Loading election data...

Diwali 2021 : दीपावली के दिन आसानी से करें देवी लक्ष्मी की पूजा, यहां पढ़ें मंत्र और विधि

पुराणों के अनुसार समुद्र मंथन से कार्तिक महीने की अमावस्या पर देवी लक्ष्मी प्रकट हुई थीं. रामायण के अनुसार इस दिन देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु का विवाह हुआ था इसलिए इस दिन देवी लक्ष्मी पूजा की परंपरा है. स्कंद और पद्म पुराण के अनुसार इस दिन दीप दान करने से मनुष्य के पाप मिट जाते हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 4, 2021 12:17 PM

दीपावली के दिन दीपक जलाने से देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं. इस दिन लक्ष्मी पूजा से पहले कलश, भगवान गणेश, विष्णु, इंद्र, कुबेर और देवी सरस्वती की पूजा करने की परंपरा है. ज्योतिषियों के अनुसार इस बार दिवाली पर तुला राशि में चार ग्रहों के आ जाने से चतुर्ग्रही योग बन रहा है. यह योग अत्यंत शुभ फल देने वाला माना गया है.

पूजन विधि

अपने ऊपर, आसन व पूजन सामग्री पर 3-3 बार कुशा या पुष्पादि से जल का छिड़काव कर यह शुद्धिकरण मंत्र पढ़ें-

ॐ अपवित्रः पवित्रो वा सर्वावस्थांगतोऽपि वा। यःस्मरेत् पुण्डरीकाक्षं सबाह्याभ्यंतर: शुचिः।।

यह मंत्र पढ़ते हुए आचमन करें और हाथ धोएं-

ॐ केशवाय नमः, ॐ माधवाय नम:, ॐनारायणाय नमः ऊँ ऋषिकेशाय नम:

अनामिका अंगुली से चंदन/रोली लगाते हुए इस मंत्र को पढ़ें-

चन्दनस्य महत्पुण्यम् पवित्रं पापनाशनम्

आपदां हरते नित्यम् लक्ष्मी तिष्ठतु सर्वदा।

कलश पूजा ऐसे करें

कलश में जल भरकर उसमें सिक्का, सुपारी, अक्षत, तुलसी पत्र, दुर्वा डालें फिर कलश पर आम के 5 पत्ते रखें. नारियल पर वस्त्र लपेटकर कलश पर रखें. हाथ में अक्षत-पुष्प लेकर वरुण देवता का आहवान करते हुए मंत्र पढ़कर कलश पर छोड़ दें-

आगच्छभगवान् देवस्थाने चात्र स्थिरोभव।

यावत् पूजा समाप्ति स्यात् तावत्वं सुस्थिरो भव।।

फिर कलश में कुबेर, इंद्र सहित सभी देवी-देवताओं का स्मरण कर के आव्हान और प्रणाम करें।

भगवान गणेश, विष्णु, इंद्र, कुबेर पूजा विधि

लक्ष्मी जी की पूजा से पहले भगवान गणेश का पूजन अवश्य करें। ॐ गं गणपतये नम: मंत्र बोलते हुए गणेश को स्नान करवाने के बाद सभी पूजन सामग्री चढ़ाएं. अब हाथ में अक्षत-पुष्प लेकर कुबेर, इंद्र और भगवान विष्णु की मूर्ति पर चढ़ाते हुए यह मंत्र बोलें, सर्वेभ्यो देवेभ्यो स्थापयामि। इहागच्छ इह तिष्ठ। नमस्कारं करोमि. फिर सर्वेभ्यो देवेभ्यो नम: बोलते हुए सभी देवताओं पर पूजन सामग्री चढ़ा दें.

सरस्वती पूजा

अक्षत-पुष्प लेकर सरस्वती माता का ध्यान करते हुए आव्हान करें. अब ऊँ सरस्वत्यै नम: मंत्र बोलते हुए एक-एक कर के सभी पूजन सामग्री चढ़ा दें. फिर इसी मंत्र से पेन, पुस्तक और बहीखाता की पूजा भी करें.

लक्ष्मी पूजा विधि

हाथ में अक्षत पुष्प लेकर लक्ष्मी जी का अह्वान इस मंत्र के साथ करें ‘ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्री महालक्ष्म्यै नम:’. मंत्र: ॐ श्रीं श्रीये नम: का जाप करते हुए पूजन सामग्री, पुष्प, धूप-दीप, नौवेद्य चढ़ाएं. आरती करें

Also Read: Diwali 2021: बड़ी दिवाली के दिन सुबह से रात तक करें ये प्रमुख काम, घर में हमेशा रहेगी देवी लक्ष्मी की कृपा

दीपमालिका (दीपक) पूजन

एक थाली में 11, 21 या उससे ज्यादा दीपक जलाकर महालक्ष्मी के पास रख दें. अब एक फूल और कुछ पत्तियां हाथ में लेकर सभी पूजन सामग्री भी लें. फिर ॐ दीपावल्यै नम: इस मंत्र बोलते हुए फूल पत्तियों को सभी दीपकों पर चढ़ाएं और दीपमालिकाओं की पूजा पूरी करें.

लक्ष्मी पूजा के शुभ मुहूर्त

ऑफिस के लिए : सुबह 11:20 बजे से दोपहर 1:27 तक

फैक्ट्री के लिए : सुबह 9:00 से सुबह 11: 19 तक

दुकान के लिए : दोपहर 2:50 से शाम 4:20 तक

घर के लिए : दोपहर 2:50 से शाम 4:20 तक

शाम 5:34 से रात 8:10 तक

रात 11:40 से 12:31 तक

Next Article

Exit mobile version