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Ganesh Chaturthi 2023: आज घर-घर विराजेंगे विनायक, जय देव-जय देव, जय मंगल मूर्ति… यहां से पढ़ें आरती और मंत्र

Ganesh Chaturthi 2023: जय देव-जय देव, जय मंगल मूर्ति, दर्शनमात्रे मनःकामना पूर्ति... के जयघोष पूरा इलाका गूंज रहा है. इस साल विशेष संयोग में गणेश चतुर्थी विशेष फल देने वाली साबित होगी. आज घर-घर में विनायक की पूजा-अर्चना की जा रही है.

Ganesh Chaturthi 2023: जय देव-जय देव, जय मंगल मूर्ति, दर्शनमात्रे मनःकामना पूर्ति… के जयघोष के साथ आज पूरे देशभर में गणेश उत्सव की शुरुआत हो गयी है. आज से दस दिनों तक रिद्धि-सिद्धि के प्रदाता व देवाधिदेव भगवान गणेश का आह्वान किया जायेगा. इसे लेकर घर-घर में तैयारी पूरी हो चुकी है. आज पंडाल, मंदिर सहित कई घरों में गणपति बप्पा की विधिवत पूजा-अर्चना के साथ मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जायेगी और कई जगह धार्मिक अनुष्ठान भी आयोजित किये जायेंगे. 28 सितंबर को अनंत चतुर्दशी के साथ गणेशोत्सव का समापन हो जायेगा.

आज से गणेशोत्सव की शुरुआत

जय देव-जय देव, जय मंगल मूर्ति, दर्शनमात्रे मनःकामना पूर्ति… के जयघोष पूरा इलाका गूंज रहा है. इस साल विशेष संयोग में गणेश चतुर्थी विशेष फल देने वाली साबित होगी. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन सुख-समृद्धि के देवता भगवान श्री गणेश का जन्म हुआ था. इसी उपलक्ष्य में हर साल गणेश उत्सव मनाया जाता है. यह पर्व पूरे दस दिनों तक चलता है, जो भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से शुरू होकर अनंत चतुर्दशी तिथि के दिन तक चलता है. इस साल गणेश उत्सव की शुरुआत 19 सितंबर को हो रही है. वहीं इसका समापन 28 सितंबर को होगा.

गणेश जी की स्थापना का शुभ मुहूर्त कब है?

गणपति बप्पा की मूर्ति की स्थापना भी शुभ मुहूर्त में की जानी चाहिए. ऐसे में गणपति बप्पा को घर लाने और उनकी स्थापना का शुभ मुहूर्त 19 सितंबर 2023 की सुबह 11 बजकर 7 मिनट से दोपहर 1 बजकर 34 मिनट तक रहेगा.

गणेश चतुर्थी की पूजन सामग्री

पूजा के लिए चौकी, लाल कपड़ा, गणेश प्रतिमा, गंगाजल, इलाइची-लौंग, सुपारी, जल कलश, पंचामृत, रोली, अक्षत, मौली, सिंदूर, लाल फूल, जनेऊ, चांदी का वर्क, नारियल, पंचमेवा, घी-कपूर,चंदन, दूर्वा, मोदक, बेसन के लड्‌डू पूजा सामग्री में जरूर शामिल करें.

गणेश चतुर्थी पूजा-विधि

  • इस दिन सुबह उठकर स्नान कर लें.

  • स्नान करने के बाद घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें.

  • इस दिन गणेश जी की प्रतिमा की स्थापना की जाती है.

  • गणपित भगवान का गंगा जल से अभिषेक करें.

  • गणपति की प्रतिमा की स्थापना करें.

  • संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें.

  • भगवान गणेश को पुष्प अर्पित करें.

  • भगवान गणेश को दूर्वा घास भी अर्पित करें.

  • भगवान गणेश को सिंदूर लगाएं.

  • भगवान गणेश का ध्यान करें.

  • गणेश जी को भोग भी लगाएं.

  • आप गणेश जी को मोदक या लड्डूओं का भोग भी लगा सकते हैं.

  • इसके बाद भगवान गणेश की आरती जरूर करें

गणेश जी की आरती

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥

एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी। माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥

पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा। लड्डुअन का भोग लगे संत करें सेवा॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥

अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया। बांझन को पुत्र देत निर्धन को माया॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥

सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा। माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥

दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी। कामना को पूर्ण करो जाऊं बलिहारी॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥

Jai Dev Jai Dev Jai Mangal Murti: गणेश जी की आरती

जयदेव जयदेव जय मंगलमूर्ति

दर्शन मात्रे मन कामना पूर्ती

सुख करता दुखहर्ता, वार्ता विघ्नाची

नूर्वी पूर्वी प्रेम कृपा जयाची

सर्वांगी सुन्दर उटी शेंदु राची

कंठी झलके माल मुकताफळांची

जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति

दर्शनमात्रे मनःकामना पूर्ति

जय देव जय देव…

रत्नखचित फरा तुझ गौरीकुमरा

चंदनाची उटी कुमकुम केशरा

हीरे जडित मुकुट शोभतो बरा

रुन्झुनती नूपुरे चरनी घागरिया

जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति

दर्शनमात्रे मनःकामना पूर्ति

जय देव जय देव…

लम्बोदर पीताम्बर फनिवर वंदना

सरल सोंड वक्रतुंडा त्रिनयना

दास रामाचा वाट पाहे सदना

संकटी पावावे निर्वाणी रक्षावे सुरवर वंदना

जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति

दर्शनमात्रे मनःकामना पूर्ति

जय देव जय देव…

शेंदुर लाल चढायो अच्छा गजमुख को

दोन्दिल लाल बिराजे सूत गौरिहर को

हाथ लिए गुड लड्डू साई सुरवर को

महिमा कहे ना जाय लागत हूँ पद को

जय जय जय जय जय…

जय जय जी गणराज विद्यासुखदाता

धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मत रमता

जय देव जय देव…

अष्ट सिधि दासी संकट को बैरी

विघन विनाशन मंगल मूरत अधिकारी

कोटि सूरज प्रकाश ऐसे छबी तेरी

गंडस्थल मद्मस्तक झूल शशि बहरी

जय जय जय जय जय…

जय जय जी गणराज विद्यासुखदाता

धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मत रमता

जय देव जय देव…

भावभगत से कोई शरणागत आवे

संतति संपत्ति सबही भरपूर पावे

ऐसे तुम महाराज मोको अति भावे

गोसावीनंदन निशिदिन गुण गावे

जय जय जी गणराज विद्यासुखदाता

धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मत रमता

जय देव जय देव…

गणेश पूजा मंत्र

01- महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।

गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।

02- ॐ गं गणपतये नमः

यदि आप भगवान गणेश को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो गणपति जी का ये मंत्र सबसे सरल और प्रभावशाली माना जाता है. ये मंत्र जितना सरल है उतना ही प्रभावशाली भी माना जाता है.

पूजा करते समय कौन सा मंत्र पढ़ना चाहिए?

हर पूजा के वक्त जरूर पढ़ना चाहिए यह मंत्र – ‘कर्पूरब जो आवगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम्। सदा बसन्तं हृदयारबिन्दे भबं भवानीसहितं नमामि।। ‘ इस मंत्र का जाप करने से कई गुणा ज्यादा लाभ मिलता है साथ ही इससे धन संबंधित परेशानी दूर हो जाती है.

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