Grahan 2020 in June, Sutak Kal: मई के बाद आने वाले महिना जून में दो ग्रहण लग रहे है. फिर इसके तुरंत बाद 05 जुलाई को भी ग्रहण लग रहा है. कुल मिलाकर जून और जुलाई में तीन बड़े ग्रहण लग रहे है. पहले चंद्र ग्रहण (Lunar Eclipse) लगेगा, फिर इसके बाद सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse), फिर चंद्र ग्रहण लग रहा है. जैसे जैसे जून महिना नजदीक आ रहा है लोग पूछ रहे हैं कि आखिर ग्रहण कब (Grahan Kab Hai) लग रहा है. इस साल कुल 05 ग्रहण लगने वाले है. जून में लगने वाले दोनों ही ग्रहण भारत में दिखाई देंगे. जबकि जुलाई वाला ग्रहण अमेरिका, दक्षिण पूर्व यूरोप और अफ्रीका में दिखाई देगा. वहीं 21 जून को लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत, दक्षिण पूर्व यूरोप और एशिया में दिखाई देगा.
सूतक से अर्थ है खराब समय या ऐसा समय जब प्रकृति ज्यादा संवेदनशील होती है , ऐसे में किसी अनहोनी के होने की संभावना ज्यादा होती है. सूतक चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण दोनों के समय लगता है. ऐसे समय में सावधान रहना चाहिए और ईश्वर का ध्यान करना चाहिए. सूतक काल में हमें कुछ खास बातों का ध्यान रखाना चाहिए. किसी बच्चे के जन्म लेने के बाद भी उस घर के सदस्यों को सूतक की स्थिति में बिताने होते हैं. सूतक काल में किसी भी तरह का कोई शुभ काम नहीं किया जाता. यहां तक की कई मंदिरों के कपाट भी सूतक के दौरान बंद कर दिये जाते हैं. इस बार लगातार तीन बड़े ग्रहण लग रहे है. 05 जून को चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है. उपच्छाया चंद्र ग्रहण होने के कारण सूतक काल का प्रभाव कम रहेगा. लेकिन बहुत से लोग हर तरह के ग्रहण को गंभीरता से लेते हैं. जिस वजह से वो सूतक के नियमों का पालन भी करते हैं.
सूतक काल ग्रहण लगने पहले ही शुरू हो जाता है. इस समय खाने पीने की मनाही होती है, लेकिन गर्भवती महिलाओं, बीमार व्यक्ति, छोटे बच्चों और वृद्ध लोगों पर ये नियम लागू नहीं होते हैं, लेकिन ध्यान रखें कि सूतक काल लगने से पहले ही भोजन में तुलसी के पत्ते जरूर डाल दें, जिससे ग्रहण काल में जरूरत पड़ने पर इसे खाने का इस्तेमाल किया जा सके. सूतक काल के समय मन ही मन में ईश्वर की अराधना करनी चाहिए. इस दौरान मंत्र जाप कर सकते हैं. सूतक काल के दौरान भूलकर भी तुलसी के पौधे को नहीं छूना चाहिए.
05 जून की रात्रि को 11 बजकर 15 मिनट से 6 जून को 2 बजकर 34 मिनट तक रहेगा, ये उपच्छाया ग्रहण होगा. ये ग्रहण भारत, यूरोप, अफ्रीक, एशिया और ऑस्ट्रेलिया में दिखाई देगा. उपच्छाया चंद्र ग्रहण होने के कारण सूतक काल का प्रभाव कम रहेगा.
21 जून की सुबह 9 बजकर 15 मिनट से दोपहर 15 बजकर 03 मिनट तक रहेगा. दोपहर 12 बजकर 10 मिनट पर इस ग्रहण का सबसे ज्यादा प्रभाव रहेगा. इसे भारत समेत एशिया और दक्षिण पूर्व यूरोप में देखा जायेगा.
सुबह 08 बजकर 37 मिनट से 11 बजकर 22 मिनट तक रहेगा. इस दिन लगने वाला ग्रहण अमेरिका, दक्षिण पूर्व यूरोप और अफ्रीका में दिखाई देगा. इसका प्रभाव भारत में बहुत कम रहेगा.
सूतक काल के समय शुभ काम और पूजा पाठ नहीं की जाती है. भगवान की मूर्ति को स्पर्श करने की भी मनाही होती है. सूतक के समय मंदिरों के कपाट बंद कर दिये जाते हैं. गर्भवती महिलाओं के लिए सूतक काल विशेष रूप से हानिकारक होता है. सूतक काल के दौरान गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए. सूतक काल में काटने छाटने का काम भी नहीं करना चाहिए. प्रेगनेंट महिलाओं चाकू, ब्लेड, कैंची जैसी चीजों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. कहा जाता है है कि ग्रहण के समय धार वाली वस्तुओं का प्रयोग करने से गर्भ में पल रहे बच्चे के विकास पर इसका बुरा असर पड़ता है.