Eid-ul-Fitr 2024 : बुराइयों को त्याग कर नेकी को जीवन में शामिल करना सिखाता है जश्न-ए-ईद

ईद के आने के पहले मन-मस्तिष्क में आनंद का सैलाब पैदा करने के पीछे पूरा विज्ञान शामिल है. 'क़ुर-आन' शब्द को देखें, तो 'क़ुर' का आशय शीतलता और 'आन' का आशय लम्हा है. यानी जिंदगी में उत्तेजना, क्रोध, तनाव की हालत न आने पाये.

By Rajnikant Pandey | April 10, 2024 7:08 PM
an image

Eid-ul-Fitr 2024 : ईद का त्योहार कल यानी 11 अप्रैल को मनाया जायेगा, जिसे मीठी ईद भी कहते हैं. रमजान के पवित्र माह के आखिरी दिन (चांद मुबारक) चांद देखने के बाद अगले दिन यानी 10वें महीने शव्वाल के स्वागत में ईद का पर्व मनाया जाता है. आइए, जानते हैं ईद का पर्व हमें क्या संदेश देता है…

सलिल पांडेय, मिर्जापुर

इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार, रमजान का महीना 9वां महीना है, जबकि 10वें शव्वाल महीने में ईद का पर्व मनाया जायेगा. इस दृष्टि से 10वें महीने के स्वागत का महीना है रमजान. अंक के हिसाब से देखें तो 9 का अंक इकाई ही है और 10वां माह इकाई से दहाई में बदल जा रहा है. इसके सूक्ष्मभाव पर नजर डालें, तो व्यक्ति को समूह में जीने का संदेश भी दे रहा है रमजान का महीना.

जिसके पास ये है, उसका जीवन सदा रहेगा खुशहाल

व्यक्ति को समूह में जीने के लिए स्नेह, प्रेम, दया की जरूरत होती है और जिसके पास यह है, उसका जीवन खुद-ब-खुद खुशी से भरा रहेगा. 10वें माह में आने वाले ईद पर्व के लिए तन-मन को तैयार करने हेतु रमजान महीने के कुछ नियम बने, ताकि व्यक्ति अपने निजी जीवन में भी नियम के साथ रह सके. सहरी यानी सूरज निकलने के पहले फजीर के नमाज के पहले सो के उठना स्वास्थ्य की दृष्टि से लाभप्रद है. इस समय में शरीर की तंत्रिका प्रणाली आंतरिक सफाई का काम करती हैं. उसके बाद सूरज डूबने के समय मगरिब की नमाज के समय अफ्तार (सूरज डूबने के पहले) का वक्त भी बहुत महत्वपूर्ण है. इस समय वातावरण में ऐसी तरंगें होती हैं, जिसमें किये गये भोजन से तन और मन स्वस्थ रहता है. विभिन्न धर्मावलंबी भी सूर्य डूबने के पहले भोजन कर लेते हैं.

क्या संदेश देता है पवित्र धर्मग्रंथ कुर-आन

रमजान महीने में रात को एशा के नमाज में कुरान पढ़ी और सुनी जाती है. कुरान का शुद्ध उच्चारण कुर-आन है, जो मुसलमानों का एक पवित्र धर्मग्रंथ है और इसे आसमानी किताब माना जाता है. इसमें तीस ‘पारे’, छोटी -बड़ी 114 ‘सूरतें’, 6640 ‘आयतें’ और 540 ‘रकूअ’ हैं. एक रकूअ में एक बार खड़े होकर बैठने तक शामिल है, जिसमें 2 सजदे (जमीन पर माथा टेकना) भी किये जाते हैं.
ईद के आने के पहले मन-मस्तिष्क में आनंद का सैलाब पैदा करने के पीछे पूरा विज्ञान शामिल है. ‘क़ुर-आन’ शब्द को देखें, तो ‘क़ुर’ का आशय शीतलता और ‘आन’ का आशय लम्हा है. यानी जिंदगी में उत्तेजना, क्रोध, तनाव की हालत न आने पाये.

Also Read : Happy Eid-ul-Fitr 2024: चांद के दीदार के साथ आज मनाई जाएगी ईद, यहां से भेजें ईद की मुबारकबाद

‘या अल्लाह-नेकी में लगाओ और बुराइयों से बचाओ’

Eid-ul-fitr 2024 : बुराइयों को त्याग कर नेकी को जीवन में शामिल करना सिखाता है जश्न-ए-ईद 2

इस प्रकार धार्मिक पद्धति से एक माह कुरान को पढ़ या सुनकर शव्वाल महीने में आने वाले ईद के लिए पूरी तरह दुरुस्त होने का यह रिहर्सल का महीना है. ईद भी ‘ऊद’ शब्द से बना है, जिसका मतलब सुगंध है. जीवन को सुगंधित बनाने का रमजान का माह यह संदेश लेकर हर साल आता है कि इस्लाम धर्मावलंबी ऐसा कार्य करें, जिससे वह जहां रहें और जहां जायें, खुशबू बिखेर दें. ईद की नमाज के वक्त दिये जाने वाले खुतबे में ‘या अल्लाह-नेकी में लगाओ और बुराइयों से बचाओ’ का संकल्प दिलाया जाता है, जिसे लागू करना भी त्योहार का मकसद है. संकल्पों को सुनकर भूल जाना नींद की स्थिति है और अपना लेना ईद पर्व का जश्न है.

Also Read : Eid Special Mehndi Designs: ईद पर लगाएं ये यूनिक मेहंदी डिजाइन, दिखेंगी बला की खूबसूरत

Exit mobile version