Falgun Amavasya 2024: फाल्गुन अमावस्या कब है 9 या 10 मार्च, जान लें स्नान-दान का मुहूर्त और महत्व

Falgun Amavasya 2024: फाल्गुन अमावस्या के दिन पितरों की पूजा के लिए समर्पित है, इस साल फाल्गुन अमावस्या कब है, तिथि और तारीख को लेकर लोगों के बीच दूविधा की स्थिति बनी है. आइए जानते है फाल्गुन अमावस्या तिथि और शुभ मुहूर्त के बारे में...

By Radheshyam Kushwaha | March 8, 2024 5:02 PM

Falgun Amavasya 2024 Date: फाल्गुन मास की अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है. हर महीने के कृष्ण पक्ष की आखिरी तिथि को अमावस्या होती है. साल में कुल 12 अमावस्या तिथि आती है. इस दिन तीर्थ स्थल और पवित्र नदी में स्नान-दान और श्राद्ध कर्म करने का विधान है, इस साल फाल्गुन अमावस्या 9 या 10 मार्च 2024 कब है, इसको लेकर दूविधा की स्थिति बनी है तो यहां जानें फाल्गुन अमावस्या की सही तारीख, स्नान-दान का मुहूर्त और नियम

फाल्गुन अमावस्या 2024 कब है?

पंचांग के अनुसार, फाल्गुन अमावस्या तिथि 9 मार्च दिन शनिवार को शाम 6 बजकर 17 मिनट से शुरू हो रही है, जो 10 मार्च को 2 बजकर 29 मिनट पर समाप्त होगी. ऐसे में उदयातिथि के अनुसार फाल्गुन अमावस्या 10 मार्च को है.

स्नान-दान का मुहूर्त

फाल्गुन अमावस्या पर स्नान दान का विशेष महत्व है. फाल्गुन अमावस्या के दिन सुबह 4 बजकर 49 मिनट से लेकर सुबह 5 बजकर 48 मिनट तक स्नान दान कर सकते हैं, इसके साथ ही अभिजित मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 8 मिनट से लेकर दोपहर 1 बजकर 55 मिनट तक रहेगा.

फाल्गुन अमावस्या के दिन जरूर करें पितरों का ध्यान

फाल्गुन अमावस्या इस साल 10 मार्च 2024 दिन रविवार को पड़ रही है. यह दिन तंत्र साधना के साथ पितरों का तर्पण और श्राद्ध के लिए काफी शुभ माना जाता है, इस दिन कुछ ज्योतिषीय उपाय कर कुंडली में शनि दोष और पितृ दोष से राहत पा सकते है. वहीं इस दिन पवित्र नदी में स्नान कर दान करने पर शुभ फलों की प्राप्ति होती है, इसके साथ ही फाल्गुन अमावस्या के दिन स्नान करने के बाद पितरों का ध्यान करके तर्पण और श्राद्ध जरूर करना चाहिए.
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पीपल के पेड़ की पूजा

फाल्गुन अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ की जड़ में जल चढ़ाना चाहिए, इसके साथ ही दूध और पांच तरह की मिठाई अर्पित करें. फिर भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए जनेऊ अर्पित करके घी का दीपक जला लें, इसके बाद 11 बार परिक्रमा कर लें. धार्मिक मान्यता है कि इससे पितृ दोष से मुक्ति मिल जाएगी.

पितरों को करें केसर युक्त खीर अर्पित

फाल्गुन अमावस्या के दिन दक्षिण दिशा की ओर उपला या कंडा जला लें और इसकी धूनी में केसर युक्त खीर धीरे-धीरे अर्पित करें और अपने पितरों का ध्यान करके माफी मांग लें. ऐसा करने पर पितृदोष के दुष्प्रभाव से राहत मिलेगी.

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