Eid 2020 Date: चांद के दीदार से तय होता है ईद-उल-फितर, जानिए कब मनाई जाएगी ईद

Eid-ul-Fitr 2020 Date: When is eid ul fitr 2020 in India? what happens in eid ul fitr, रमजान का पाक महीना बस अलविदा कहने के लिए अब तैयार है. रमजान के खत्म होते ही जो ईद मनाई जाती है, उसे ईद-उल-फितर भी कहा जाता है. इस्लाम समुदाय में ईद को बड़ी धूमधाम से मनायी जाती है. ईद के दिन मस्जिदों को सजाया जाता है, लोग नए कपड़े पहनते हैं, घरों में एक से बढ़कर एक पकवान बनते हैं, छोटों को ईदी दी जाती है और एक-दूसरे से गले लगकर ईद की मुबारकबाद दी जाती है.

By Radheshyam Kushwaha | May 24, 2020 10:47 AM

Eid-ul-Fitr 2020 Date: रमजान का पाक महीना बस अलविदा कहने के लिए अब तैयार है. रमजान के खत्म होते ही जो ईद मनाई जाती है, उसे ईद-उल-फितर भी कहा जाता है. इस्लाम समुदाय में ईद बड़ी धूमधाम से मनायी जाती है. ईद के दिन मस्जिदों को सजाया जाता है, लोग नए कपड़े पहनते हैं, घरों में एक से बढ़कर एक पकवान बनते हैं, छोटों को ईदी दी जाती है और एक-दूसरे से गले लगकर ईद की मुबारकबाद दी जाती है. वहीं, इस साल कोरोना संकट से देश जूझ रहा है. देश में लॉकडाउन 04 लागू है, वहीं, एक साथ मस्जिदों में नमाज अदा करने की मनाही है. लॉकडाउन के चलते, सभी लोग अपने-अपने घरों में ही इस साल ईद मनाएंगे. इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार, रमजान के बाद 10वें शव्वाल की पहली तारीख को ईद-उल-फितर का त्योहार मनाया जाता है. ईद कब मनाई जाएगी यह चांद के दीदार से तय होता है.

कब है ईद-उल-फितर

ईद का त्योहार चांद को देखकर तय किया जाता है. ऐसी संभावना है कि चांद के दीदार के बाद ईद-उल-फितर का त्योहार 25 मई के दिन मनाया जा सकता है. लेकिन अगर चांद 24 मई यानि आज दिख गया तो देशभर में 25 मई को ईद मनाई जा सकती है. ईद-उल-फितर के दिन मुस्लिम समुदाय के लोग अपने घरों में मीठे पकवान, खासतौर पर सेंवईं बनाते हैं, जिसे शूर-कोरमा कहा जाता है. इस दिन आपस में गले मिलकर एक दूसरे को मुबारकबाद देते हैं.

इस्लाम धर्म का यह त्योहार भाईचारे का संदेश देता है, लेकिन इस बार कोरोना महामारी के कारण सोशल डिस्टेंसिंग का भी ध्यान रखना जरूरी है. यही वजह है कि इस बार लोग आपस में ज्यादा मिलेंगे नहीं और अपने-अपने घरों में ही ईद की खुशियां मनाएंगे. ईद के दिन लोग सुबह जल्दी उठकर नहा-धोकर नए कपड़े पहनकर ईद की नमाज पढ़ते हैं. ईद से पहले रमजानों में हर मुस्लमान के लिए जकात देना फर्ज है. इसके तहत हर इंसान पौने दो किलो अनाज या उसकी कीमत गरीबों को देना होता है.

ईद के दिन करते हैं अल्लाह का शुक्रिया

ईद उल फितर के मौके पर लोग खुदा का शुक्रिया करते हैं, क्योंकि अल्लाह उन्हें महीने भर उपवास पर रहने की ताकत देते हैं. कुछ लोगों का मानना है कि रमजान के पाक महीने में दान करने से उसका फल दोगुना मिलता है. इसलिए लोग गरीब और जरूरतमंदों के लिए अपनी आमदनी से कुछ रकम दान कर देते हैं. बता दें कि इस्लाम की तारीख के मुताबिक ईद उल फितर की शुरुआत जंग-ए-बद्र के बाद हुई थी. दरअसल, इस जंग में मुसलमानों की फतह हुई थी, जिसका नेतृत्व खुद पैगंबर मुहम्मद साहब ने किया था. युद्ध फतह के बाद लोगों ने ईद मनाकर अपनी खुशी जाहिर की थी.

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