Ganesh Ji Ki Aarti: आज संकष्टी चतुर्थी व्रत है. इस दिन गणेश भक्त व्रत कर पूजा अर्चना करते है. हिंदू धर्म में संकष्टी चतुर्थी व्रत का महत्व बहुत अधिक माना जाता है. आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है. आज 5 सितंबर, शनिवार को यह व्रत किया जा रहा है. विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी व्रत भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है. भगवान गणेश को सभी देवी-देवताओं ने भी प्रथम पूजनीय माना है. ज्योतिषाचार्यों का मानना है कि भगवान गणेश बुद्धि, विवेक और ज्ञान के देवता हैं. संकष्टी चतुर्थी का व्रत मनचाहा वरदान पाने के लिए किया जाता है.
गणनायकाय गणदेवताय गणाध्यक्षाय धीमहि।
गुणशरीराय गुणमण्डिताय गुणेशानाय धीमहि।
गुणातीताय गुणाधीशाय गुणप्रविष्टाय धीमहि।
एकदंताय वक्रतुण्डाय गौरीतनयाय धीमहि।
गजेशानाय भालचन्द्राय श्रीगणेशाय धीमहि॥
गानचतुराय गानप्राणाय गानान्तरात्मने।
गानोत्सुकाय गानमत्ताय गानोत्सुकमनसे।
गुरुपूजिताय गुरुदेवताय गुरुकुलस्थायिने।
गुरुविक्रमाय गुह्यप्रवराय गुरवे गुणगुरवे।
गुरुदैत्यगलच्छेत्रे गुरुधर्मसदाराध्याय॥
गुरुपुत्रपरित्रात्रे गुरुपाखण्डखण्डकाय।
गीतसाराय गीततत्त्वाय गीतगोत्राय धीमहि।
गूढगुल्फाय गन्धमत्ताय गोजयप्रदाय धीमहि।
गुणातीताय गुणाधीशाय गुणप्रविष्टाय धीमहि।
एकदंताय वक्रतुण्डाय गौरीतनयाय धीमहि॥
गजेशानाय भालचन्द्राय श्रीगणेशाय धीमहि।
ग्रन्थगीताय ग्रन्थगेयाय ग्रन्थान्तरात्मने।
गीतलीनाय गीताश्रयाय गीतवाद्यपटवे।
गेयचरिताय गायकवराय गन्धर्वप्रियकृते।
गायकाधीनविग्रहाय गङ्गाजलप्रणयवते।
गौरीस्तनन्धयाय गौरीहृदयनन्दनाय॥
गौरभानुसुताय गौरीगणेश्वराय।
गौरीप्रणयाय गौरीप्रवणाय गौरभावाय धीमहि।
गोसहस्राय गोवर्धनाय गोपगोपाय धीमहि।
गुणातीताय गुणाधीशाय गुणप्रविष्टाय धीमहि।
एकदंताय वक्रतुण्डाय गौरीतनयाय धीमहि।
गजेशानाय भालचन्द्राय श्रीगणेशाय धीमहि॥
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।
एक दंत दयावंत चार भुजा धारी।
मस्तक सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी।
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।
हार चढ़े, फूल चढ़े और चढ़े मेवा।
मोदक का भोग लगे संत करें सेवा।
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया।
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।
दीनन की लाज राखो, शंभू पुत्रवारी।
मनोरथ को पूरा करो, जाऊं बलिहारी।
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।
ओम गणेशाय नमः।
ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो बुदि्ध प्रचोदयात।।
गं क्षिप्रप्रसादनाय नम:।।
वक्रतुंड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभाः निर्विघ्नम कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा।
गजाननं भूतगणादि सेवितं कपित्थ जम्बूफलसार भक्षितम्।
उमासुतं शोक विनाशकारणं।
नमामि विघ्नेश्वर पादपङ्कजम्।।
News Posted by: Radheshyam Kushwaha