Eid Milad-Un-Nabi 2024: इस्लाम धर्म में पैगंबर मोहम्मद के जन्मदिन को ईद मिलाद अल-नबी या ईद मिलाद के रूप में मनाते हैं. आज 16 सितंबर को ये पाक त्योहार मनाया जा रहा है. इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार, यह त्योहार रबी अल-अव्वल के तीसरे महीने के बारहवें दिन होता है.
ईद मिलाद-उन-नबी का इतिहास
इस्लामिक साहित्य के अनुसार, पैगंबर मुहम्मद का जन्म 570 ई. के आसपास मक्का में हुआ था. हालांकि, शिया और सुन्नी विद्वान इस दिन को अलग-अलग तिथियों पर मनाते हैं. शिया समुदाय का मानना है कि पैगंबर मुहम्मद का जन्म रबी अल-अव्वल के 17वें दिन हुआ था, जबकि सुन्नी समुदाय उनके जन्म को 12वें दिन मनाता है.
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ऐसे मनाते हैं ईद मिलाद-उन-नबी
इस दिन को मनाने वाले लोग नए कपड़े पहनकर, नमाज़ अदा करके और दोस्तों और परिवार से मिलकर इसे मनाते हैं. लोग नमाज़ अदा करने के लिए सुबह-सुबह मस्जिदों या दरगाहों में इकट्ठा होते हैं. लोग इस दिन पैगंबर मोहम्मद की कहानियां सुनाते हैं. लोग इस शुभ दिन पर प्यार और दया फैलाने के तरीके के रूप में गरीबों को उपहार भी देते हैं.
पीएम मोदी ने दी ईद मिलाद-उन-नबी की मुबारकबाद
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को मिलाद-उन-नबी के अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं और सभी के लिए सुख एवं समृद्धि की कामना की. प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “ईद मुबारक! मिलाद-उन-नबी के अवसर पर शुभकामनाएं. सद्भाव और एकजुटता हमेशा बनी रहे. चारों ओर सुख और समृद्धि हो.” मिलाद-उन-नबी को पैगंबर मोहम्मद के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है और मुस्लिम समुदाय में इस दिन को बहुत पाक माना जाता है.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दी ईद मिलाद-उन-नबी की मुबारकबाद
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रविवार को मिलाद-उन-नबी की पूर्व संध्या पर लोगों को बधाई दी और सभी से ‘‘पाक कुरान की पवित्र शिक्षाओं को आत्मसात करने तथा एक शांतिपूर्ण समाज के निर्माण का संकल्प लेने’’ को कहा. उन्होंने अपने संदेश में कहा, ‘‘पैगंबर मुहम्मद के जन्मदिन, जिसे मिलाद-उन-नबी के रूप में मनाया जाता है, पर मैं सभी देशवासियों, विशेषकर हमारे मुस्लिम भाइयों और बहनों को हार्दिक बधाई देती हूं.’’ राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘पैगंबर मुहम्मद ने हमें प्रेम और भाईचारे की भावनाओं को मजबूत करने के लिए प्रेरित किया. उन्होंने समाज में समानता और सद्भाव के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने लोगों को दूसरों के प्रति दयालु होने और मानवता की सेवा करने के लिए प्रोत्साहित किया.’’