Festivals in August: गणेश चतुर्थी और मुहर्रम पड़ेगा एक साथ, जानिए हरतालिका तीज समेत 18 से 31 अगस्त तक के सभी त्योहारों की तिथि
Festivals in August: अगस्त महीने के पहले 17 दिन बीत चुके हैं. कई बार तिथि, व्रत या त्योहार हमें याद नहीं रहते हैं, जिसके कारण कई व्रत-त्योहार आदि पर हम पूजन नहीं कर पाते हैं. अगले 13 दिन में हिंदू धर्म के कुछ बहुत खास व्रत और त्योहार आने वाले हैं. इनमें गणेश चतुर्थी, राधा अष्टमी, महालक्ष्मी व्रत और वराह जयंती शामिल हैं. आइए हम जानते है कि 18 से 31 अगस्त तक के सभी व्रतों और त्योहारों की तिथि और इसके बारे में...
Festivals in August: अगस्त महीने के पहले 17 दिन बीत चुके हैं. कई बार तिथि, व्रत या त्योहार हमें याद नहीं रहते हैं, जिसके कारण कई व्रत-त्योहार आदि पर हम पूजन नहीं कर पाते हैं. अगले 13 दिन में हिंदू धर्म के कुछ बहुत खास व्रत और त्योहार आने वाले हैं. इनमें कुशग्रहणी अमावस्या, गणेश चतुर्थी, राधा अष्टमी, महालक्ष्मी व्रत और वराह जयंती शामिल हैं. आइए हम जानते है कि 18 से 31 अगस्त तक के सभी व्रतों और त्योहारों की तिथि और इसके बारे में…
हरतालिका तीज व्रत
हरतालिका तीज व्रत भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है, इस बार यह शुभ व्रत 21 अगस्त 2020 को पड़ेगा. हरतालिका तीज व्रत को करने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है. हरतालिका तीज व्रत करने से विवाह योग्य युवतियों को मनचाहा वर मिलता है. एक पौराणिक कथा के अनुसार माता पार्वती ने भगवान भोलेनाथ को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तप किया था. माता पार्वती के कठोर तप को देखकर भगवान शिव ने उन्हें दर्शन दिए और पार्वती जी की इच्छानुसार उन्हें पत्नी के रूप में स्वीकार किया. तभी से अच्छे पति की कामना और पति की दीर्घायु के लिए कुंवारी कन्या और सौभाग्यवती स्त्रियां हरतालिका तीज का व्रत रखती हैं और भगवान शिव व माता पार्वती की पूजा-अर्चना कर आशीर्वाद प्राप्त करती हैं.
19 अगस्त को है कुशग्रहणी अमावस्या
Bhadrapada Amavasya 2020 Date: भाद्रपद अमावस्या 19 अगस्त को है, इस अमावस्या को पिठौरी व कुशग्रहणी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हर अमावस्या पर पितर तर्पण किया जाता है और इसका अपना एक विशेष महत्व होता है. भाद्रपद मास में कृष्ण पक्ष की अमावस्या को भाद्रपद अमावस्या कहा जाता है. भाद्रपद मास की अमावस्या को कृष्ण जी को समर्पित किया जाता है. कुशोत्पाटनी अमावस्या पर उखाड़ा गया कुश 1 वर्ष तक प्रयोग किया जा सकता है. ऐसे तो किसी भी अमावस्या के दिन उखाड़ा गया कुश एक साल तक प्रयोग किया जा सकता है. अमावस्या के दिन दान और पितृ तर्पण का विशेष महत्व होता है.
गणेश चतुर्थी व्रत
गणेश चतुर्थी इस साल 22 अगस्त 2020 को पड़ रहा है. भगवान श्री गणेश स्थापना 22 अगस्त दिन शनिवार को होगी. भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी होती है. इसे विनायक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार विघ्नहर्ता श्रीगणेश जी का जन्म भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी के दिन हुआ था, इसलिए इस दिन से लेकर 10 दिन तक उनका जन्मोत्सव मनाया जाता है. गणेश जन्मोत्सव के दिनों में गणपति देवता की विशेष अर्चना की जाती है. इस बार 22 अगस्त के दिन भगवान गणेश जी की पूजा के लिए दोपहर में 02 घंटे 36 मिनट का शुभ समय है. हम दिन में 11 बजकर 06 मिनट से दोपहर 01 बजकर 42 मिनट के मध्य विघ्नहर्ता विनायक की पूजा कर सकते हैं. इस कोरोना काल में सार्वजनिक जगहों पर गणपति स्थापना की है. आप अपने घर पर ही गणपति की स्थापना करें. अगर संभव हो तो श्री गणेश की प्रतिमा का निर्माण घर पर ही करके पूजा करें.
जानिए कब है मुहर्रम
कर्बला के 72 शहीदों के गम में हर साल मनाया जाने वाला मुहर्रम इस बार 21 या 22 अगस्त से शुरू होगा. मुहर्रम पैगंबर-ए-आजम हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम के प्यारे नवासे हजरत सैयदना इमाम हुसैन रजियल्लाहु अन्हु व उनके 72 साथियों की अजीम कुर्बानी की याद में मनाया जाता है. चांद नजर आने के साथ माह-ए-मुहर्रम 21 या 22 अगस्त से शुरू होगा. नए इस्लामी साल का आगाज भी इसी के साथ होगा और 1442 हिजरी लग जाएगी. कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप की वजह से इस बार शाही, रवायती व ताजिया जुलूस की अनुमति शासन की तरफ से नहीं है. मुहर्रम के दौरान किसी भी स्थान पर मेला नहीं लगेगा और न ही ढोल-ताशा बजेगा. उलेमा व प्रशासन की गाइडलाइन के अनुसार मुहर्रम में अमल किया जाएगा.
त्योहारों की लिस्ट
19 अगस्त 2020 को भाद्रपद अमावस्या
20 अगस्त 2020 को अल हिजरा (इस्लामी नया साल)
21 अगस्त 2020 को हरितालिका तीज व्रत
22 अगस्त 2020 को गणेश चतुर्थी
23 अगस्त 2020 को ऋषि पंचमी
25 अगस्त 2020 को ललिता सप्तमी
26 अगस्त 2020 को राधा अष्टमी
29 अगस्त 2020 को परिवर्तनी एकादशी
News Posted by : Radheshyam kushwaha