक्की, चूल्हा, सिल और छाज पर तिलक करने का रिवाज है.

: दूसरे दिन सुबह चार बजे उठकर पुराने छाज में कूड़ा फेंकने के लिए ले जाते समय कहें ‘लक्ष्मी-लक्ष्मी आओ, दरिद्र-दरिद्र जाओ’ .

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