Durga Puja 2020: इस बार नवरात्रि 17 अक्टूबर से शुरू हो रही है. वहीं नरवात्र की शुरुआत चित्रा नक्षत्र में प्रारंभ हो रही है. इस बार की नवरात्रि अत्यंत सुख और समृद्धि प्रदान करने वाली होगी. इस बार की नवरात्रि पूरे 9 दिनों की है. किसी भी तिथि का लोप नहीं है. नवरात्रि में प्रथम दिन घट स्थापना की जाती है. इस बार घट स्थापना अभिजीत मुहूर्त में सुबह 11 बजकर 36 मिनट से 12 बजकर 24 मिनट के बीच होगी.
इस बार नवरात्रि के प्रथम दिन घट स्थापना हो रही है, उसी दिन सुबह सूर्य लग्न में नीच का होगा. यह अत्यंत दुर्लभ घटना है, जो कि लगभग 20 वर्ष बाद हो रही है. इस नवरात्रि में कलश स्थापना सुबह 8 बजकर 16 से 10 बजकर 31 बजे तक वृश्चिक लग्न के मुहूर्त में, सुबह 11 बजकर 36 से 12 बजकर 24 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त में, वहीं, दोपहर 2 बजकर 24 मिनट से 3 बजकर 59 मिनट तक कुंभ लग्न के मुहूर्त में और इसके बाद रात 7 बजकर 13 मिनट से 9 बजकर 12 मिनट तक ऋषभ लग्न के मुहूर्त में होगा.
नवरात्रि के प्रथम दिन : इस बार नवरात्रि शनिवार से शुरू हो रही है. नवरात्रि के पहले दिन शनिवार को माता शैलपुत्री की पूजा होगी. इस दिन गाय के दुध से बने हुए व्यंजनों का भोग लगेगा. माता की पूजा करने से मंगल ग्रह की शांति होगी.
द्वितीया तिथि : रविवार को मां ब्रह्माचारिणी की पूजा की जाएगी. इस दिन माता को शक्कर का भोग लगेगा. इस दिन माता की अराधना करने से गुरु ग्रह की शांति होगी.
तृतीया तिथि : सोमवार को मां चंद्रघंटा की अराधना की जाएगी. इस दिन माता को घी का भोग लगेगा. इस दिन माता पूजा करने से बुध ग्रह की शांति होगी.
चतुर्थी तिथि : मंगलवार को मां कुष्मांडा का दिन है. इस दिन माता को मालपुआ का भोग लगेगा. इस दिन पूजा करने से शनि ग्रह की शांति होगी.
पंचमी तिथि : बुधवार को मां स्कंदमाता की पूजा की जाएगी. इस दिन माता को केला भोग लगेगा. इस दिन पूजा करने से राहु ग्रह की शांति होगी.
षष्ठी तिथि : गुरुवार को मां कात्यायनी का दिन है. इस दिन माता को शहद का भोग लगेगा. इस दिन पूजा करने से केतु ग्रह की शांति होगी.
सप्तमी तिथि : शुक्रवार को मां कालरात्रि का दिन है. इस दिन माता को गुड़ का भोग लगाया जाएगा. इस दिन पूजा करने से शुक्र ग्रह की शांति होगी.
अष्टमी तिथि : शनिवार को मां महागौरी का दिन है. इस दिन माता को नारियल का भोग लगेगा. इस दिन पूजा करने से सूर्य ग्रह की शांति होगी.
नवमीं तिथि : रविवार को इस दिन सिद्धिदात्री का दिन होगा. इस दिन माता को धान की लाई का भोग लगेगा. इस दिन पूजा करने से चंद्र ग्रह की शांति होगी.
दशहरा सायंकाल व्यापिनी होता है. इस दिन 25 अक्टूबर रविवार को सुबह नवमी मनाई जाएगी और शाम को दशहरा मनाया जाएगा. वहीं अष्टमी का हवन शनिवार को किया जाएगा.
News Posted by : Radheshyam kushwaha