Falgun Purnima 2024 Date: कब है फाल्गुन पूर्णिमा, जानें डेट, शुभ मुहूर्त और महत्व

Falgun Purnima 2024 Date: फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि साल के आखिरी दिन होगी. इसी के साथ नए साल की शुरुआत हो जाएगी. नए साल के पहले दिन होली का त्योहार मनाया जाएगा.

By Radheshyam Kushwaha | March 20, 2024 3:19 PM

Falgun Purnima 2024 Date: फाल्गुन पूर्णिमा तिथि का महत्व इसलिए बढ़ जाता है, क्योंकि इस दिन से नए साल की शुरुआत होती है. फाल्गुन मास साल का आखिरी महीना होता है. वहीं फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि साल का आखिरी दिन होता है. पूर्णिमा तिथि के अगले दिन से नया साल शुरू होगा. पंचांग के अनुसार साल के आखिरी दिन होलिका दहन किया जाता है और नए साल का पहला दिन यानी चैत्र मास की प्रतिपदा तिथि को होली मनाई जाती है.

फाल्गुन पूर्णिमा तिथि कब है?

फाल्गुन पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 24 मार्च 2024 दिन रविवार को सुबह 09 बजकर 54 मिनट पर होगी. वहीं 25 मार्च 2024 दिन सोमवार को दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर पूर्णिमा तिथि समाप्त हो जाएगी. फाल्गुन पूर्णिमा का स्नान 25 मार्च को किया जाएगा, क्योंकि पूर्णिमा स्नान उदयातिथि पर मान्य होता है. इसी दिन रंगों की होली भी खेली जाएगी. फाल्गुन पूर्णिमा तिथि में 25 मार्च दिन सोमवार को साल का पहला चंद्र ग्रहण भी लग रहा है.

फाल्गुन पूर्णिमा पर शुभ मुहूर्त

1- फाल्गुन पूर्णिमा तिथि शुरू – 24 मार्च 2024 दिन रविवार को सुबह 09 बजकर 54 मिनट पर
2- फाल्गुन पूर्णिमा तिथि समाप्त – 25 मार्च 2024 दिन सोमवार को दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर
3- सत्यनारायण पूजा समय – 24 मार्च को सुबह 09 बजकर 23 मिनट से सुबह 10 बजकर 55 मिनट तक
4- होलिका दहन मुहूर्त – 24 मार्च की रात 11 बजकर 15 मिनट से देर रात 12 बजकर 23 मिनट तक
5- स्नान-दान- 25 मार्च को सुबह 04 बजकर 45 मिनट से सुबह 05 बजकर 32 मिनट तक

फाल्गुन पूर्णिमा पूजा विधि

01- फाल्गुन पूर्णिमा पर स्नान के बाद व्रत का संकल्प लें और भगवान सूर्य को जल दें.
02- इसके बाद भगवान विष्णु को गंगाजल से स्नान कराएं.
03- फिर भगवान विष्णु को पीले चंदन और पीले पुष्प, अबीर, गुलाल, फल आदि चढ़ाकर पूजा करें.
04- भगवान विष्णु की पूजा में तुलसीपत्र अवश्य शामिल करें.
05- इस दिन घर में सत्यनारायण कथा करें और अबीर और गुलाल भी चढ़ाएं.
06- रात में चंद्रोदय के समय चंद्रमा की पूजा करें.
07- अब रात्रि काल में देवी लक्ष्मी के समक्ष दीप जलाकर श्री सूक्त का पाठ करें.
08- अगले दिन 25 मार्च को पूर्णिमा पर पवित्र नदी में स्नान कर दान पुण्य करें.

पूर्णिमा व्रत के नियम

01- पूर्णिमा के दिन, भक्त सुबह जल्दी उठें.
02- किसी पवित्र नदी में डुबकी अवश्य लगाएं.
03- भगवान विष्णु की उपासना करें.
04- पूर्णिमा के लिए कोई विशेष पूजा प्रक्रिया नहीं है.
05- इस दिन सत्यनारायण पूजा करने का भी विधान है.
06- इस शुभ दिन पर लोग उपवास रखते हैं.
07- इस दिन सात्विक भोजन का ही सेवन करें.
Also Read: Dhulandi 2024 Date: क्यों और कैसे मनाया जाता है पांच दिवसीय धुलेंडी महोत्सव, जानें सही तारीख-विधि और महत्व

फाल्गुन पूर्णिमा पर क्या करें?

फाल्गुन पूर्णिमा की मध्यरात्रि को देवी लक्ष्मी को 21 कौड़ियां हल्दी में रंगकर अर्पित करें और अगली सुबह उसे तिजोरी में लाल कपड़े में बांधकर रख दें. धार्मिक मान्यता है कि ऐसा करने पर घर में सदा माता लक्ष्मी का वास रहेगा. फाल्गुन पूर्णिमा पर होलिका की पूजा करते समय खीर का भोग और उपले से बनी माला अर्पित करने से धन के भंडार हमेशा भरे रहते हैं. फाल्गुन पूर्णिमा के दिन अपनी श्रद्धा के अनुसार, गरीबों को वस्त्र और दक्षिणा दान करने का विधान है. इन चीजों को दान करने पर देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और अपनी कृपा बरसाती हैं.

Exit mobile version