Govardhan Puja 2024: गोवर्धन पूजा आज, जानें शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

Govardhan Puja 2024: कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा को अन्नकूट और गोवर्धन पूजा का आयोजन किया जाता है. यह मुख्य रूप से प्रकृति की आराधना है, जिसकी शुरुआत भगवान कृष्ण ने की थी. इस दिन गोवर्धन पर्वत की पूजा प्रकृति के प्रतीक के रूप में और गाय की पूजा समाज के प्रतीक के रूप में की जाती है.

By Shaurya Punj | November 2, 2024 8:38 AM

Govardhan Puja 2024: वैदिक पंचांग के अनुसार, हर वर्ष कार्तिक मास में आने वाली शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर गोवर्धन पूजा का उत्सव मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने से भक्त के सभी दुख और कष्ट समाप्त हो जाते हैं। आज 2 नवंबर 2024 को कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को गोवर्धन पूजा का पर्व मनाया जा रहा है.

गोवर्धन पूजा आज

वैदिक पंचांग के अनुसार, इस वर्ष कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 1 नवंबर 2024 को सायं 06 बजकर 16 मिनट से प्रारंभ हो रही है, और इसका समापन 2 नवंबर को रात 08 बजकर 21 मिनट पर होगा. इस प्रकार, उदयातिथि के अनुसार गोवर्धन पूजा का पर्व 2 नवंबर 2024 को मनाया जाएगा.

Govardhan Puja 2024 Katha: इस कथा के बिना अधूरी है गोवर्धन पूजा, श्रीकृष्ण बरसाएंगे अपना आशीर्वाद

गोवर्धन पूजन विधि

इस दिन सबसे पहले शरीर पर तेल की मालिश करके स्नान करें. इसके पश्चात, घर के मुख्य द्वार पर गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत का चित्रण करें. साथ ही, उस पर्वत को घेरकर ग्वालपाल, पेड़ और पौधों की आकृतियाँ बनाएं. इसके बाद, गोवर्धन पर्वत के मध्य भगवान कृष्ण की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें. फिर गोवर्धन पर्वत और भगवान कृष्ण की पूजा करें. पूजा के उपरांत अपनी इच्छाओं की प्रार्थना करें. अंत में, भगवान कृष्ण को पंचामृत और विभिन्न पकवानों का भोग अर्पित करें. मान्यता है कि इस दिन जो लोग गोवर्धन पर्वत की पूजा करते हैं, उन्हें विशेष फल की प्राप्ति होती है.

गोवर्धन पूजा पूजा सामग्री

गोवर्धन पूजा के आयोजन के लिए निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होती है: थाली, रोली, अक्षत, बताशा, धूप और दीप, कलश, केसर, नैवेद्य, मिठाई, गंगाजल, पान, फूल, दही, शहद, फूलों की माला, खीर, सरसों के तेल का दीपक, गाय का गोबर, गोवर्धन पर्वत की तस्वीर, श्रीकृष्ण की प्रतिमा या चित्र, और गोवर्धन पूजा की कथा की पुस्तक.

Next Article

Exit mobile version