Loading election data...

इस बार घर पर ही मनानी होगी ईद, बरगद के पेड़ों के पास वट सावित्री पूजा के लिए भी नहीं जुटेंगी महिलाएं

कोरोना वायरस संकट से पूरी दुनिया इस समय जूझ रही है. देश में इस दौरान कोरोना संक्रमितों की संख्या बहुत तेजी से बढ़ रही है. इसे लेकर मोदी सरकार ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन को एक बार फिर से बढ़ा दिया है.

By Radheshyam Kushwaha | May 18, 2020 5:39 PM

कोरोना वायरस संकट से पूरी दुनिया इस समय जूझ रही है. देश में इस दौरान कोरोना संक्रमितों की संख्या बहुत तेजी से बढ़ रही है. इसे लेकर मोदी सरकार ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन को एक बार फिर से बढ़ा दिया है. लॉकडाउन-04 सोमवार यानि आज से शुरू हो गया है. लॉकडाउन-04 अब 31 मई तक लागू रहेगा. 31 मई तक देशभर में धार्मिक स्थल बंद रहेंगे और सभी सार्वजनिक आयोजनों पर पाबंदी लगी रहेगी. इसी सप्ताह 22 मई को वट सावित्रि व्रत है और उम्मीद है कि 26 मई को ईद पड़ रही है.

ईद लॉकडाउन 04 में मनाई जाएगी. इस दौरान किसी को भी ईदगाह या मस्जिद में जमा होने की इजाजत नहीं होगी. इस बार ईद पर एक साथ नमाज अदा नहीं कर पायेंगे. वहीं, इस बार महिलाएं वट सावित्रि की पूजा बरगद के पेड़ के पास नहीं कर पाएंगी. वट सावित्रि पूजा अपने-अपने घरों में ही करना पड़ेगा बता दें कि लॉकडाउन 04 के दौरान धार्मिक स्थलों के अलावा जीम, स्वीमिंग पुल, स्कूल, कॉलेज, रेस्टोरेंट, होटल, थियेटर और मॉल बंद रहेंगे. वहीं स्कूल और कॉलेजों को ऑनलाइन पढ़ाई कराने की परमिशन होगी. रेलवे, मेट्रो, डोमेस्टिक और विदेशी फ्लाइट पर भी प्रतिबंध जारी रहेगी. वहीं, लॉकडाउन 04 में कुछ छूटछाट भी दी गई है, इसके साथ शर्तें भी हैं. लॉकडाउन 04 लागू होने के कारण इस बार ईद का त्योहार घरों पर ही मनाया जाएगा.

मुस्लिम समाज के लोगों ने सादगी के साथ ईद मनाने का लिया फैसला

कोरोना वायरस संक्रमण के कारण देश मुश्किल दौर से गुजर रहा है. लॉकडाउन में लोगों की परेशानी बढ़ गयी है. ऐसे में मुस्लिम समाज के लोगों ने सादगी के साथ ईद मनाने का फैसला लिया है. कई संस्थानों ने नए कपड़े-गहने खरीदने की जगह उस पैसों से जरूरतमंदों की सहायता करने का निर्णय लिया है. इन संस्थनों का कहना है कि ईद में जरूरी नहीं है कि नए कपड़े पहने जाएं, बल्कि साफ- सुथरे कपड़े होने चाहिए. अगर आपके आस-पास में कोई भूखा है तो रोजा और नमाज सभी निष्फल हो जाएगा. इस बार ईद के दिन नए कपड़े, जूता चप्पल ज्यादा जरूरी नहीं है, बल्कि इस समय भूखों का पेट भरना जरूरी है.

Next Article

Exit mobile version