Grah Gochar: इस समय रोहिणी नक्षत्र चल रहा है. 25 मई को सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश कर चुके है. सूर्य 8 जून तक इसी नक्षत्र में रहेगें. इस नक्षत्र में राहु पहले से ही मौजूद है. इसलिए अब सूर्य पर राहु की छाया पड़ रही है. इस समय सूर्य, राहु और शुक्र ये तीनों ग्रह वृषभ राशि में है. सूर्य दो शत्रु ग्रहों के साथ युति बना रहे है. जिसका अशुभ असर सभी राशियों पर पड़ेगा. आइए जानते है सूर्य के अशुभ असर से बचने के उपाय…
प्रतिदिन सूर्योदय से पहले उठकर नहाना चाहिए. इसके बाद उगते हुए सूरज को जल चढ़ाना चाहिए. जल चढ़ाने के लिए तांबे के लोटे का इस्तेमाल करें. इसमें चावल और फूल डालकर सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए. जल चढ़ाते समय ऊं घ्रणि सूर्याय नम: मंत्र का जाप करना चाहिए. साथ ही शक्ति, बुद्धि और अच्छी सेहत की कामना करनी चाहिए. ऐसा करने से सूर्य के अशुभ असर से बचा जा सकता है.
भविष्य पुराण के ब्राह्म पर्व में सूर्य पूजा का महत्व बताया गया है. इस अध्याय में श्रीकृष्ण ने सांब को सूर्य की महिमा बताई है. भगवान श्रीकृष्ण के अनुसार पूजा, व्रत और दान करने से सूर्य के अशुभ प्रभाव में कमी आ सकती है. सूर्य उपासना से उम्र बढ़ती है. शारीरिक परेशानियां दूर होती हैं और कामकाज में आ रही रुकावटें भी खत्म होने लगती हैं.
राहु के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए भैरव पूजा का विधान ग्रंथों में बताया गया है. इसके लिए भैरव मंदिर में सरसों के तेल का दीपक लगाना चाहिए. उड़द के बड़े बनाकर भगवान भैरव को नैवेद्य लगाना चाहिए. इसके अलावा गौमूत्र की कुछ बूंदे पानी में डालकर नहाने पर इसके अशुभ असर में कमी आ सकती है.
शुक्र के अशुभ असर से बचने के लिए देवी मंदिर में घी, दही, सफेद फूल, कर्पूर, सफेद कपड़ा, रूई, सफेद मिठाई, मावा या फलों का दान करना चाहिए. फलों के रस से देवी या शिवजी का अभिषेक करने से शुक्र का अशुभ असर कम हो जाता है. इनके अलावा किसी भी देवी मंदिर में मूर्ति पर फूलों का इत्र चढ़ाने से शुक्र के अशुभ असर में कमी आती है.
Posted by: Radheshyam Kushwaha