False Oath: देखा गया है कि लोग अपनी बात पर भरोसा करवाने को लेकर कसम खाते हैं. मां, पिता, बच्चे, खुद की के अलावा 1980 और 1990 के दशक तक पैदा हुए बच्चों ने तो विद्या मैया की कसम भी खाई होगी. कसम खाकर लोग आपस विवाद का निस्तारण करते हैं, पर कभी कभी लोग झूठी कसम भी खा लेते हैं. क्या झूठी कसम खाने से कोई नुकसान होता है ? झूठी कसम खाने वाला क्या सच में मर जाता है ? झूठी कसम खाने से कसम खाने वाले पर क्या प्रभाव पड़ता है ? आइए हम यहां जानते हैं.
झूठी कसम खाने से होते हैं ये नुकसान
अगर कोई व्यक्ति झूठी कसम खाता है, तो उसकी विश्वसनीयता तो खत्म होती ही है, साथ ही लोग उसका भरोसा करना भी बंद कर देते हैं. अगर पुराणों कि बात करें तो विष्णु पुराण के अनुसार, झूठी कसम खाने या कसम तोड़ देने से, कसम खाने वालो को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इसके साथ ही जिस इंसान की झूठी कसम खाकर तोड़ी जाती है, तो उस इंसान के स्वास्थ्य और आयु की हानि होती है. झूठी कसम खाने का प्रभाव इंसान की कुंडली में बैठे ग्रहों के हिसाब से पड़ता है.
भावुक होकर ना खाएं कसम
इन दिनों देखा गया है लोग भावुक होकर कसम खा लेते हैं. द्वापर युग में भीष्म पितामह से लेकर भगवान तक ने कसम या सौगंध खाई है. सलाह दी जाती है कि अपनी बात मनवाने या अपने आप को सच्चा साबित करने के लिए कसम ना खाएं. अगर आपने झूठी कसम खा ली है तो भगवान का स्मरण कर दोबारा ये गलती ना करने का प्रण लें. कोशिश करें कि आपको सच के सहारे कि ही जरूरत पड़े.
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ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
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