लगने जा रहा है ब्लड रेड मून, जानें क्या मान्य होगा सूतक काल
First lunar eclipse of 2025: हिंदू धर्म में चंद्र ग्रहण को अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है. यह एक खगोलीय घटना है, जो पूर्णिमा की रात को होती है. जब पृथ्वी और चंद्रमा के मध्य सूर्य आ जाता है, तब चंद्र ग्रहण का निर्माण होता है. इस वर्ष होली के दिन चंद्र ग्रहण होने से यह अवसर विशेष रूप से महत्वपूर्ण प्रतीत हो रहा है.
First lunar eclipse of 2025: साल 2025 में पहला ग्रहण ‘पूर्ण चंद्रग्रहण’ होगा, जो अत्यंत विशेष माना जा रहा है, क्योंकि इस दौरान एक अद्वितीय खगोलीय घटना का अनुभव होगा, जिसे ‘ब्लड मून’ के नाम से जाना जाता है. वास्तव में, पूर्ण चंद्रग्रहण के समय, पृथ्वी चंद्रमा और सूर्य के मध्य स्थित हो जाती है, जिससे चंद्रमा सूर्य के प्रकाश से ढक जाता है.
कब लगेगा साल का पहला चंद्रग्रहण
14 मार्च को होली का त्योहार मनाया जाएगा. पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर होली का आयोजन होता है. इस दिन शाम को होलिका दहन किया जाता है. इसके अगले दिन, जिसे पड़वा कहा जाता है, रंगों की होली खेली जाती है. इस वर्ष 14 मार्च को साल का पहला चंद्र ग्रहण भी होगा, जो कि ब्लड रेड मून के रूप में जाना जाएगा. इस बार होलिका दहन 14 मार्च को और धुलंडी 15 मार्च को मनाई जाएगी. इस होली का विशेष महत्व है क्योंकि यह साल का पहला पूर्ण चंद्रग्रहण है.
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क्या होता है ब्लड रेड मून
इस स्थिति में, चंद्रमा की सतह तक पहुँचने वाला एकमात्र प्रकाश पृथ्वी के वायुमंडल के किनारों से आता है. इस समय वायुमंडल में उपस्थित हवा के अणु मुख्यतः नीली रोशनी को बिखेर देते हैं. शेष रोशनी लाल रंग में परिवर्तित होकर चंद्रमा की सतह पर फैल जाती है, जिससे चंद्रमा ‘लाल’ दिखाई देता है, जिसे ‘ब्लड मून’ कहा जाता है.
कहां नजर आएगा ब्लड रेड मून
साल का पहला चंद्रग्रहण निम्नलिखित स्थानों पर देखा जा सकेगा: दक्षिण अमेरिका, उत्तरी अमेरिका, प्रशांत महासागर, एशिया के कुछ क्षेत्र, दक्षिणी उत्तरी ध्रुव, ऑस्ट्रेलिया, अटलांटिक महासागर और यूरोप.
क्या भारत में नजर आएगा चंद्रग्रहण
भारत में इस चंद्र ग्रहण देखा नहीं जा सकेगा. यदि होलिका दहन होता है, तो इस दिन सूतक का कोई प्रभाव नहीं माना जाएगा. इस कारण से इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा. ग्रहण के समय भारत में दिन होगा, इसलिए इस ग्रहण का कोई धार्मिक महत्व नहीं रहेगा.