Grah Gochar 2025: नए साल में गुरु और शनि का गोचर, पड़ेगा ये प्रभाव

Grah Gochar 2025: वर्ष 2025 इस संदर्भ में अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस वर्ष कई प्रमुख ग्रहों का गोचर और वक्री अवस्था देखने को मिलेगी, जो मानव जीवन पर गहरा प्रभाव डालने वाली है. आइए, विस्तार से समझते हैं वर्ष 2025 में गुरु और शनि की चाल तथा उनके गोचर की तिथियों के बारे में.

By Shaurya Punj | December 30, 2024 12:38 PM

आचार्य संतोष
ज्योतिष एवं वास्तु विशेषज्ञ

Grah Gochar 2025: वर्ष 2025 में ग्रहों की चाल और गोचर सभी राशियों पर भिन्नभिन्न प्रभाव डालेंगे. इनके प्रभाव में आने वाले जातकों के लिए यहां कुछ उपाय बताये गये हैं, जो न केवल ग्रहों के नकारात्मक प्रभाव को कम करने में मदद करेंगे, बल्कि सकारात्मक ऊर्जा को भी बढ़ावा देंगे. इन उपायों के माध्यम से आप अपने जीवन को संतुलित और समृद्ध बना सकते हैं.

ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों की चाल और उनके गोचर का गहन महत्व है. यह न केवल मानव जीवन, बल्कि प्रकृति और समाज पर भी प्रभाव डालता है. सूर्य, चंद्र, बृहस्पति, शनि, बुध, शुक्र, मंगल, राहु और केतु जैसे ग्रह समयसमय पर राशि परिवर्तन करते हैं, जिसे गोचर कहते हैं. इन गोचर का प्रभाव सभी 12 राशियों पर भिन्नभिन्न रूप से पड़ता है. राहु और केतु सदैव वक्री चाल चलते हैं और यह कभी मार्गी अवस्था में नहीं आते हैं. अन्य मुख्य सात ग्रहों में सूर्य और चंद्रमा सदैव मार्गी अवस्था में रहते हैं और यह कभी भी वक्री नहीं होते हैं, लेकिन अन्य पांच ग्रह यानी कि मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र और शनि समयसमय पर मार्गी से वक्री अवस्था में और वक्री से मार्गी अवस्था में आ जाते हैं. वर्ष 2025 इस दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण है, क्योंकि कई बड़े ग्रहों का गोचर और वक्री अवस्था इस वर्ष होने जा रहा है, जो मानव जीवन पर अपना गहरा प्रभाव डालेंगे.आइए, विस्तार से जानते हैं वर्ष 2025 में गुरु और शनि की चाल, उनके गोचर की तिथियां.

Zodiac Sign Upay 2025: नए साल में ये राशियां होंगी प्रभावित, जरूर करें ये उपाय

बृहस्पति का गोचर

बृहस्पति यानी गुरु धन, ज्ञान, धर्म और विवाह का कारक ग्रह है. इसका गोचर दीर्घकालिक प्रभाव डालता है. वर्ष 2025 में बृहस्पति (गुरु) 14 मई, बुधवार को रात 11:20 बजे से अतिचारी अवस्था में रहेंगे. इस दौरान वे वृषभ राशि से मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे और अपनी चाल को तीन गुना तेज कर देंगे. अतिचारी अवस्था में ग्रह तेज गति से राशि बदलते हैं, फिर वक्री होकर उसी राशि में लौटते हैं और अंततः मार्गी होकर अगली राशि में प्रवेश करते हैं.इस दौरान 18 अक्तूबर, शनिवार को रात 09:39 बजे कर्क राशि में और 05 दिसंबर, शुक्रवार को दोपहर 03:38 बजे मिथुन राशि में गोचर करेंगे. यह स्थिति 8 वर्षों तक प्रभावी रहेगी, जिससे वैश्विक और व्यक्तिगत स्तर पर कई बदलाव देखने को मिलेंगे.

विशेष घटनाएं

शनि का प्रभाव : 29 मार्च, 2025 को शनि मीन राशि में प्रवेश करेंगे, जो बृहस्पति की चाल में भी प्रभाव डालेंगे.
राहु का गोचर : 18 मई, 2025 को राहु मीन से कुंभ राशि में प्रवेश करेगा, जो बृहस्पति के साथ युति बनाते हुए नई चुनौतियां ला सकता है.
यह अवधि ज्योतिषीय दृष्टि से अतिमहत्वपूर्ण है. व्यक्तिगत प्रभाव आपकी कुंडली में ग्रहों की स्थिति के अनुसार बदल सकता है.

शनि का गोचर

कर्मफलदाता शनि सबसे धीमी गति से चलने वाले ग्रह माने जाते हैं और वह एक राशि में करीब ढाई वर्ष तक रहते हैं. ऐसे में एक राशि चक्र पूरा करने में करीब 30 साल का वक्त लग जाता है. इनका गोचर धीमा होता है और इसका प्रभाव गहरा और दीर्घकालिक होता है.

शनि 29 मार्च, शनिवार को रात 11:01 बजे कुंभ राशि से मीन राशि में आयेंगे.

शनि मीन राशि में 13 जुलाई, 2025 को सुबह 9:36 बजे वक्री हो जायेंगे और करीब 138 दिन वक्री रहने के बाद 28 नवंबर को मार्गी होंगे.

शनि के उल्टी चाल से चलने से इन राशियों को लाभ मिलने के प्रबल योग बन रहे हैं.

शनि की साढ़े साती और ढैय्या का प्रभाव

साढ़े साती : मीन, कुंभ और मकर राशि पर प्रभाव रहेगा.

ढैय्या : कर्क और वृश्चिक राशि के जातकों को भी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है.

Next Article

Exit mobile version