Good Friday: ईसाई समाज ने मनाया पुण्य गुरुवार, गुड फ्राइडे आज
Good Friday: पवचन मे फादर ओस्वल्ड सलडाना ने कहा कि खरीस्तीय विशवासी कलीसिया के पुण्य बृहस्पतिवार (माउंडी थर्सडे) के दिन सभी गिरजाघरों मे विशेष आराधना होती है.
Good Friday: कुर्ज चर्च परिसर मे पूरे धार्मिक अनुष्ठान व परंपरा के अनुसार पुण्य गुरुवार मनाया गया. शाम पांच बजे से रात 11 बजे तक चले धार्मिक अनुष्ठान में छह हजार से अधिक मसीही इसके साक्षी बने. चर्च परिसर मे प्रभु यीशु के अंतिम भोजन की यादगारी की परार्थना सभा गुरुवार को मुख्य याजक पल्ली पुरोहित फादर सेल्विन जे़वियर के नेतृत् मे संपन हुआ. पूजा समारोह के दौरान फादर सेल्विन जे़वियर और फादर रोशन बेक ने स्त्री-पुरुष, युवा और बच्चे-बच्चियों के पैर धोये. समारोह मे भाग लेने के लिए दोपहर तीन बजे से ही मसीही जुटने
लगे थे.
…तो तुम्हे भी एक दूसरे का पैर धोना चाहिए
फादर सेल्विन जेवियर ने बताया कि ईसाइयों के पवित्र बाइबिल के मुताबित येरूसालेम मे अपने विरोधियों द्वारा गिरफ्तार कर लिए जाने के पूर्व संध्या को ईसा मसीह अपने शिष्यों के साथ भोजन के लिए बैठे. भोजन शुरू करने से पहले ईसा ने बारी-बारी से अपने शिष्यों के पैर धोये और सेवा का यह महान उदाहरण दिखाते हुए उनसे कहा कि अगर मै तुम्हारे प्रभु और गुरु ने तुम्हारे पैर धोये है, तो तुम्हे भी एक दूसरे का पैर धोने चाहिए. उन्होंने बताया कि आज तक कैथोलिक इसाई समुदाय पवित्र मिस्सा पूजा मे रोटी और दाखरस को प्रभु का सचचा मांस और रक्त मानकर पूरी तैयारी और भक्तिपूर्ण तरीके से गहण करते है. पभु का यह भोज पवित्र युखरिस्त संस्कार के रूप मे जाना जाता है. क्योकि यह प्रभु की सतत उपस्थिति का पतीक है.
यह दिन यीशु खरीस्तके प्रेम व बलिदान की अमर गाथा है
पवचन मे फादर ओस्वल्ड सलडाना ने कहा कि खरीस्तीय विशवासी कलीसिया के पुण्य बृहस्पतिवार (माउंडी थर्सडे) के दिन सभी गिरजाघरों मे विशेष आराधना होती है. यह आराधना यीशु मसीह के करस मे बलिदान होने से पूर्व अंतिम भोज की स्मृति मे की जाती है. यह दिन यीशु खरीस्त के प्रेम और बलिदान की अमर गाथा की है. उन्होंने कहा कि जैसे प्रभु यीशु ने दूसरों को प्रेम किया है, वैसे ही आप भी प्रेम करें. इस प्रार्थना सभा मे लगभग छह हजार से अधिक खरीस्तीय भकतों ने भाग लिया. इस पुण्य समारोह मे अन्य पुरोहितों के रूप मे फादर अमूल राज, पवन, रोशन और जोनसन, जोसी , लोरेस पास्कल और बेनी मुलन आदि मौजूद रहे.