Guru Pradosh Vrat 2024 Katha: गुरु प्रदोष व्रत को अत्यंत शुभ और फलदायी माना जाता है.इस व्रत के माध्यम से भक्त भगवान शिव के साथ-साथ भगवान विष्णु की कृपा भी प्राप्त करते हैं.यह विश्वास किया जाता है कि गुरु प्रदोष का व्रत करने से व्यक्ति को 100 गायों के दान के समान फल की प्राप्ति होती है.शास्त्रों में वर्णित नियमों के अनुसार, किसी भी व्रत को तब पूर्ण माना जाता है जब पूजा के समय उसकी कथा का पाठ भी किया जाए.आपको गुरु प्रदोष की पूजा का सम्पूर्ण फल प्राप्त हो, इस उद्देश्य से हम आपको गुरु प्रदोष व्रत की कथा प्रस्तुत कर रहे हैं.
गुरु प्रदोष व्रत कथा
कथा इस प्रकार है कि एक बार इन्द्र और वृत्रासुर के बीच भयंकर युद्ध हुआ.उस समय देवताओं ने दैत्य सेना को पराजित कर दिया.अपनी सेना के विनाश को देखकर असुर वृत्रासुर अत्यंत क्रोधित हुआ और स्वयं युद्ध के लिए तैयार हो गया.मायावी असुर ने आसुरी माया से एक भयानक विकराल रूप धारण किया.उसके इस रूप को देखकर इन्द्र और अन्य देवताओं ने इन्द्र के परामर्श से परम गुरु बृहस्पतिजी का आह्वान किया.गुरु तुरंत आकर बोले-हे देवेन्द्र! अब तुम वृत्रासुर की कथा ध्यानपूर्वक सुनो- वृत्रासुर पहले एक महान तपस्वी और कर्मनिष्ठ था, जिसने गन्धमादन पर्वत पर कठोर तप करके शिवजी को प्रसन्न किया था.पहले यह चित्ररथ नामक राजा था, और तुम्हारे निकट जो सुरम्य वन है, वह इसी का राज्य था.अब वहाँ साधु प्रवृत्ति वाले विचारवान महात्मा आनंद लेते हैं.यह भगवान के दर्शन की अनुपम भूमि है.एक समय चित्ररथ ने स्वेच्छा से कैलाश पर्वत की ओर प्रस्थान किया.
गुरु प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त
गुरु प्रदोष व्रत आज 28 नवबंर महीने में मार्गशीर्ष मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जा रहा है.इस वर्ष, यह व्रत 28 नवंबर 2024 को सुबह 6:23 बजे प्रारंभ हो चुका है और 29 नवंबर 2024 को सुबह 8:39 बजे समाप्त होगा.अतः नवंबर महीने में गुरु प्रदोष का व्रत 28 नवंबर 2024 को आयोजित किया जा रहा है.