Govardhan Puja Katha: इस कथा के बिना अधूरी है गोवर्धन पूजा, श्रीकृष्ण बरसाएंगे अपना आशीर्वाद

Govardhan Puja 2024 Katha: गोवर्धन पूजा कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाई जाती है, जो दिवाली के पांच दिवसीय उत्सव का चौथा दिन है. इस अवसर पर भगवान श्रीकृष्ण, गऊ माता, गोवर्धन पर्वत और अन्न का पूजन किया जाता है. आइए, गोवर्धन पूजा से संबंधित कथा के बारे में जानते हैं.

By Shaurya Punj | November 2, 2024 12:04 PM
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Govardhan Puja 2024 Katha: गोवर्धन पूजा का हिंदू धर्म में अत्यधिक धार्मिक महत्व है. इस उत्सव को अन्नकूट के नाम से भी जाना जाता है. यह विशेष दिन भगवान कृष्ण की आराधना के लिए अत्यंत उपयुक्त माना जाता है. वैदिक पंचांग के अनुसार, श्री कृष्ण को समर्पित यह पर्व कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है. इस वर्ष गोवर्धन पूजा आज 2 नवंबर 2024 को आयोजित की जा रही है.इस त्योहार में एक विशेष व्रत कथा पढ़ने से श्री कृष्ण का आर्शीवाद प्राप्त होता है. आइए जानें

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गोवर्धन पूजा की कथा

श्री कृष्ण ने देखा कि सभी बृजवासी इंद्र की पूजा में लीन हैं. जब उन्होंने अपनी माता को भी इंद्र की पूजा करते हुए देखा, तो उन्होंने यह प्रश्न उठाया कि लोग इंद्र की पूजा क्यों करते हैं? उन्हें बताया गया कि इंद्र वर्षा करते हैं, जिससे अन्न की उपज होती है और हमारी गायों को चारा मिलता है. तब श्री कृष्ण ने कहा कि यदि ऐसा है, तो सभी को गोवर्धन पर्वत की पूजा करनी चाहिए, क्योंकि हमारी गायें वहीं चरती हैं.

उनकी बात को मानते हुए सभी ब्रजवासी इंद्र की पूजा के स्थान पर गोवर्धन पर्वत की पूजा करने लगे. देवराज इंद्र ने इसे अपनी अपमान के रूप में लिया और प्रलय के समान मूसलधार वर्षा करने लगे. तब भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठाकर ब्रजवासियों को भारी बारिश से सुरक्षित किया. इसके बाद इंद्र को यह समझ में आया कि श्री कृष्ण वास्तव में विष्णु के अवतार हैं और उन्होंने अपनी गलती का एहसास किया. अंततः इंद्र देवता को भगवान कृष्ण से क्षमा मांगनी पड़ी.

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