Ganesh Chaturthi 2024: गणेश चतुर्थी, भगवान गणेश के जन्मोत्सव का पावन पर्व, इस साल 07 सितंबर से आरंभ होगा और 17 सितंबर को अनंत चतुर्दशी के दिन गणेशजी की प्रतिमा विसर्जन के साथ इसका समापन होगा. यह पर्व आस्था, भक्ति और उल्लास का प्रतीक है, जिसे भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है. भगवान गणेश, जिन्हें विघ्नहर्ता और शुभता का प्रतीक माना जाता है, इस दिन विशेष रूप से पूजा जाते हैं. उनकी कृपा से जीवन के सभी कष्ट और विघ्न दूर होते हैं और जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का वास होता है. गणेश चतुर्थी की पूजा के मंत्र गणेश चतुर्थी की पूजा में निम्नलिखित मंत्रों का उच्चारण अत्यंत फलदायी होता है.इस लेख में हम आपको गणेश चतुर्थी की पूजा के मंत्र और आरती के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे.
गणपति मंत्र:
ॐ गणानां त्वा गणपतिं हवामहे
कविं कवीनामुपमश्रवस्तमम्।
ज्येष्ठराजं ब्रह्मणां ब्रह्मणस्पत
आ नः शृण्वन्नूतिभिः सीद सादनम्॥
शुद्धि मंत्र
ॐ अपवित्रः पवित्रो वा सर्वावस्थां गतोऽपि वा।
यः स्मरेत् पुण्डरीकाक्षं स बाह्याभ्यन्तरः शुचिः॥
गणेश गायत्री मंत्र
ॐ एकदन्ताय विद्महे
वक्रतुण्डाय धीमहि।
तन्नो दंती प्रचोदयात्॥मंत्र जाप के बाद, गणपति बप्पा की आरती करना न भूलें, आरती का पाठ इस प्रकार है.
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥एकदन्त दयावंत, चार भुजाधारी।
माथे पे सिन्दूर सोहे, मूसे की सवारी॥पान चढ़े, फूल चढ़े और चढ़े मेवा।
लड्डुअन का भोग लगे, सन्त करें सेवा॥अन्धन को आँख देत, कोढ़िन को काया।
बाँझन को पुत्र देत, निर्धन को माया॥हार चढ़े, फूल चढ़े और चढ़े हार।
मेवा का भोग लगे, नाम बने हर॥दीनन की लाज राखो, शम्भु सुतवारी।
कामना को पूर्ण करो, जय बलिहारी॥
Also Read: Ganesh Chaturthi Recipe: इस चतुर्थी गणेशजी को भोग लगाएं उनके मन पसंदीदा मोदक का, जानें बनाने की विधि
गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा में कौनसे मंत्र और आरती का महत्व है?
गणेश चतुर्थी पर “ॐ गणानां त्वा गणपतिं हवामहे” जैसे मंत्रों का जाप और “जय गणेश, जय गणेश देवा” आरती का पाठ विशेष फलदायी होता है. ये मंत्र और आरती भगवान गणेश की कृपा प्राप्त करने और विघ्नों को दूर करने में सहायक माने जाते हैं
गणेश चतुर्थी का पर्व कब और क्यों मनाया जाता है?
गणेश चतुर्थी का पर्व भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है, जो इस साल 7 सितंबर से शुरू होकर 17 सितंबर को समाप्त होगा. यह पर्व भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में आस्था, भक्ति और सुख-समृद्धि की कामना से मनाया जाता है.
गणेश चतुर्थी पर कौनसे मंत्र का जाप करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है?
गणेश चतुर्थी पर “ॐ एकदन्ताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि” मंत्र का जाप करने से जीवन में सुख-समृद्धि और शांति का वास होता है. यह मंत्र भगवान गणेश की कृपा पाने के लिए अत्यंत प्रभावी माना जाता है.