Good Friday 2020 : गुड फ्राइडे आज,प्रभु यीशु के बलिदान को याद कर घरों से ही देखे जाऐंगे चर्च के प्रसारण
Good Friday 2020 : आज 10 अप्रैल को गुड फ्राइडे है. इसे पुण्य शुक्रवार भी कहा जाता है.आज का दिन ईसाई धर्म को मानने वालों के लिए महत्वपुर्ण दिन होता है.यह ईसाई समुदाय के सबसे प्रमुख त्यौहारों में से एक है.चर्च में केवल इसी दिन मिस्सा बलिदान नही होता,क्योंकि माना जाता है कि इस दिन प्रभु यीशु ने कलवारी पहाड़ पर मानव मुक्ति के लिए अपनी कुर्बानी दी.इस दिन ईसाई समुदाय के गुरु ईसा मसीह को सूली पर चढ़ाया गया था और कहा जाता है कि ठीक इसके तीन बाद ही वो ज़िंदा हो उठे थे जिसे ईस्टर संडे के रुप में मनाया जाने लगा .इस दिन मसीही विश्वासी यीशु के दुःख भोग और मरण का स्मरण करते हैं.'गुड फ्राइडे' को ईसाई धर्म के लोग 'शोक दिवस' के रूप में मनाते हैं.
Good Friday 2020 : आज 10 अप्रैल को गुड फ्राइडे है. इसे पुण्य शुक्रवार भी कहा जाता है.आज का दिन ईसाई धर्म को मानने वालों के लिए महत्वपुर्ण दिन होता है.यह ईसाई समुदाय के सबसे प्रमुख त्यौहारों में से एक है.चर्च में केवल इसी दिन मिस्सा बलिदान नही होता,क्योंकि माना जाता है कि इस दिन प्रभु यीशु ने कलवारी पहाड़ पर मानव मुक्ति के लिए अपनी कुर्बानी दी.इस दिन ईसाई समुदाय के गुरु ईसा मसीह को सूली पर चढ़ाया गया था और कहा जाता है कि ठीक इसके तीन बाद ही वो ज़िंदा हो उठे थे जिसे ईस्टर संडे के रुप में मनाया जाने लगा .इस दिन मसीही विश्वासी यीशु के दुःख भोग और मरण का स्मरण करते हैं.’गुड फ्राइडे’ को ईसाई धर्म के लोग ‘शोक दिवस’ के रूप में मनाते हैं.
इस दिन की धर्मविधि के चार भाग होते हैं: पहला शब्द समारोह,जिसमें यीशु के दुःखभोग का वृतांत सुनाया जाता है. दूसरा महा-प्रार्थनाएं,तीसरा पवित्र क्रूस की उपासना जिसमें क्रॉस की पूजा की जाती है और चौथा परमप्रसाद ,जो इस त्यौहार की अंतिम कड़ी है.गुड फ्राइडे अपने आप में एक विशेष संदेश देता है,जो दूसरों को माफ करने से संबंधित है.क्षमा वही कर सकता है जिसके पास बड़ा हृदय है.प्यार वही कर सकता है, जो माफ कर सकता है.
नहीं जा सकेंगे चर्च, घरों से ही देखे जाऐंगे चर्च के प्रसारण –
हालांकि इस साल गुड फ्राइडे पर कोई चर्च नहीं जा सकेंगे. लॉकडाउन के कारण विभिन्न चर्च की आनलाइन सर्विस होगी, जिन्हें यूट्यूब,फेसबुक आदि के जरिये प्रसारित किया जायेगा. मसीही विश्वासी अपने घरों में प्रार्थना करेंगे और मानव मुक्ति के लिए यीशु का बलिदान याद करेंगे.वो ऑनलाइन चर्च सर्विस से जुड़कर धर्मगुरुओं का संदेश सुनेंगे.