Ganga Sagar Mela 2025: गंगा सागर मेला भारत की जीवंत सांस्कृतिक और आध्यात्मिक ताने-बाने का एक प्रमाण है. पश्चिम बंगाल के सागरद्वीप में हर साल आयोजित होने वाला यह शानदार मेला देश का दूसरा सबसे लोकप्रिय मेला होने का गौरव प्राप्त कर चुका है, जो केवल प्रतिष्ठित कुंभ मेले से ही आगे है. इस त्यौहार में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है जो अनुष्ठानों में भाग लेने, आध्यात्मिक शुद्धि की तलाश करने और अपार उत्साह के साथ जश्न मनाने के लिए एकत्रित होते हैं.
Makar Sankranti 2025: किस दिन है मकर संक्रांति, जानें इसका महत्व और स्नान-दान का शुभ मुहूर्त
कब से शुरू हो रहा है गंगासागर मेला
वर्ष 2025 में, गंगा सागर मेला 15 जनवरी को मनाया जाएगा. गंगा सागर मेला हर साल मकर संक्रांति के दौरान होता है. यह मकर संक्रांति के एक दिन पहले भी पड़ता है जो 10 जनवरी 2025 से 18 जनवरी 2025 तक है. तैयारियां 10 जनवरी को शुरू हो जाएंगीं और 18 जनवरी 2025 को समाप्त होंगी. तीर्थयात्री सुबह भगवान सूर्य की पूजा करते हुए गंगा के पवित्र जल में डुबकी लगाते हैं.
गंगा सागर स्नान का महत्व
मकर संक्रांति के अवसर पर गंगा सागर में लाखों श्रद्धालु एकत्रित होते हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन गंगा सागर में स्नान करने से सभी पाप समाप्त हो जाते हैं और पुण्य की प्राप्ति होती है. इसके अतिरिक्त, मकर संक्रांति पर स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति का भी विश्वास है. गंगा सागर में स्नान के बाद श्रद्धालु सूर्य देव को अर्ध्य अर्पित करते हैं और समुद्र को नारियल तथा पूजा से संबंधित वस्तुएं समर्पित करते हैं. यह मान्यता है कि मकर संक्रांति पर स्नान करने से सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है. गंगा सागर का मेला हुगली नदी के किनारे आयोजित होता है, जो उस स्थान को दर्शाता है जहां गंगा बंगाल की खाड़ी में मिलती है. गंगा और सागर के संगम स्थल को गंगा सागर कहा जाता है.