Govardhan Puja 2023: गोवर्धन पूजा कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष के पर्तिपदा तिथि को मनाया जाता है यह त्योहार दीपावली के अगले दिन अन्नकूट उत्सव मनाया जाता है यह त्योहार भारत में सभी जगह मनाया जाता है खासकर मथुरा ,वृन्दावन गोकुल गोवर्धन पूजा से इस जगह भाभ्यता बढ़ जाता है इस दिन भगवान कृष्ण के गोकुल के लोगो को गोर्बधन पूजन के बोला था आप लोग गोवर्धन का पूजन करे ओर साथ में देवराज इंद्रा का घमंड का नाश किया था कृष्ण ने व्रजवासी को मुसलाधार वर्षा से बचाने के लिए 7 दिन तक गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी ऊंगली पर उठाकर इंद्र का अपमान किया था उनके सुरर्शन चक्र के प्रभाव से ब्रजवासी के ऊपर वर्षा का एक भी बूंद नहीं गिरा सभी लोग सुखपूर्वक रहे थे. तब ब्रह्मा जी ने इंद्र को बताया पृथ्वी पर कृष्ण का जन्म हुआ है उनसे बैर नहीं लो तब इस जानकारी के बाद इन्द्र लज्ज्ति हुए भगवान कृष्ण से क्षमा मांगे.
क्या है गोवर्धन पूजा का महत्व
गोवर्धन पूजा ख़ुशी का उत्सव है इस दिन जो दुखी रहेगा वह पूरे वर्ष दुःख में रहते है ,इस दिन गाय ,बैल साथ में खेती के काम करने वाले पशु को पूजन किया जाता है . यह पूजा अहंकार यथा शक्ति प्रदर्शन को झुकाने के लिए दर्शाता है समाज को सिखाने के लिए आप अपने आप को बड़ा नही समझे आपसे भी बड़ा लोग है अपने उपर अहंकार नहीं करे।
कैसे करे गोवर्धन पूजा
इस दिन गाय के गोबर के गोवर्धन बनाकर उसे फुल से सजाकर धूप -दीप नैवेद तथा फल को चढ़ाये .
कब है गोवर्धन पूजन
इस साल गोवर्धन पूजन 14 नवम्बर 2023 दिन मंगलवार सुबह 06:06 से 08:17 तक मनाया जायेगा. प्रतिपदा तिथि का आरम्भ 13 नवम्बर 2023 दिन सोमवार दोपहर 02 :56 मिनट से आरम्भ होगा प्रतिपदा तिथि का समाप्त 14 नवम्बर 2023 दिन 02:36 दोपहर तक है
ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष , वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
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