Eid-ul-Fitr 2020: ईद धूमधाम से मनाई जाती है. ईद भाईचारे को बढ़ावा देने वाला त्योहार है. इस त्योहार को सभी आपस में मिल के मनाते है और खुदा से सुख-शांति और बरक्कत के लिए दुआएं मांगते हैं. ईद-उल-फितर इस्लामी कैलेण्डर के दसवें महीने शव्वाल के पहले दिन मनाया जाता है. इस्लामी कैलंडर के सभी महीनों की तरह यह भी नए चांद के दिखने पर शुरू होता है. पूरे विश्व में ईद की खुशी पूरे हर्षोल्लास से मनाई जाती है. रमजान का पाक महीना अपने अंतिम चरणों में है. रमजान के बाद ही ईद-उल-फितर का त्योहार आता है, जो इस्लाम धर्म का एक पावन पर्व है. ईद इस बार अपने-अपने घरों में मनाई जाएगी.
कोरोना वायरस के कारण देश में लॉकडाउन 04 लागू किया गया है. इस बार ईद धूमधाम से नहीं मनाई जा रही है. वहीं, ईद का मुबारकबाद भी गले मिलकर नहीं दी जाएगी. इस बार ईद के दिन लोग किसी से गले नहीं मिल पाएंगे. सभी को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना है. भारत में 24 मई को चांद के दीदार के बाद ईद उल फितर 25 मई को मनायी जा रही है. इस दिन लोग नमाज अदा कर रोजे का समापन करते हैं. वहीं मुसलमानों में इस दिन का विशेष महत्व है. ईद के दिन एक दुसरे से गले मिलकर ईद की मुबारकबाद देते है. लेकिन इस बार ईद पर किसी से गले नहीं मिल पाएंगे. सभी लोगों को ईद की मुबारकबाद दूर से ही देनी होगी.
ईद उल फितर को मनाने का मकसद ये है कि पूरे महीने अल्लाह के मोमिन बंदे अल्लाह की इबादत करते हैं. इसके बाद रोजा रखते हैं और अपनी आत्मा को शुद्ध करते हैं, जिसका अज्र या मजदूरी मिलने का दिन ही ईद का दिन कहलाता है. जिसे उत्सव के रूप में पूरी दुनिया के मुसलमान बडे़ हर्ष उल्लास से मनाते हैं. इस दिन गरीबों को फितरा दिया जाता है. जिससे वो लोग जो गरीब हैं मजबूर हैं अपनी ईद मना सकें. जिससे इस दिन नये कपडे़ पहन सकें और समाज में एक दूसरे के साथ खुशियां बांट सकें.
इस ईद में मुसलमान अल्लाह का शुक्रिया अदा इसलिए भी करते हैं कि उन्होंने महीने भर के उपवास रखने की शक्ति दी हैं. ईद के एक से बढ़कर एक पकवान बनाये जात है. इस दिन नए कपड़े भी पहने जाते हैं और परिवार और दोस्तों के बीच तोहफों का आदान-प्रदान होता है. सिवैया इस त्योहार की सबसे जरूरी खाद्य पदार्थ है. जिसे सभी बड़े चाव से खाते हैं.